आज के दौर में बुजुर्ग हो या जवान, सभी तनाव लेते हैं लेकिन बच्चों को ऐसा एग्जाम के दौरान होता है। उन्हें एग्जाम में स्ट्रेस बहुत ज्यादा होता है। जब उनके सिर पर एग्जाम होते हैं, तो वह बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं और यह स्ट्रेस हर इंसान अपनी जिंदगी में एक बार महसूस करता है। हम आपको बताएंगे कि एग्जाम में स्ट्रेस को आप कैसे कम करें। एग्जाम में स्ट्रेस होना आम बात है यह सभी के साथ होता है, लेकिन आपको इससे घबराने की जरुरत नहीं है।
एग्जाम में स्ट्रेस होने पर इससे कैसे निपटे?
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, कि जो बच्चे पूरे साल पढ़ाई करते हैं और जो बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं करते हैं, ऐसा करने वाले दोनों बच्चों को बराबर का ही स्ट्रेस होता है। ऐसा होने पर आप सही ढंग से एग्जाम में परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। एग्जाम में स्ट्रेस सभी को होता है। ऐसा होने पर पढ़ने वाले बच्चे भी एग्जाम में अच्छे से पेपर नहीं दे पाते हैं।
क्या ऐसा कुछ है जिससे एग्जाम में स्ट्रेस कम कर सकते हैं?
हां, परीक्षा तनाव को प्रबंधित करने के लिए बहुत सी चीजें हैं। वे योगदान बिंदुओं की तरह हैं जिन्हें परीक्षा के दौरान तनाव का प्रबंधन करते समय हमें ध्यान में रखना चाहिए। आपको डरने की जरूरत नहीं है। सबसे पहले आपकी जीवनशैली महत्वपूर्ण है। अच्छी तरह से खाएं, और सुनिश्चित करें कि उचित पोषण प्राप्त करने में सक्षम हैं। यह हमेशा स्वास्थ्य है कि पहले आना चाहिए, है ना?
एग्जाम में स्ट्रेस कम करने के तरीके
छोटे लक्ष्य बनाएं जिन्हें हासिल किया जा सके
10 घंटे में 10 चैप्टर ऐसा बिल्कुल भी ना करें ! क्योंकि ऐसा करना संभव नहीं है इससे आपको एग्जाम में स्ट्रेस होने की ज्यादा संभावना होती है। अगर आप इसे आधा कर देंगे तो ये आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा। आप यही कोशश करें कि अपने लक्ष्यों को छोटा रखें और धीरे धीरे इन्हें बढ़ाएं।
समय विभाजित करें
समय के साथ काम करने के लिए एक अच्छी योजना बनानी होगी। आपको अपना समय विभाजित करना चाहिए, जिससे आप पूरे समय का एक बेहतर समय से उपोयग कर सकते हैं। आपको यह समझना होगा कि एग्जाम में स्ट्रेस को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप समय को विभाजित करें। ऐसा करने से आप समय पर काम पूरा करने में सक्षम रहेंगे। जब आपका काम पूरा हो जाता है, तो आप आश्वस्त होते हैं और समस्या के बारे में कम चिंतित होते हैं।
अकेले पढ़ाई ना करें
2004 में, हुए एक अध्ययन चौकाने वाला सच सामने आया है दरअसल लिंग्युस्टिक एंड एजुकेशन (Linguistics and Education) में प्रकाशित एक शोध पत्र में कहा गया है कि अपने साथियों के साथ पढ़ाई करना एक प्रभावी अध्ययन तकनीक है क्योंकि ऐसा करने से आपके नोट्स के साथ आप दुसरो के नोट्स से भी पढ़ सकते हैं।
अपनी पसंदीदा जगह पर पढ़ाई करें
यह केवल आपको पता है कि आपका मन सबसे ज्यादा पढ़ाई में किस जगह पर लगता है तो इसलिए आप वही बैठ कर पढ़ाई करें। आप जिस जगह पर भी पढ़ाई करें इस बात का ध्यान रखें की उस कमरे में प्रकाश बेहतर रहे ताकि आपकी आँखों के साथ आपक दिमाग पर कम जोर पड़े। क्योंकि प्रकाश में पढ़ाई करना आपके लिए जायदा अच्छा होगा। अपने पढ़ने वाले स्थान पर साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
खाना, सोना और अच्छी तरह से व्यायाम करें
यदि आप अपने एग्जाम में स्ट्रेस को कम करना चाहते हैं तो आपको समय से खाना खाना भी बहुत जरुरी है तभी आपका दिमाग भी चलेगा। इसके साथ ही आपको सोना भी उतना ही जरुरी है जितना की खाना क्योंकि आप जितना ज्यादा देर तक पढ़ाई करने के लिए जागेंगे तो उसकी वजह से भी आपको स्ट्रेस हो सकता हैं इसलिए आप 6 से 7 घंटे की नींद जरूर लें। कैफीन का सेवन कम करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। आपको व्यायाम करना जरुरी है क्योंकि इससे भी आप अपने एग्जाम में स्ट्रेस को कम कर सकते हैं।
मैडिटेशन करें
जिस तरह साँस लेना जरुरी है,उसी तरह आपके दिमाग को शांत रहना भी बहुत जरुरी है इसके लिए आपको मैडिटेशन करना होगा ऐसा करने से आप किसी भी चीज पर आसानी से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। इस तरह आप कम समय में अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो आपके एग्जाम में स्ट्रेस को कम करेगा।
घबराएं नहीं
छात्रों में एग्जाम से पहले घबराहट होती ही है। यदि आप ऐसा कुछ महसूस करते हैं, तो सबसे पहले गहरी साँस लें, ऐसे में आप पानी पिएं। याद रखें कि आमतौर पर हर समस्या से घबराना किसी भी समस्या का हल नहीं है। जब ऐसा किसी बच्चे के साथ होता है तो वह अपना पढ़ा हुआ भी भूल जाता है। एग्जाम में स्ट्रेस होने पर आप पॉजिटिव चीजों के बारे में सोचें एशिया करने से आप घबराएंगे नहीं।
सोशल मीडिया से दूर रहें
एग्जाम में स्ट्रेस को कम करने के लिए आप ऐसा भी कर सकते हैं क्योंकि सोशल मीडिया भी आपके दिमाग को भटकाने का काम करता है इसकी वजह से आप अपने ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है। कुछ बच्चे पढ़ाई के बीच में सोशल मीडिया अकाउंट चेक करने लगते हैं। ऐसा करना उसके मूड में अचानक परिवर्तन होने का भी एक कारण हो सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा ऐसा करता है तो उसे ऐसा करने से रोकें।
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