सभी गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। क्या आपको मालूम है कि गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग (Food craving) क्यों होती है ? ऐसा लगभग सभी गर्भवती महिलाओं के साथ होता है। लेकिन आप इसे कैसे कंट्रोल करें आज हम इसी से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सी चटपटी चीजें खाने का मन करता है।
गर्भावस्थ के दौरान, महिलाओं को अचार और आइसक्रीम जैसी कई तरह की चीजें खाने का मन करता है लेकिन ये सभी चीजें उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी खराब होती है।
फूड क्रेविंग क्या है?
फूड क्रेविंग (Food craving) का मतलब होता है जब आपको किसी भी चीज को खाने का बहुत तेज मन करता है और जब तक आप अपनी पसंदीदा चीज खा नहीं लेते तब तक आपका मन शांत नहीं होता है। ऐसा सभी के साथ होता है यह कोई बीमारी नहीं है। लेकिन ऐसा इसलिए होता है जब आप अधिक समय तक भूखे रहते हैं।
यही वजह है की आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग होने लगती है, जो उनके स्वास्थ्य को खराब कर सकती है। कई बार महिलाओं के वजन बढ़ने का कारण भी यही होता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग होना सही बात है?
गर्भावस्था का समय उस महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय उसे अपना बहुत ध्यान रखने की जरुरत होती है। फूड क्रेविंग किसी को भी हो सकती है और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में फूड क्रेविंग होना बहुत आम बात है। ऐसे समय में महिलाओं को केवल नमकीन, चटपटी और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों की क्रेविंग होती है। जब तक वह उनका सेवन नहीं करती हैं तब तक उन्हें अजीब सी बेचैनी होती है।
आइए ये समझते हैं की गर्भवती महिलाओं के लिए भोजन में विभिन्न तरह की चीजों को खाने का मन करता है। दरअसल सामान्य तौर पर,गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग पहली तिमाही के अंत तक देखने को मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया कि 76% महिलाओं को गर्भावस्था के 13 वें सप्ताह तक भोजन की कमी का अनुभव होता है। दूसरी तिमाही के दौरान फ्रीक्वेंसी और तेज हो जाती है। इस समय फूड क्रेविंग अपने चरम सिमा पर होती है।
गर्भावस्था में होने वाली फूड क्रेविंग
एक महिला सामान्य गर्भावस्था की लालसा का अनुभव करती है, गर्भावस्था की क्रेविंग कभी-कभी स्टेरॉयड पर पीएमएस की तरह महसूस कर सकती है। अगला, हम नौ सबसे आम गर्भावस्था cravings को सूचीबद्ध करते हैं।
मिठाई (Sweets)
मीठा सभी को बहुत पसंद होता है बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जिन्हें मीठा पसंद नहीं होता है? चॉकलेट और यहां तक कि ताजे फल जो बहुत मीठे होते हैं। हालांकि मीठा खाना भी जरुरी है लेकिन एक सिमित मात्रा में क्योंकि ये गर्भवती महिलाओं की रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है। डार्क चॉकलेट खरीदने की से पहले ये देखें कि उसमे चीनी की मात्रा कम हो और और इस बात का भी ध्यान रखें की उस खाद्य पदार्थ में दिल के लिए अनुकूल फ्लेवोनोइड होना चाहिए।
डेयरी उत्पाद (Dairy Products)
डेयरी उत्पादों को भी अधिक खाने से बचें खासकर तब जब वह महिला गर्भवती हो क्योंकि ये उनकी फूड क्रेविंग को बढ़ा सकती हैं। चीज़, मक्खन आदि खाने से बचें। दरअसल डायरी उत्पादों में कैल्शियम और चीनी दोनों होते हैं, जो गर्भवती महिला की क्रेविंग को दोगुना बढ़ाती है।
स्टार्चयुक्त कार्ब्स (Starchy carbs)
गर्भावस्था के 9 महीने के दौरान आपको बहुत अपने पूरे स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि इस समय आपकी शारीरिक ऊर्जा भी कम होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान क्रेविंग को रोकने के लिए और अपने शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने के लिए अनाज का सेवन करें। पास्ता, आलू और चावल में स्टार्च पाया जाता है ये आपकी फूड क्रेविंग को बढ़ाते हैं।
फास्ट फूड (Fast food)
आपको बता दें की फास्ट फूड में अधिकतर ज्यादा मसाले और मैदा का उपयोग किया जाता है। जो महिलाओं समेत बच्चों में भी फूड क्रेविंग को बढ़ाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के सामान्य गर्भावस्था के कारण आपके शरीर में अतिरिक्त सोडियम और कैलोरी को बढ़ा सकते हैं। ये गर्भावस्था के दौरान फ़ूड क्रेविंग को बढ़ाता है।
रेड मीट (Red meat)
उन लोगों के विपरीत जो इसके लिए एक मजबूत विरोधाभास का अनुभव करते हैं, कुछ गर्भवती महिलाओं में लाल मांस के लिए तीव्र cravings है। हार्मोन के उतार-चढ़ाव और कम लोहे के स्तर को दोष दिया जा सकता है। हालांकि यह आमतौर पर मॉडरेशन में लाल मांस का सेवन करने के लिए सुरक्षित है, पहले अपने डॉक्टर से जांच करना बुद्धिमानी है।
मूंगफली का मक्खन (Peanut butter)
सभी जानते हैं की मूंगफली का मक्खन कितना स्वादिष्ट होता है। मूंगफली का मक्खन विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग को बढ़ाता है। लालसा के लिए जिम्मेदार हो सकती है। एक चम्मच मूंगफली का मक्खन खाने से कैलोरी तो बर्न होती है लेकिन बाद में यह आपकी फूड क्रेविंग को बढ़ाता है।
गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग से कैसे निपटें
आपका गर्भावस्था का दौरा आपके चौथे महीने तक संभवत: समाप्त नहीं होगा। इस बीच, उनसे निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
- जैसे डार्क चॉकलेट, फल, दूध और दही जैसे स्वस्थ विकल्पों को अपने स्वास्थ्य के लिए चुने ऐसा करने से आप जंक फूड से बचे रहेंगे।
- उन खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रहें जिन्हें गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर्स खाने को मना करते हैं। जैसे कच्चे अंडे, अल्कोहल, कुछ प्रकार के मीट, मछली और अनपेक्षित डेयरी (unpasteurized dairy) उत्पाद शामिल है।
- गर्भावस्था के दौरान आपको आइसक्रीम का आनंद लेना आपकी सेहत के साथ-साथ होने वाले बच्चे की सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
- जब भी आपका कुछ चटपटा खाने का मन करे तो आप अपने ध्यान कही और लगाएं, इससे आपको फूड क्रेविंग नहीं होगी। आप चाहें तो बाहर इत्मीनान से टहलने जाए या अपने दोस्त को बुलाना पर विचार करें।
- गर्भावस्थ के दौरान फूड क्रेविंग को रोकने के लिए आप अपना सुबह का नाश्ता जरूर करें और यह थोड़ा हैवी हगा तो ये आपके लिए बेहतर रहेगा। ऐसा में एक बात का ध्यान रखें कि आप उन खाद्य पदार्थों को खाने की कोशिश करें जिनमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर मौजूद हो, ताकि आपका पेट लंबे समय तक भरा रहे और आपको ज्यादा खाने की क्रेविंग न हो।
- गर्भावस्था के दौरान आपको अपने पोषण पर बहुत ध्यान देंने की जरुरत है, लेकिन अपने आप को थोड़ा एक्टिव भी रखें ताकि आप सभी तरह का काम खुद से कर सके। गर्भावस्था के दौरान फूड क्रेविंग होना आम बात है आप इन विकल्पों को अपने लिए चुन सकते हैं। गर्भावस्था के समय आपको नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए। ताकि किसी भी तरह की दिक्कत होने से पहले आपको पहले पता चल सके।
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