घबराहट और बेचैनी होना आम बात है। लेकिन, अगर किसी को हर वक़्त घबराहट और बेचैनी बनी रहती है तो यह एक बड़ी समस्या हो सकती है। आजकल के अस्त-व्यस्त जीवनशैली और बढ़ते मानसिक दबाव की वजह से हर कोई तेजी से इस रोग के शिकार हो रहे है। बच्चो से लेकर हर उम्र के लोग इस समस्या के गिरफ्त में आ रहे हैं।
यह एक ऐसा रोग है, जिसमे मरीज को घबराहट और बेचैनी होने की वजह से उसके मन में कई नकारात्मक विचार हर समय चलते रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि घबराहट और बेचैनी रोग के लक्षण नजर आते ही अपने डॉक्टर से मिलकर इस रोग का ट्रीटमेंट करवाए।
कुछ लोगो में घबराहट और बेचैनी की समस्या इस हद तक हो जाती है की वह कुछ भी सोचने, समझने की स्थिति में नहीं रहते है। जिस वजह से उनका ध्यान अपने पर्सनल या प्रोफेशनल काम पर नहीं लगा पाता है, और इस स्तिथि को एंग्जाइटी डिसऑर्डर कहा जाता हैं।
घबराहट और बेचैनी रोग के कारण
आमतौर पर किसी भी व्यक्ति को चिंता और डर की वजह से घबराहट होती है –
- किसी के सामने बोलने में डर लगने की वजह से घबराहट और बेचैनी की समस्या हो सकती है।
- अनजान व्यक्ति से मिलने पर।
- इंटरव्यू देने से पहले हर किसी को घबराहट और बेचैनी की समस्या होती है।
- जब कोई पहली बार किसी काम की शरुआत करता है, तब भी उसे घबराहट की समस्या होती है।
- ऐसे मीटिंग में जाना जहाँ पर आपको लगता है की आप पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
- परीक्षा के पहले और परीक्षा देते वक़्त भी कुछ विद्यार्थियों में घबराहट और बेचैनी की समस्या होती है।
घबराहट और बेचैनी रोग के लक्षण
- पेट खराब होना और जी मिचलाना,
- दिल की धड़कन तेज होना,
- झटके लगना,
- ऐंठन या कापना,
- मुँह सुखना,
- हाथो में पसीना आना,
- अचानक ठंड और गर्मी लगना,
- तनाव में रहना,
- डर लगना,
- किसी भी काम को सही से न कर पाना,
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना,
- चक्कर आना,
- मांसपेशियों में तनाव रहना,
- सांस लेने में कठिनाई होना,
- एक ही बात बार-बार दोहराना,
- परेशान होना,
- बॉडी टेंप्रेचर में असंतुलन होना,
- डरावने सपने देखना।
घबराहट और बेचैनी रोग से बचने के उपाय
इस रोग से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते है –
- जब भी घबराहट और बेचैनी जैसा महसूस हो, तो धीरे-धीरे सांस ले।
- डॉक्टर को इस समस्या के बारे में बताये और उनसे जांच करवाएं।
- नकरात्मक सोच आने पर अपने ध्यान को भटकाए, ध्यान भटकाने के लिए आप टीवी देख सकते है या कुछ खेल सकते है।
- अपने दिमाग पर स्ट्रेस न डाले। आराम देने वाले काम करे जैसे की – किताब पढ़ना, गाने सुनना।
- नियमित रूप से व्यायाम करे।
- उठ कर पार्क में टहलने जाए।
- धूम्रपान करना बंद कर दे और कैफीन का भी सेवन कम करे, क्योंकि कैफीन और निकोटीन दोनों से घबराहट और बेचैनी रोग के होने का खतरा ज्यादा रहता है।
- तनाव को कम करने के लिए योग करे। इससे दिमाग शांत रहेगा और नकरात्मक सोच भी नहीं आएगी।
- पर्याप्त नींद ले। अगर आपको नींद की समस्या हो रही हो, तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिले।
- स्वस्थ भोजन करे।
- घबराहट दूर करने के लिए आप प्राकृतिक उपाय भी अपना सकते है, जैसे की – कैमोमाइल चाय, एल-थिएनाइन या ग्रीन टी, ओमेगा-3 फैटी एसिड (फैटी फिश जैसे ट्यूना और सालमन, अखरोट और अलसी के बीज), लैवेंडर, नींबू बाम (नींबू बाम आपको चाय, कैप्सूल या अन्य शांत जड़ी बूटियों के साथ संयुक्त करके मिल सकती है।)
घबराहट और बेचैनी रोग की बीमारी का इलाज दवाई से हो सकता है। इसके अलावा बातचीत से भी इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसे कॉग्निटिव बिहेवियर थैरेपी कहते हैं। अगर आपको घबराहट और बेचैनी रोग की समस्या ज्यादा हो रही हो या फिर ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आये तो तुरंत ही किसी डॉक्टर से परामर्श लें।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।