कराएं ग्लूकोमा का सबसे अच्छा इलाज | Glaucoma best treatment in India

आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा होने के साथ-साथ बहुत नाजुक भी होती हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए इनकी सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी आंखों का ख्याल रखना भूल जाते हैं। बढ़ता प्रदूषण और खान-पान की गलत आदतें भी हमारी आंखों को काफी नुकसान पहुंचाती हैं।

यही कारण है कि आजकल लोग 35-40 साल की उम्र तक आंखों की गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, ग्लूकोमा भी उनमें से एक है। ग्लूकोमा बीमारी में आंख का प्रेशर काफी बढ़ जाता है, उसके कारण आंख की नसों पर प्रभाव पड़ने लगता है। सही समय पर इलाज ना किया जाए तो मरीज अंधा भी हो सकता है।

 

 

ग्लूकोमा के लक्षण

 

  • सुबह सिरदर्द होना

 

  • मोतियाबिंद

 

  • बेचेनी होना

 

  • उल्टी आना

 

 

  • लाइट सेंस्टिविटी (ब्राइट लाइटें आंखों में समस्या पैदा करती हैं)

 

 

कराएं ग्लूकोमा का सबसे अच्छा इलाज | Glaucoma best treatment in India

 

डॉक्टर इसके इलाज के लिए लेजर थेरेपी और सर्जरी को चुनते हैं। निम्नलिखित तकनीकें आंख के भीतर तरल पदार्थ को निकालने और आंखों के दबाव को कम करने में मदद कर सकती हैं:

 

  • लेजर थेरेपी (Laser therapy): यदि आप आंखों की बूंदों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं तो लेजर ट्रेबेकुलोप्लास्टी एक विकल्प हो सकता है। यह भी इस्तेमाल किया जा सकता है अगर दवा ने आपकी बीमारी की प्रगति को धीमा नहीं किया है। आपका नेत्र चिकित्सक भी आई ड्रॉप्स का उपयोग करने से पहले लेजर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। यह आपके नेत्र चिकित्सक के कार्यालय में किया गया है। आपका नेत्र चिकित्सक उस कोण पर स्थित ऊतक के जल निकासी में सुधार के लिए एक छोटे लेजर का उपयोग करता है जहां परितारिका और कॉर्निया मिलते हैं। इस प्रक्रिया का पूर्ण प्रभाव स्पष्ट होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।

 

  • फ़िल्टरिंग सर्जरी (Filtering surgery): यह एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसे ट्रैबेकुलेटोमी कहा जाता है। नेत्र सर्जन आंख के सफेद भाग में एक छिद्र बनाता है, जिसे श्वेतपटल के रूप में भी जाना जाता है। सर्जरी तरल पदार्थ को आंख छोड़ने के लिए एक और जगह बनाती है।

 

  • ड्रेनेज ट्यूब (Drainage tubes): इस प्रक्रिया में सर्जन मरीज की आंख में एक छोटी ट्यूब डालते हैं ताकि अतिरिक्त तरल पदार्थ को आंखों के दबाव को कम करने के लिए निकाला जा सके।

 

  • मिनिमली इनवेसिव ग्लूकोमा सर्जरी (Minimally invasive glaucoma surgery): आपका नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों के दबाव को कम करने के लिए MIGS प्रक्रिया का सुझाव दे सकता है। इन प्रक्रियाओं में आमतौर पर कम तत्काल पोस्टऑपरेटिव देखभाल की आवश्यकता होती है और ट्रेबेक्यूलेटोमी या जल निकासी उपकरण का उपयोग करने से कम जोखिम होता है। उन्हें अक्सर मोतियाबिंद सर्जरी के साथ जोड़ा जाता है। कई MIGS तकनीकें उपलब्ध हैं, और आपका नेत्र चिकित्सक चर्चा करेगा कि कौन सी प्रक्रिया आपके लिए सही हो सकती है।

 

 

ग्लूकोमा के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल

 

 

यदि आप ग्लूकोमा के इलाज कराना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा इन सूचीबद्ध अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं:

 

  • सर्वोदय अस्पताल, मुंबई

 

  • श्री रामचंद्र मेडिकल सेंटर, चेन्नई

 

  • एमजीएम हेल्थकेयर प्रा. लिमिटेड, चेन्नई

 

  • फोर्टिस अस्पताल, मुंबई

 

  • सीके बिड़ला अस्पताल, कोलकाता

 

  • रेनबो हॉस्पिटल, दिल्ली

 

  • अपोलो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, चेन्नई

 

  • साइटकेयर कैंसर अस्पताल, बैंगलोर

 

  • ब्लैक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली

 

  • केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, अहमदाबाद

 

  • इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नोएडा

 

  • मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम

 

  • फोर्टिस अस्पताल, अहमदाबाद

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) या आप हमे (+919599004811) इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

 

 

डॉक्टर निदान के लिए कौन से टेस्ट का सुझाव देते हैं?

 

आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता आपके चिकित्सा इतिहास की समीक्षा करेगा और व्यापक नेत्र परीक्षण करेगा। आपका प्रदाता कई परीक्षण कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

 

  • टोनोमेट्री

 

  • इमेजिंग टेस्ट के साथ ऑप्टिक तंत्रिका के होने वाले नुकसान की जांच के लिए टेस्ट

 

  • ऑय टेस्ट

 

  • पचिमेट्री नामक टेस्ट यह टेस्ट डॉक्टर कॉर्निया की मोटाई को मापना के लिए करते हैं

 

  • गोनोस्कोपी (gonioscopy)

 

 

डॉक्टर को कब दिखाना है?

 

 

यदि आप ऐसे लक्षणों का अनुभव करते हैं जो अचानक आते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से  सलाह लेना चाहिए। लक्षणों में गंभीर सिरदर्द और आंखों में गंभीर दर्द शामिल हैं। आपको तुरंत इलाज की जरूरत है। यदि आप हमारे डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें

 

 

ग्लूकोमा कितने प्रकार के होते हैं?

 

ग्लूकोमा के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

 

  • ओपन-एंगल ग्लूकोमा

 

  • क्लोज्ड-एंगल ग्लूकोमा

 

  • नार्मल-टेंशन ग्लूकोमा

 

  • जन्मजात ग्लूकोमा

 

यदि आप ग्लोकोमा के इलाज (Glaucoma best treatment in India) कराना चाहते हैं, या इस बीमारी से सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकता हैं। आप हमसे  व्हाट्सएप (+91 9654030724, +919599004811) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

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