जानिये अच्छी वसा और खराब वसा में अंतर

 

 

वसा क्या है?

 

 

वसा एक न्यूट्रिएंट है, जो शरीर को जरुरी ऊर्जा प्रदान करता है। हमे सभी प्रकार के कार्य करने के लिए आहार में स्वस्थ वसा की आवश्यकता होती है, स्वस्थ वसा का मतलब अच्छी वसा जो शरीर के लिए अच्छा हो। अच्छी वसा आपके दिल को सुरक्षित रखता है और साथ ही आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है, जबकि खराब वसा रोग का खतरा बढ़ाता है और साथ ही दिल को नुक्सान पहुँचाता है। लगभग 60% मस्तिष्क वसा से बना है।

 

आइये जानते है अच्छी वसा और खराब वसा में अंतर और इसके प्रकार के बारे में।

 

 

वसा के प्रकार

 

 

  • असंतृप्त वसा (अच्छी वसा)

 

  • संतृप्त वसा (खराब वसा)

 

 

1. असंतृप्त वसा (अच्छी वसा)

 

ये संतृप्त वसा से भिन्न होते हैं इनकी रासायनिक संरचना में एक या अधिक बंधन होते हैं। असंतृप्त वसा हमारे लिए बहुत लाभदायक होता है। यह हमारे हृदय को स्वस्थ रखता है और हमारे शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को भी बाहर निकालता है। यह दो श्रेणियों में विभाजित है-

 

 

मोनो-असंतृप्त वसा (MUFA)

 

मोनो-असंतृप्त वसा आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं। यह आपके इंसुलिन के स्तर और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।

 

 

पॉली-असंतृप्त वसा (PUFA)

 

पॉली-असंतृप्त वसा फैटी एसिड का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। मानव शरीर ओमेगा 3 पैदा करने में सक्षम नहीं होता, इसलिए ओमेगा 3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं केवल भोजन के माध्यम से।

 

 

2 .संतृप्त वसा (खराब वसा)

 

संतृप्त वसा के ज्यादा सेवन से हृदय से जुड़े रोग हो सकते हैं। संतृप्त वसा हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी बढ़ा देता है। इस तरह के फैट को जितना कम हो सके उतना कम खाना चाहिए। वे पदार्थ जिनमे ये फैट पाया जाता है वो है – नारियल, आलू, केक, पिज़्ज़ा।

 

 

अच्छी वसा और खराब वसा में अंतर

 

 

  • खराब वसा नारियल तेल, वनस्पति तेल, मूंगफली, दूध, मक्खन और मांस में पाया जाता है जबकि अच्छी वसा जैतून का तेल, कैनोला तेल, सूरजमुखी तेल, मछली के तेल, अम्ल एवोकैडा और लाल मांस में पाया जाता है।

 

  • कुछ खराब वसा में स्टीयरिक, पामिटिक, मिरिस्टिक एसिड शामिल हैं जबकि कुछ अच्छे वसा फैटी एसिड में लिनोलिक, ओलिक, स्टीयरिडोनिक एसिड होते हैं।

 

  • खराब वसा अम्लों में एक उच्च गलनांक होता है जबकि अच्छे वसा अम्लों में कम गलनांक होता है।

 

  • बुरे फैटी एसिड यानी की खराब वसा ठोस होते हैं जबकि अच्छी वसा तरल होते हैं।

 

  • अच्छे वसा अम्ल तेल बनाते हैं जबकि खराब वसा अम्ल वसा बनाते हैं।

 

  • खराब वसा में अम्लों की कठोरता कम होती है जबकि अच्छे वसा में अम्लों की कठोरता अधिक होती है।

 

  • अच्छे फैटी एसिड के मुकाबले बुरे फैटी एसिड (खराब वसा) का शेल्फ जीवन अधिक होता है।

 

  • 10 % कैलोरी बुरे फैटी एसिड (खराब वसा) से आनी चाहिए जबकि 30% कैलोरी अच्छे फैटी एसिड से आनी चाहिए।

 

  • खराब वसा अम्लों के सेवन से एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग हो सकते हैं जबकि अच्छे वसा अम्लों के ज्यादा सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है।

 

 

आहार वसा पर अनुसंधान की प्रचुरता के बावजूद, अभी भी कोई सबूत नहीं है जो हृदय रोग जैसी नकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों के साथ खराब वसा को विशेष रूप से जोड़ता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश बुरे वसा का सेवन सीमित करना और पर्याप्त अच्छे वसा जैसे एवोकैडो और मछली का उपयोग करना, लंबी अवधि में एक स्वस्थ आहार के लिए आदर्श दृष्टिकोण है।

 

 

अगर आपको सीने में दर्द (Angina) या हृदय रोग जैसी कोई भी लक्षण दिखाई दे या महसूस हो, तो तुरन्त ही डॉक्टर से जांच कराये

 

 

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