हील इन इंडिया के अंतरगर्त मेडिकल टूरिज्म में GoMedii की बढ़ती भागेदारी

पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल टूरिज्म सेक्टर ने काफी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और एक अनुमान के अनुसार 2027 तक 273.72 बिलियन डॉलर की संभावना है| इस दौड़ में सबसे आगे रहने वाले भारत ने मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स 2020-21 में 10वां रैंक हासिल किया है, जो ग्लोबल हैल्थकेयर (global healthcare) के लिए एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन साबित हुआ है।

भारत सरकार देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन-स्टॉप टेक-हैवी पोर्टल “हील इन इंडिया” पर फोकस कर रही है, इससे भारत में इंटरनेशनल पेशेंट्स के आने की संभावना और भी बढ़ेगी। 

इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार इंटरनेशनल एक्सपर्ट (international experts) ने भारत के लिए 2022 में 13 बिलियन अमरीकी डालर (USD) के अनुमान के साथ 110% की आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिली है। इसके साथ ही यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक भारत में 30 लाख इंटरनेशनल पेशेंट्स अपना इलाज कराने आ सकते हैं। इस साल देश 2022 को “ईयर ऑफ़ मेडिकल टूरिज्म” बनाने के लिए आदर्श शुरुआत कर चूका है।

इस दृष्टि और विचार में योगदान करते हुए, GoMedii एक डिजिटल हेल्थ इनेबलर एंड फैसिलिटेटर (digital health enabler and facilitator) के रूप में मेडिकल टूरिज्म इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में काम कर रहा है।

 

 

मेडिकल टूरिज्म में आगे बढ़ता भारत

 

इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत ग्लोबल हैल्थकेयर इकोसिस्टम (global healthcare ecosysytem) में “फार्मा किंग” के रूप में उभर रहा है। आपको बता दें कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो इसे अधिकांश विकासशील देशों पर बढ़त बनाने का मौका देता है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान “हील इन इंडिया” की पहल इसे और भी अलग बनाती है इसके साथ ही आने वाले समय में कई गुना उपलब्धियां हासिल करने का मौका भी प्रदान करती है।

माननीय प्रधानमंत्री ने सही तकनीक, प्राइवेट और पब्लिक इंटरप्राइजेज के मिश्रण, और इफेक्टिव एग्जीक्यूशन की संभावना का भी उल्लेख किया है जो भारत को मेडिकल टूरिज्म का हब बना सकता है।

जहां तक मेडिकल Visa पर विदेशी पर्यटक के आने की बात (foreign tourist arrivals) करें, तो वर्ष 2017 से 2019 के बीच में 40% तक की वृद्धि देखी गई थी। इसका श्रेय वास्तव में भारत सरकार को जाता है। उन्होंने मेडिकल वीजा को आसान बनाने और ई-वीजा (e-Visa) को प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को सरल कर दिया है जिससे भारत में विदेशी मरीजों का इलाज जल्द हो सकेगा। 

जब बात पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की आती है तो इस आईडिया का उदाहरण संयुक्त अरब अमीरात (UAE), तुर्की (Turkey) और मलेशिया (Malaysia) जैसी समान अर्थव्यवस्थाओं के केस स्टडीज में हैं। मेडिकल टूरिज्म ने 2016 में दुबई में 1.4 बिलियन एईडी योगदान रहा है, इससे मलेशियाई अर्थव्यवस्था में  362 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, और तुर्की के मेडिकल टूरिज्म का मूल्य 2022 तक 3.5 बिलियन होने का अनुमान हैं।

इससे पता चलता है कि बहुत अच्छी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप ने उन्हें मेडिकल टूरिज्म उद्योग से अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में राजस्व (revenue) को सफलतापूर्वक बढ़ाने में मदद मिली है। अगर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की बात करें तो इसमें पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर के बीच एक साझेदारी होती है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा पारंपरिक रूप से प्रदान की जाने वाली परियोजना या सेवा प्रदान करना है।

यह इस तथ्य को पुष्ट करता है कि पब्लिक और प्राइवेट स्टेकहोल्डर के बीच एक अच्छी साझेदारी भारत में मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में बेहतर क्षमता के साथ-साथ अच्छी बढ़ोतरी ला सकती है।

 

 

मेडिकल टूरिज्म का नियमित संचालन

 

सबसे सराहनीय प्रयासों में से एक है कि भारत सरकार ने मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री के संगठन को नेशनल स्ट्रेटेजी एंड रोडमैप फॉर मेडिकल एंड वैलनेस टूरिज्म (National Strategy & Roadmap for Medical & Wellness Tourism) के साथ शुरू किया है। इसमें मेडिकल वैल्यू ट्रैवल फैसिलिटेटर्स (Medical Value Travel Facilitator) भी शामिल है जो प्राइवेट स्टेकहोल्डर को सरकार के नीति निर्माण का हिस्सा बनने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

यह काफी हद तक GoMedii जैसे हेल्थ टेक प्लेटफॉर्म को औपचारिक रूप देगा और मान्यता देगा जो दुनिया भर में लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा को आसान और अफोर्डेबल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

ऑउट पेशेंट केयर को आसान बनाने के लिए भारत सरकार इस रणनीति के तहत एक बोर्ड स्थापित करके इस ऑनलाइन पोर्टल को लॉन्च करने के लिए तैयार है, जो इंटरनेशनल पेशेंट ट्रेवल और डेटा मैनेजमेंट (international patient travel and data management) को आसान बना देगा। यह सभी उद्योग समस्याओं के लिए वन स्टॉप सलूशन (one step solution) के रूप में काम करेगा और पेशेंट केयर सिस्टम प्रणाली को सुविधाजनक बनाने में प्राइवेट स्टेकहोल्डर के महत्व को उभारेगा। 

इसके लाभों में शामिल है एक अच्छी तरह से वेल रेगुलेटेड एंड पालिसी ड्रिवेन-सिस्टम अंडर गोवेर्मेंट सुपरविजन और विभिन्न पेशेंट-सेंट्रिक (patient-centric) सर्विसेज जैसे क्वालिटी हैल्थकेयार (quality healthcare), ट्रांसपेरेंट नॉलेज शेयरिंग (transparent knowledge sharing), और अदर अलाइड सर्विसेज (other allied services) प्रदान करने वाले मेडिकल टूरिज्म फैसिलिटेटर (medical tourism facilitator) शामिल होंगे।

 

 

मेडिकल सेक्टर में हेल्थ टेक का आधुनिकीकरण

 

पेशेंट डाटा मैनेजमेंट (patient data management) से लेकर ट्रीटमेंट प्रोसीजर और फिर पोस्ट-ट्रीटमेंट (post-treatment) तक, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग ने एंड-टू-एंड सलूशन (end-to-end soulution) प्रदान करने के लिए उद्योग को गतिशील बना दिया है। भारत अधिकांश इंटरनेशनल पेशेंट्स को पोस्ट-ऑपरेटिव केयर (post-operative care) जैसी सेवाओं को प्रदान करने में प्रतिबद्ध हैं।

COVID महामारी ने हेल्थ टेक (Healthtech) के महत्व को और भी ठोस बनाता है । टेलीमेडिसिन (Telemedicine), ऑनलाइन फ़ार्मेसीज़ (Online pharmacie) और डिजिलॉकर्स (DigiLockers) की शुरूआत ने हेल्थकेयर को महामारी के बाद की दुनिया में प्रगति के अगले स्तर पर पहुंचा दिया है।

हेल्थ टेक इनोवेशन ने विभिन्न बीमारियों को समझने में सफलता प्रदान की है और रोबोटिक सर्जरी जैसे सर्जिकल मेथड्स को विकसित किया है, जिससे पेशेंट केयर सिस्टम (patient-care system) प्रणाली में सुधार हुआ है।

इसका सामाजिक प्रभाव यह है कि इस टेक्नोलॉजी के साथ हेल्थकेयर ने दुनिया भर में सभी की मदद की है। हेल्थ टेक में सुधार करना अब सीमा पार बैठे हमारे फसिलिटेटर्स की जिम्मेदारी बन गई है। इन सुधारों से पेशेंट्स एंड मेडिकल ट्रेवलर्स (patients & medical travelers) को सशक्त बनाया है।

 

 

GoMedii ने बदले “इन-पेशेंट केयर” के मायने

 

GoMedii ने इन-पेशेंट केयर सिस्टम को और भी आसान बनाने के लिए नई पेहल की है। हमने  प्री-ट्रीटमेंट हॉस्पिटल और डॉक्टर डिस्कवरी और ट्रीटमेंट प्लानिंग से लेकर पोस्ट-ट्रीटमेंट केयर तक हॉस्पिटल में इन-ट्रीटमेंट तक की पूरी इलाज प्रक्रिया को आसान बनाया है।

हम पेशेंट ट्रीटमेंट वैल्यू चैन एंड कोलबोरेट विथ आल स्टेकहोल्डर ऑफ़ दा इकोसिस्टम (patient treatment value chain & collaborate with all stakeholders of the ecosystem) के साथ पहले स्थान पर आते हैं। अभी तक हमने दुनिया भर में 10000+ इंटरनेशनल पेशेंट्स का इलाज किया है, अभी हम 25+ देशों में काम कर रहे हैं। हमने “हील इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा देते हुए भारत में 200 से अधिक अस्पतालों का एक नेटवर्क तैयार किया है।

मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री में मूल और गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए एक व्यापक दिशा में समग्र, सच्ची, और बेहतर देखभाल प्रणाली के साथ हम प्रत्येक चरण में चिकित्सा यात्रा को आसान बनाने के लिए पेशेंट-सेंट्रिक हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी (patient-centric healthcare technology) के साथ उपचार प्रक्रिया को एकीकृत कर रहे हैं।

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Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।