कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जिनका इलाज नहीं हो सकता है, लेकिन इलाज के बावजूद उनके जानलेवा होने का खतरा बना रहता है. रहता है. पूरी तरह ठीक होने के बाद भी इन बीमारियों के दोबारा होने और जानलेवा साबित होने पूरा खतरा बना रहता हैं. इसी तरह की एक बीमारी है कैंसर (cancer). कैंसर के बारे में सुनकर अक्सर लोग ड़र जाते हैं. ड़रने की वजह है इससे जुड़ी जटिलताएं (Complications).
अगर किसी को सिर (head) और गले का कैंसर (Throat cancer) है तो उन्हें खाने-पीने का बहुत ध्यान रखना चाहिए. ऐसे लोगों के खाने में अगर कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) और शुगर (sugar) की मात्रा ज्यादा होगी तो उन्हें दोबारा कैंसर हो सकता है. यही नहीं कैंसर मौत का कारण बन सकता है. यह बात एक रिसर्च (research) में सामने आई है.
रिसर्च में पाया गया है कि कैंसर के इलाज से पहले के साल में जिन्होंने कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) और सुक्रोज, फ्रक्टोज, लैक्टोज और माल्टोज के रूप में शुगर ज्यादा लिया, उनमें मौत का खतरा ज्यादा होता है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर (International Journal of Cancer) में प्रकाशित अध्ययन में कैंसर के 400 मरीजों में 17 फीसदी से अधिक मरीजों में कैंसर की पुनरावृत्ति दर्ज की गई, जबकि 42 फीसदी की मौत हो गई.
अरबाना शैंपैन स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता अन्ना ई. आर्थर ने बताया कि कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) खाने वाले मरीजों और अन्य मरीजों में कैंसर के प्रकार और कैंसर के चरण में अंतर पाया गया. हालांकि उपचार (traetment) के बाद कम मात्रा में वसा और अनाज, आलू जैसे स्टार्च वाले भोजन खाने वाले मरीजों में बीमारी की पुनरावृत्ति और मौत का खतरे कम हो सकता है.
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