कान बहने की समस्या पर क्या उपाय करें और क्या सावधानी बरतें

 

 

आज के समय में लोगों को कान से जुड़ी समस्या ज्यादा हो रही हैं, इसके पीछे उनकी बिगड़ती जीवनशैली जिम्मेदार है। आपको बता दें कि एक जीवाणु या वायरल संक्रमण मध्य कान को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। ऐसे में कान के पीछे के हिस्से में सूजन और तरल पदार्थ बनने लगता है, इस कारण कान बहने की समस्या होती है। ऐसे में आप बिल्कुल घबराएं नहीं, इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह जरूर ले सकते हैं

 

 

कान बहने की समस्या पहले के समय में बुजुर्गों को ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में युवा इसका शिकार ज्यादा हो रहे हैं। उनकी गलत आदतें ही उन्हें इस बीमारी का शिकार बना रही हैं। क्या आपने कभी सोचा है की जिन लोगों को बिल्कुल सुनाई नहीं देता है, उन्हें कितनी दिक्कत होती होगी। उन्हें सभी चीजों को समझने के लिए इशारों की जरूरत पड़ती है। कान में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर आपको इसमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

 

 

 

कान बहने की समस्या का कारण

 

 

कान का संक्रमण तब होता है जब आपकी एक यूस्टेशियन ट्यूब में सूजन हो जाती है या ब्लॉक हो जाती है। जिससे आपके मध्य कान में तरल पदार्थ बनने लगता है। यूस्टेशियन ट्यूब छोटी ट्यूब होती हैं, जो प्रत्येक कान से सीधे गले के पीछे तक जाती हैं।

 

 

  • एलर्जी

 

 

  • कान में लम्बे समय तक ईयर फोन लगाकर रखना

 

 

  • कान खुजाने के लिए नुकीली चीज डालना जैसे गाड़ी की चाभी या माचिस की तीली

 

 

  • साइनस

 

 

  • धूम्रपान

 

 

  • हमेशा कान दबाकर सोना

 

 

  • मौसम बदलना भी इसके पीछे का एक कारण हो सकता है

 

 

  • ठंड के मौसम में कान में ठंडी हवा जाना पर भी दर्द होना।

 

 

 

कान बहने के लक्षण क्या हैं

 

 

 

कान के संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

 

 

  • कान के अंदर हल्का दर्द होना

 

 

  • कान के अंदर दबाव महसूस होना

 

 

  • कान का बार बार बंद होना

 

 

  • कान में सिटी जैसी आवाज आना

 

 

  • मवाद बहना

 

 

 

 

ये लक्षण किसी में भी लगातार बने रह सकते हैं। ये लक्षण एक या दोनों कानों में हो सकते हैं। आमतौर पर दोनों कानों में दर्द भी हो सकता है। 6 महीने से छोटे बच्चे जिन्हें बुखार या कान में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि आपके बच्चे को अधिक बुखार है तो ऐसे में उनके कान में भी दर्द जैसी समस्या हो सकती है।

 

 

 

कान बहने की समस्या से बचने के घरेलु उपाय

 

 

लहसुन

 

आपको बता दें की लहसुन कान बहने की समस्या को दूर करता है। इसके लिए आप एक लहसुन की कली को नारियल तेल में डालकर अच्छे से गर्म कर लें, उसके बाद जब यह ठंडा हो जाए तब ड्रॉपर से कान में इसकी 1 या 2 बूंद डालें। कुछ देर के लिए लेट जाएं ताकि कान में तेल पूरी तरह से अब्जार्ब हो सके।

 

 

 

भाप

 

यदि आपके कान में दर्द है तो आप इसमें गर्म कपड़े की भाप भी ले सकते हैं। दरअसल जब आपके कान में बहुत अधिक खुजली होती है, तो आपके कान का मॉइश्चर सूख जाता है। लेकिन जब आप भाप लेते हैं तो कान में दोबारा मॉइश्चर आ जाता है। आप इस उपचार को दिन में एक बार ही करें। इसके लिए पहले एक बर्तन में गर्म पानी करें। अब इसमें कपड़ा डुबोएं और अतिरिक्त पानी निचोड़ें। अब इस कपड़े से अपने कान को कवर कर लें, इस कपड़े को तब तक रखें जब तक यह ठंडा नहीं हो जाए ।

 

 

 

तुलसी

 

तुलसी सभी के घरों में पाई जाती है इसके सेवन के अनेक फायदे हैं क्या आपको मालूम है की तुलसी कान के इलाज के लिए भी बहुत कारगर है। तुलसी के पत्तों को पानी डाल कर गरम कर लें उसके बाद उसे गुनगुना होने पर कान में डालें इससे आपको कान के दर्द में काफी आराम मिलेगा।

 

 

 

प्याज

 

यदि आपका कान बह रहा है या उसमें तेज दर्द हो रहा है तो आप प्याज का रस निकल कर इसे गर्म कर लें और गुनगुना होने पर इसकी एक या दो बूंद अपने कान में डालें, इससे आपको आराम मिल जाएगा। इससे बहरापन व दर्द भी चला जाता है।

 

 

 

ब्रान्डी

 

ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हे ठंड के मौसम में कान में बहुत तेज दर्द होता है। ऐसे में आप कान के दर्द में ब्रान्डी की एक बूंद डालें इससे आपको काफी आराम मिलेगा।

 

 

 

यदि किसी को भी कान से जुड़ी कोई समस्या होती है तो उन्हें इसमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करना चाहिए। दर्द जैसी समस्या में आप इन घरेलु उपायों को कर सकते हैं।

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