खर्राटे दूर करने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

खर्राटे की समस्या महिलाओ और वयस्क पुरुष दोनों में होती है। 40% महिलाओ में यह समस्या होती है जबकि 30% व्यस्क पुरुषो में यह समस्या होती है जो की बड़े पैमाने पर दुःख की बात है विशेष रूप से बुजुर्ग खर्राटो से कमजोर हो जाते है 84 वर्ष की आयु तक पुरुषो को खर्राटे ज्यादा आते है है और 50 वर्ष की आयु तक महिलाओ को खर्राटे ज्यादा आते है खर्राटे सामाजिक निहितार्थ के अलावा महत्वपूर्ण पेशेवर चिकित्सा में शामिल हो सकते है इस दिशा निर्देशों के साथ अधिक नींद में मदद कर सकते है।

 

खर्राटे का उपचार के लिए करवट लेकर सोना

 

क्या आप तनावपूर्ण है या सोने के साथ साथ झूठ बोल रहे है तो खर्राटे होने का खतरा हो सकता है आप अगर पीठ के बल या सीधी अवस्था में सोते है तो खर्राटे आने की सम्भावना होती है लेकिन करवट लेकर सोने से खर्राटे होने का खतरा कम हो जाता है।

 

खर्राटे का इलाज के लिए शराब और धुम्रपान से दूर रहे

 

नींद की गोलियां जिनमे एल्कोहल होता है उसका सेवन करने से तनाव बढने का खतरा काफी हद तक बड जाता है, इसके साथ ही आपके जबड़े की मांसपेशिया कड़ी हो जाती है जिससे खर्राटे की समस्या शुरू हो जाती है कभी कभी गोलियों में यह सामग्री खर्राटो को कम करने का भी काम करती है खर्राटे हृदय रोग से जुड़ा हुआ असुरक्षित मुद्दा है इसलिए किसी भी समय एक दुसरे के साथ कभी नही किया जाना चाहिए अगर आप गोलियों के साथ शराब का सेवन कर रहे है तो अपने चिकित्सक से इस बारे में चर्चा कर ले।

 

खर्राटे का घरेलू इलाज के लिए कम वज़न

 

अगर आपके शरीर का वज़न कम है तो सोने से विशेष रूप से गर्दन की मांसपेशियो पर दवाब की स्थिति बन जाती है, जिससे खर्राटे की समस्या हो जाती है आप इसका ध्यान रखे तो निश्चित रूप इस समस्या को विफल किया जा सकता है।

 

अगर रोगियों को संभवतः दमा एलर्जी की प्रतिक्रिया हो रही है या वे सो रहे है और होंठो के माध्यम से हवा ले रहे है तो खर्राटे की समस्या बढ सकती है आपको इससे मदद मिलेगी अगर आप सोने से पहले एक एंटीहिस्टामिन का उपयोग करेंगे और आपको खर्राटे नही आएगे।

मुह को खुला रख कर सोने से भी खर्राटे की सम्भावना बढ़ जाती है अगर आपके दन्त चिकित्सक ने संयुक्त रूप से दांतों को बरक़रार रखे हुए है, तो इनके ढीले होने से यह खर्राटो को दूर करने में सक्षम हो सकता है।

 

खराटे आने का कारण

 

हर रोज सोने जाने का समय प्राप्त करे और ज्यादा सोने का कारण पता करे जिससे आप खर्राटे आने का कारण पता कर सके और उसे दूर करने का प्रयास कर सकते है।

 

खर्राटे क्यों आते है, अपना सिर उठा कर सोए

 

सोते समय आप सिर के नीचे तकिया रख कर सोए और मन को शांत रख कर सोए जिससे हम खर्राटे के खतरे को कम कर सकते है और आराम की नींद ले सकते है अगर आप झूठ बोलते है तो खर्राटे आने का खतरा बढ जाता है.

खर्राटे का उपाय के लिए सोने का एक समय निर्धारित करें

 

खर्राटे रोकने के लिए यह आवश्यक है कि आपके सोने का कोई निश्चित समय हो। सही समय पर सोने जाएं तथा इस समय को ना बदलें, क्योंकि इससे आपको काफी परेशानी होगी। रोज़ाना के समय का पालन करें। इससे आपको अवश्य लाभ मिलेगा।

 

खर्राटे क्यों आते है, नाक के रास्ते को साफ रखें

 

अगर आप खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आपको अपनी नाक का रास्ता साफ़ रखना होगा। नाक का रास्ता साफ़ ना होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है तथा गले के पास एक वैक्यूम बन जाता है। इस जगह को साफ रखने के लिए आप किसी डीकंजेस्टेन्ट का प्रयोग कर सकते हैं। आजकल बाज़ार में नाक की स्ट्रिप भी उपलब्ध है। इन सारे उपायों से आपके खर्राटे लेने की समस्या से आपको जल्दी ही छुटकारा मिल जाएगा।

 

 

खर्राटे का उपचार के लिए वातावरण को नम बनाएं

 

यह काफी आवश्यक है कि बैडरूम का वातावरण नम रहे। खर्राटे रोकने के उपाय, इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें। हवा सूखी होने से नाक के मेम्ब्रेन में परेशानी हो सकती है। इस प्रक्रिया में गले में भी खुजली तथा परेशानी होती है। चीज़ों को सामान्य रखने के लिए यह आवश्यक है कि आप बैडरूम का वातावरण नम रखें जिससे कि गले और नाक पर सूखेपन का हमला ना हो सके।

 

खर्राटे का घरेलू उपचार के लिए मुद्रा बदलने की क्रिया को जानें

 

खर्राटे रोकने के उपाय, अगर आप खर्राटे लेने की समस्या से उबरना चाहते हैं तो आपको मुद्रा बदलने की क्रिया जाननी पड़ेगी। इसके लिए अपने सिर को सामान्य से 4 इंच ऊपर उठाकर रखें। इससे आप सही प्रकार से सांस ले पाएंगे। इस प्रक्रिया में जीभ और जबड़ा आगे आते हैं। इससे आप आसानी से साँस ले पाते हैं और आपको खर्राटों की समस्या भी नहीं सताती है।

 

 

खर्राटे रोकने के उपाय के लिए खर्राटे लेने से कैसे बचें

 

खर्राटे का आयुर्वेदिक इलाज, गले के ऐसे कई व्यायाम हैं जिनसे खर्राटे लेना काफी कम हो जाता है। यह काफी आवश्यक है कि आप ये व्यायाम हर रोज़ 30 मिनट तक करें। यह एक प्रभावी तरीका है जिससे कि आप खर्राटे लेने की प्रक्रिया को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको वॉवेल या स्वरों की आवाज़ों का उच्चारण करना होगा। इस प्रक्रिया में आपकी जीभ काफी मुड़ेगी जिससे कि ऊपर के सांस लेने के स्थान की मांसपेशियां मज़बूत होंगी। इस व्यायाम से खर्राटों से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।


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