खर्राटे लेने की समस्या अगर आपको भी है, तो आपको सावधान होने की जरुरत है। इसे हल्के में न ले, और तुरंत ही डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं। खर्राटे लेना स्लिपिंग डिसऑर्डर का भी हिस्सा हो सकता है। आपके खर्राटे लेने से सिर्फ दुसरो की नींद ही खराब नहीं होती, बल्कि इस वजह से आपके दिल को भी नुकसान पहुँच सकता हैं।
जो लोग सोते वक्त खर्राटे लेते है, वो सतर्क हो जाएं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक खर्राटे लेने वाले लोगों को आकस्मिक मौत के साथ-साथ हार्ट अटैक होने का भी खतरा है, इसलिए खर्राटे की शिकायत को हल्के में न लेकर तुरंत ही डॉक्टर से जांच कराना चाहिए, नहीं तो यह अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता हैं।
इसके कुछ कारण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें सोने की करवट या शराब के सेवन की आदत में बदलाव करके बदला जा सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, इसका सही समय पर इलाज नहीं होने से ऐसे लोग हाई बीपी के शिकार हो सकते हैं, जो की हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
खर्राटे क्या है
सोते समय गले के पीछे का हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन जब संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशु वायब्रेट होते हैं। और इस वायब्रेशन से होने वाली आवाज को ही खर्राटे कहते हैं। रात को सोते समय रोगी इतनी तेज आवाज निकालता है कि उसके पास सोना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है।
खर्राटे के कारण
- अगर आपका टॉन्सिल बढ़ा हुआ है, तो आपको खर्राटे की समस्या हो सकती है,
- साईनस की समस्या होने पर भी हो सकते है आप इसके शिकार,
- नाक की झिल्ली का टेढ़ा होना,
- खूब शराब पीना।
इन सुझावों पर करें गौर
- खर्राटे के कारणों का पता लगाकर इलाज कराएं,
- एक करवट होकर न सोएं,
- खर्राटे से बचने के लिए विशेष तकिए का प्रयोग करें,
- वजन को नियंत्रित रखें,
- धुम्रपान छोड़े। इससे नाक की झिल्ली और गले में जलन होती है,
- नकली दांत सोते समय जरूर निकालें।
शोधो के मुताबिक
- शोध के मुताबिक ये बात सामने आई की, जो लोग खर्राटे लेते है उनमे उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) का खतरा हो सकता है, जो दिल की बीमारी या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
- जो व्यक्ति अधिक मात्रा में धूम्रपान का सेवन करता है, जिनमे अत्यधिक कोलस्टेरोल या जिनका वजन अधिक होता है, वैसे व्यक्तियों में हृदय रोग का खतरा ज्यादा होता है।
- 12 हजार 643 लोगों के अध्ययन में तेजी से खर्राटे लेने वाले 34 फीसदी लोगों में हार्ट अटैक का खतरा पाया गया है। खर्राटे न लेने वाले लोगों से तुलना करने पर खर्राटे लेने वाले लोगों में हार्ट स्ट्रोक का खतरा 67 प्रतिशत ज्यादा पाया गया। साथ ही, महिलाओं में खर्राटे के चलते उनके हाइपरटेंशन से ग्रस्त होने का खतरा भी पाया गया।
- कुछ मरीजों को करवट लेकर सोने से खर्राटे नहीं आते जबकि कुछ को नॉजल ड्रॉप्स डालने से आराम मिलता है। कुछ मरीजों को मशीन लगाने से भी आराम मिलता है। परेशानी बढ़ने पर गले का ऑपरेशन भी किया जाता है। यदि समस्या बहुत ज्यादा ही गंभीर हो तो गले में ट्रेकिया में छेद कर पीड़ित व्यक्ति को राहत दी जाती है। इसलिए इस समस्या को नजरअंदाज न करके डॉक्टर की सलाह तुरंत ही ले।
इन उपायों की मदद से इसे दूर किया जा सकता है
अगर खर्राटे की समस्या बहुत बढ़ गई है, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खर्राटे लेने का सीधा सम्बन्ध दिल से जुड़ी कई बीमारियों से है। इसलिए खर्राटों से बचने के लिए आप इन उपायों का प्रयोग कर सकते है।
मन को शांत रखें
जिन लोगो को रात को सोते समय खर्राटे लेने की आदत हो, उन्हें खर्राटे से बचने के लिए रात को सोते समय मन को शांत व मस्तिष्क को बाहरी विचारों से मुक्त रखकर सोना चाहिए।
भरपूर मात्रा में पानी पीएं
वजन कम करें
करवट से सोएं
धूम्रपान से बचें
नींद की गोलियों से बचें
एक्सरसाइज करें
नमक कम खाएं
सिर ऊंचा करके सोएं
भोजन की मात्रा कम लें
खर्राटे से होने वाली समस्या
- ब्लड प्रेशर की समस्या,
- मोटापा,
- हृदय रोग।
अगर आप भी हो रहे है खर्राटे की समस्या के शिकार तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह ले और उनसे जांच कराएं।
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