जाने किडनी में सूजन होने के कारण, लक्षण और इलाज।

 

किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता हैं। शरीर में यूरिया निर्माण से लेकर खून में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों और शरीर के विषाक्त पदार्थों बाहर करने का काम किडनी का ही होता है। खानपान और जीवनशैली के साथ कुछ प्रकार के इंफेक्शन की वजह से किडनी में सूजन की समस्या होती है। किडनी में सूजन की समस्या कई तरह की होती है। सूजन किस तरह से किडनी को प्रभावित करती है उसके आधार पर इसे बांटा गया है।

 

किडनी में मौजूद ग्लोमेरुली, ट्यूबल, मध्य गुर्दे ऊतक आदि इस समस्या से अधिक प्रभावित होते हैं। किडनी में सूजन की समस्या पुरानी बीमारी और किडनी इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को किडनी में सूजन की समस्या होती हैं तो वह डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।

 

 

 

किडनी में सूजन के प्रकार।

 

 

इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस (Interstitial Nephritis): इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस किडनी की नलिकाओं यानि नेफ्रोन में होने वाली सूजन की स्थिति को कहा जाता है। इस समस्या में किडनी के नलिकाओं के बीच सूजन आने की समस्या होती है।

 

 

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis): ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या में किडनी की सूक्ष्म कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। यह कोशिकाएं खून को फिल्टर करने का काम करती हैं और सूजन आने पर ये कोशिकाएं ठीक ढंग से अपना काम नहीं कर पाती हैं।

 

 

पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis):  किडनी का काम शरीर में यूरिन का निर्माण कर उसे बाहर निकालने के लिए मूत्राशय तक भेजना होता है। किडनी ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी फिल्टर कर बाहर निकालने का काम करती है। पायलोनेफ्राइटिस की समस्या में मूत्राशय और किडनी में सूजन होती है।

 

 

 

किडनी में सूजन होने के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

किडनी में सूजन होने की समस्या अधिक दर्दनाक होती हैं इसका इलाज जल्द-ही करवा लेना चाहिए इसके लक्षण भी आसानी से नज़र आने लगते हैं जैसे की –

 

 

  • पेशाब करने के दौरान दर्द व जलन होना।

 

  • पेशाब में मवाद आना।

 

  • पेशाब के रंग में बदलाव दिखना।

 

  • पेशाब में रक्त आना।

 

  • पेशाब करने की आदतों में बदलाव।

 

  • त्वचा में नमी आना।

 

  • बुखार आना।

 

  • त्वचा पर चकत्ते आना।

 

  • मानसिक स्तिथि कमजोर होना।

 

  • उल्टी व मलती होना।

 

  • बीपी बढ़ जाना।

 

  • बिना कारण शरीर का वजन बढ़ना।

 

  • गुर्दे के आसपास में दर्द महसूस करना।

 

  • गुर्दे के अलावा शरीर के अन्य भाग यानि हाथ, पैर में सूजन आना।

 

  • ब्लड प्रेशर हाई होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

 

 

 

किडनी में सूजन होने के कारण क्या होते हैं ?

 

 

किडनी में सूजन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की –

 

 

  • यदि कोई व्यक्ति किसी दवाई का अधिक सेवन करता हैं तो उसके संक्रमण के कारण भी किडनी में सूजन आ सकती हैं।

 

 

  • इम्युनिटी से संबंधित समस्या और हृदय रोग के कारण भी किडनी में सूजन हो सकती हैं।

 

 

  • किडनी स्टोन की समस्या होने के कारण किडनी में सूजन आ सकती है।

 

 

  • यदि किसी मनुष्य के खून में कैल्शियम अधिक हो जाता हैं उसके कारण भी किडनी में सूजन आ सकती हैं।

 

 

  • यदि किडनी संबंधित रोग किसी को हुआ है तो उसके परिवार के अन्य सदस्य को किडनी रोग हो सकता है।

 

 

  • खून में पोटैशियम कम होने के कारण भी किडनी में सूजन आ सकती हैं।

 

 

  • बैक्टीरियल संक्रमण के अधिक प्रहार किडनी पर पड़ने से किडनी में सूजन आ सकती है।

 

 

 

 

किडनी में सूजन का इलाज कैसे होता हैं ?

 

 

किडनी में सूजन की समस्या में डॉक्टर स्थिति और सूजन की गंभीरता के अनुसार इलाज करते हैं। कुछ मामलों में दवा के साथ कुछ थेरेपी लेने की जरूरत भी पड़ सकती है। हालांकि सामान्य कारणों से किडनी में सूजन आने की समस्या कुछ समय में बिना इलाज के भी ठीक हो सकती है। लेकिन इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। इसके अलावा किडनी में सूजन की समस्या के इलाज के लिए चिकित्सक कुछ दवाएं और खानपान में विशेष परहेज की हिदायत देते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में सूजन को कम करने वाली दवाओं के साथ चिकित्सक भोजन में सोडियम, पोटैशियम और प्रोटीन के कम सेवन की सलाह भी देते हैं।

 

 

 

किडनी में सूजन होने से किस प्रकार बचा जा सकता हैं ?

 

 

किडनी में सूजन यानि नेफ्राइटिस की समस्या में रोकथाम हर मामले में संभव नहीं है। लेकिन आप अपने खापान और जीवनशैली में सुधार कर इस समस्या से बचने में सफल हो सकते हैं। किडनी में सूजन की समस्या से बचने के लिए इन बातों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है जैसे की –

 

 

  • वजन को नियंत्रण में रखे।

 

  • शराब और धूम्रपान से बचे।

 

  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या को संतुलित रखे।

 

  • सोडियम की अधिक मात्रा से बचे।

 

  • किडनी को प्रभावित करने वाली दवाइयों का सेवन न करें।

 

  • अधिक मात्रा में पानी पिए।

 

  • किडनी के लिए फायदेमंद फूड्स का सेवन करें।

 

 

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