जाने कमजोर मसूड़ों का कारण और ठीक करने के उपाय

हमारे शरीर में दांतों के महत्त्व से कौन इनकार कर सकता है. जब बात दांतों की है इसे धारण करने वाले मसूड़ों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं. मसूड़ों में में आने वाली समस्याओं का प्रत्यक्ष प्रभाव दांतों पर पड़ता है. इसलिए जब भी सूजन हो, उनमें कमजोरी आए, ब्रश करने के बाद खून आए, दांत हिलने लगें और मुंह से लगातार दुर्गंध आए, तो ये सभी मसूड़ों की समस्या के लक्षण हैं. जब ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इससे शुरुआती चरण में छुटकारा पाना आसान है. लेकिन समस्या के बढ़ जाने पर बहुत मुश्किल हो जाता है.

 

कमजोर मसूड़ों का कारण

 

प्रारम्भिक लक्षणों को अनदेखा करना

 

किसी भी समस्या को यदि आप प्रारंभ में सुलझाने का प्रयास करें तो उसका निदान बेहतर और आसान होता है लेकिन यदि आप शुरुवात में उसे अनदेखा करेंगे तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. जब भी आपको मसूड़ों में सूजन होना, उनका कमजोर पड़ना, ब्रश करने के बाद खून आना, दांत हिलना और मुंह से लगातार दुर्गंध आना आदि मसूड़ों की समस्याएं नजर आयें तो आप सावधानी से इसका उपचार शुरू कर दें. क्योंकि यदि आप देर करेंगे तो इसके दुष्परिणाम के रूप में दांतों का टूटना और कई अन्य रोगों उत्पन्न हो सकते हैं. मसूड़ों में में आने वाले सूजन या खून को हलके में नहीं लेना चाहिए.

 

नियमित रूप से ब्रश न करना

 

रोजाना ब्रश करने से पुरे मुंह की स्वच्छता बनी रहती है. इसलिए नियमित रूप से ब्रश करने पर आप दांतों और मसूड़ों की कई समस्याओं से बच सकते हैं. लेकिन नियमित रूप से ब्रश न करना, आपके दांतों में ब्लॉक प्लाक पैदा कर सकता है. यही प्लाक नहीं हटाए जाने पर टार्टर बन जाता है. टार्टर को ब्रश भी साफ नहीं कर पाता है. ऐसे में आपके पास सिर्फ प्रोफेशनल क्लीनिंग के द्वारा ही सफाई का एकमात्र विकल्प रह जाता है. इसके कई संभावित कारण हैं जैसे धूम्रपान, डायबिटीज, आनुवांशिक कारण, कमजोर रोग प्रतिरोधी क्षमता आदि.

 

गिन्गिविटिज

 

जब मसूड़ों की समस्याएं बढ़ जाती हैं तो इसे गिंगिविटीज़ भी कहते हैं. इस दौरान आपके मसूड़ों का लाल होना, सूजन और दर्द, ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों का दांतों के ऊपर निकल जाना और लगातार सांस से बदबू आना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. गर्भवती महिलाओं में ऐसी समस्या होना आम बात है. इसलिए उन्हें अपनी सेहत व दांतों का ख़ास ख़्याल रखना चाहिए.

 

मसूड़ों की बीमारी

 

जब हम प्रारंभिक लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं तो मसूड़ों की ये बीमारी की दूसरे स्टेज पर पहुँच जाती है. इसके संकेत हमें मसूड़ों और दांतों के बीच मवाद बनने, दांतों का गिरने, दांतों व मसूड़ों के बीच बहुत अंतर आने, और खाने को चबाते समय सभी दांतों की स्थिति में बदलाव आने के रूप में नजर आता है.

 

मुंह की सफाई न होना

 

मसूड़ों की समस्याओं के प्रमुख कारणों में से एक ये है, मुंह की साफ-सफाई का ध्यान न रखना. जैसे खाना खाने के बाद हमें ठीक से कुल्ला कर लेना चाहिए जिससे दांतों के बीच फंसे कई चीजें जो बाद में सड़ सकती हैं, वो बाहर निकल जाती हैं. रोजाना ब्रश तो करना ही चाहिए. यदि आप नियमित रूप से ऐसा करेंगे तो आप इन परेशानियों से पहले ही बच सकते हैं.

 

मसूड़ों को मजबूत करने के उपाय

 

मूली

 

मूली कैलेशियम से भरपूर होती है। इसे सलाद औक सब्जी के रूप में भी खाया जाता है। इसके अलावा दांतों के लिए यह बैस्ट है। रोजाना खाने में सलाद के रूप में मूली अच्छे तरीके से चबा कर खाएं। इससे कमजोर दांतों और मसूड़ों को मजबूती मिलती है।

 

मेथी

 

दांत कमजोर है और ज्यादा ठंडा या गर्म खाने में परेशानी हो रही है तो पानी में मेथी दाने डालकर उबाल लें। इस पानी को ठंड़ा करके इससे कुल्ला करें और पानी से मसाज करें। इससे फायदा मिलेगा।

 

मूंगफली

 

मूंगफली को अच्छे से चबाकर खाएं, इससे दांतों को मजबूती मिलेगी। दांतों पर लगे कीडों को मारने के लिए इस्तेमाल करें यह टूथपेस्ट

 

अनार

 

अनार के फल की तरह इसके फूल भी बहुत गुणकारी है। इसके फूलों को छांव में सूखाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का मंजन रोजाना दांतों और मसूड़ों पर करें।

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