जब आप कही भी बाहर घूमने जाते है और वहां आपको बस का सफर करना पड़ता है या पहाड़ी रास्तों का सफर करते है तब आपको मोशन सिकनेस (Motion Sickness) होती है, इसे हिंदी भाषा में उलटी आना कहते है। यह बहुत ही आम समस्या है जिसका शिकार ज्यादातर लोग तब होते है जब वह कही यात्रा करते है। ऐसा होने पर उस व्यक्ति को अचानक बहुत तेज घबराहट होने लगती है। ऐसा होने पर उन्हें बहुत तेज उलटी आती है और उलटी आने के बाद उन्हें काफी रिलैक्स फील होता है।
मोशन सिकनेस क्या है? (What is motion sickness)
पहली बात तो ये की मोशन सिकनेस बीमारी नहीं है। दरअसल जब आपके शरीर का संतुलन बिगड़ता है तब ऐसा होता है, ये वह स्थिति है जब हमारे दिमाग को कान, आंख और त्वचा से अलग-अलग सिगनल मिलते हैं और हमारा दिमाग कंफ्यूज हो जाता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को दुविधा में डाल देता है, जिससे सिर चकराने लगता है और उबकाई आती है, यानी मोशन सिकनेस हावी हो जाती है।
ये बहुत कम लोगों को होता है जो लोग कार, ट्रेन, हवाई जहाज या नाव से यात्रा करते हैं, उन्हें ये समस्या ज्यादा होती है। कई लोग इस स्थिति से पीड़ित होते हैं, यदि वे एक रोलर कोस्टर या अन्य समान मनोरंजन पार्क में झूलों की सवारी भी करते हैं तब भी उन्हें ऐसा होने लगता है।
मोशन सिकनेस के लक्षण (Symptoms of motion sickness in hindi)
मोशन सिकनेस के लक्षण जल्दी पता नहीं चलते है। ऐसा होने पर आपको इसके लक्षणों को पहचानना ज्यादा जरुरी है।
चक्कर आना : अचानक जब आपको चक्कर आने लगे तो, ये इसके लक्षण हो सकते है।
लार उत्पादन में वृद्धि : जब आपके मुँह में बहुत ज्यादा लार बनने लगे और इसकी वजह से आपको अपने मुँह में खट्टा पन भी महसूस होता है।
भूख में कमी : जब आप कही बाहर सफर कर रहे होते है तब आप कम ही खाए तो आपके लिए अच्छा रेहगा। लेकिन बिना वजह भूख में कमी नहीं होनी चाहिए।
थकान : ऐसा होने पर आपको थकान भी महसूस होने लगती है, और इसकी वजह से अजीब सी बेचैनी भी होती है।
जी मिचलाना : सबसे पहले आपका जी मिचलाता है उसके बाद ही आपको उलटी आती है।
अचानक कमजोरी लगना : इस स्थिति में आपको सबसे पहले बहुत तेज कमजोरी का एहसास होता है।
ठंडे पसीना : मोशन सिकनेस होने पर उस व्यक्ति को पहले ठन्डे पसीने आते है। उसके बाद जी मिचलाता है और फिर उलटी आती है।
मोशन सिकनेस के कारण (cause of motion sickness in hindi)
- ऊँचे झूला झूलना
- पहाड़ी रास्तों पर सफर करना
- सफर के दौरान ज्यादा समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना
- सफर के दौरान ज्यादा खाने का सेवन करना
- हवाई जहाज में सफर करना
- बस में सफर करना
- सफर के दौरान पेट खाली रहना
- सफर में बहुत ज्यादा पानी का सेवन करना
- सफर से पहले मसालेदार भोजन करना
मोशन सिकनेस का इलाज ( treatment of motion sickness in hindi)
ऐसा होने पर कुछ लोग तुरंत डॉक्टर की सलाह लेते है, क्योंकि वो लोग बहुत जल्दी घबरा जाते है। कुछ लोगो को दवा से जल्दी इसलिए आराम हो जाता है क्योंकि यह एक साइकोलॉजिकल तरीका होता है उस व्यक्ति को अपने दिमाग को समझाने का की उसने दवाई ले ली है।
ऐसा होने पर आप ऊपर की ओर देखें क्योंकि इससे आपको एक ही चीज पर फोकस रहेगा कई बार ऐसा होता है की जब आप नीचे की और देखते है तब भी आपको उलटी आ जाती है।
गहरी साँस लेनी की कोशिश करें इससे आपको आने वाली उलटी का एहसास कम होगा, अगर आप उलटी को कम करना चाहते है तो नाक और मुँह दोनों से सांस लें। नहीं तो आप चिवंगम भी चबा सकते है इससे आपकी आने वाली उलटी का प्रभाव काम हो सकता है।
मोशन सिकनेस से बचने के उपाए
अदरक
ऐसी स्थति में आप अदरक का सेवन करना न भोले सफर से पहले अदरक की चाय का सेवन कर लें। इससे आप इस समस्या से बच सकते है।
सेब का सिरका
एक गिलास पानी में आप एक चम्मच सेब का सिरका मिला लें और उसके साथ आप शहद का भी इस्तेमाल कर सकते है।
पिपरमेंट
पेपरमिंट आपके होने वाले मोशन सिकनेस की समस्या से तुरंत निजात दिला सकता है। पुदीना में मौजूद मेन्थॉल पेट की मांसपेशियों को शांत करता है और मतली को कम करने में मदद करता है।
निम्बू
यदि आप सफर के दौरान इस समस्या से परेशान है तो आपको अपने साथ नींबू जरूर रखना चाहिए। एक गिलास पानी में आप नींबू डालकर इसका सेवन करेंगे तो आप इससे बचे रहेंगे।
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