मोतियाबिंद (cataracts) आंखों की एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं। पहले के समय में आमतौर पर यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों में ही देखने को मिलती थी लेकिन आजकल ये बीमारी धीरे-धीरे युवाओं ओर बच्चों को भी अपना शिकार बनाती जा रही है। कुछ ऐसी बीमारियाँ है, जिसके होने की वजह से आपको मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है और जिस वजह से धीरे-धीरे आपके आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
आइए जानते है मोतियाबिंद का कारण, लक्षण और उन बीमारियों के बारे में जो मोतियाबिंद बीमारी होने का कारण हो सकती हैं।
मोतियाबिंद का कारण क्या है?
- बढ़ती उम्र भी बन सकती है मोतियाबिंद होने का कारण
- मधुमेह (diabetes)
- सूरज की रोशनी आंखों पर देर तक पड़ना
- आंख में किसी तरह की चोट या सूजन होना
- अल्ट्रावायलेट रेडिएशन (Ultraviolet radiation) के संपर्क में आने से
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy) की वजह से भी हो सकती है यह समस्या
- अनुवांशिक (Genetic)
मोतियाबिंद के लक्षण
- आंखों में धुंधलापन होना या फिर आंखों की रोशनी घटना
- आंखों से रात में स्पष्ट दिखाई न पड़ना
- प्रकाश और चमक के प्रति संवेदनशीलता
- पढ़ने या अन्य काम करने के लिए तेज प्रकाश की आवश्यकता
- जल्दी-जल्दी चश्मे का लेंस बदलना
- आंखों से वस्तुएं पीली या धुंधले रंग की दिखाई देना
- एक आंख से एक वस्तु दो बार दिखाई देना
- दिन के प्रकाश में आंखें चमकना
- रात में वाहन चलाने में कठिनाई होना
मोतियाबिंद की समस्या पैदा करने वाली बीमारियां
मधुमेह (diabetes)
यह बीमारी शरीर के दूसरे अंगों जैसे किडनी और हृदय (Kidney and heart) को ही नहीं बल्कि आंखों को भी नुकसान पहुंचाती है। लगभग 80 प्रतिशत मधुमेह रोगियों को आँखों की इस बीमारी का सामना अवश्य करना पड़ता है, आंखों की इन समस्याओं में प्रमुख हैं− डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy), मोतियाबिंद तथा काला मोतिया (Black cataract)।
यूवाइटिस (Uveitis)
- यह एक प्रकार की सूजन है, जो की यूवेइआ में होता हैं। वैसे देखा जाए, तो अबतक इस बीमारी के होने का कोई भी कारण नहीं है। मोतियाबिंद की समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है, जो यूवाइटिस जैसी बीमारियों से घिरे होते हैं।
- यूवाइटिस अमेरिका, यूरोप और अन्य विकसित देशों में तेजी से फैल रही है। भारत में भी इस बीमारी के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। दुनिया में यूवाइटिस को कैंसर (Cancer) से भी बहुत अधिक खतरनाक माना जा रहा है।
उच्च निकट दृष्टि दोष (मायोपिया, (Myopia ))
जो लोग मायोपिया से प्रभावित होते हैं, उनमें मोतियाबिंद का खतरा कहीं अधिक होता है। डॉक्टर के मुताबिक बचपन में देखने की क्षमता का विकास होता और किशोरावस्था में आंख की लंबाई बढ़ती है, लेकिन मायोपिया होने की वजह से यह कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आंख में जानेवाला प्रकाश रेटिना पर केंद्रित नहीं होता। इसी वजह से तस्वीर धुंधली दिखाई देती है, लेकिन इस दोष को कॉंटैक्ट लेंस (Contact lens) या सर्जरी से ठीक कराया जा सकता है।
आँखों की कमजोरी के लक्षण
- दिनभर स्क्रीन के सामने बैठना
- देर तक कांटैक्ट लेंस का प्रयोग
- अधिक आँख मलने की वजह से कॉर्निया में स्क्रैच का आना
- बहुत अधिक मोबाइल फ़ोन पर गेम खेलना
अगर आपको भी आँखों से संबंधित कोई भी समस्या हो, तो उसे नजरअंदाज न करे या फिर कोई भी बीमारी होने पर तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे और उनसे सलाह ले, नहीं तो आगे चलकर और भी कई अन्य बीमरियों का सामना करना पर सकता है।
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