मुँह के कैंसर होने पर यह होंठ, मसूड़ों, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, तालु (मुंह की छत), मुंह का तल को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह घातक रूप ले सकता है और ऐसे में कैंसर की सर्जरी ही एकमात्र विकल्प होता है। वैसे तो कैंसर कई प्रकार का होता है, लेकिन जब कोई ऐसा कैंसर है जो बहुत आम है, यानी जिसके होने की संभावना ज्यादा होती है, तो वह है मुंह का कैंसर। यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और आप मुंह के कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं तो हम आपको कुछ हॉस्पिटल के नाम बताएंगे जहां पर आप अपना इलाज करवा सकते हैं। मुंह का कैंसर चेहरे से लेकर गले तक के क्षेत्र को प्रभावित करता है इसलिए आपको इसका इलाज जल्द कराना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में मुँह के कैंसर का इलाज कहां कराएं (Where to get treatment for oral cancer in Uttar Pradesh in Hindi)
यदी आप भारत में मुँह के कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा बताए गए इनमें से कोई भी हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा सकते हैं:
मुँह के कैंसर का इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल
- शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
मुँह के कैंसर का इलाज के लिए हापुड़ के बेस्ट अस्पताल
- शारदा अस्पताल, हापुड़
- जीएस अस्पताल, हापुड़
- बकसन अस्पताल, हापुड़
- जेआर अस्पताल, हापुड़
- प्रकाश अस्पताल, हापुड़
मुँह के कैंसर का इलाज के लिए मेरठ के बेस्ट अस्पताल
- सुभारती अस्पताल, मेरठ
- आनंद अस्पताल, मेरठ
यदि आप दिल्ली एनसीआर में मुँह के कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं तो ये हैं कुछ हॉस्पिटल्स के नाम :
मुँह के कैंसर का इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली
मुँह के कैंसर का इलाज के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल
- नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, गुरुग्राम
- पारस अस्पताल, गुरुग्राम
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।
मुंह के कैंसर का इलाज कैसे करें? (How to treat oral cancer in Hindi)
अधिकांश लोगों को इस कैंसर के इलाज के संभावित तरीकों का पता नहीं है। जिस कारण उन्हें समय पर इसका इलाज नहीं मिल पता है और इसके कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है। किसी भी अन्य बीमारी की तरह कुछ दवाओं के सेवन से भी मुंह के कैंसर को ठीक किया जा सकता है। ये दवाएं शरीर में इस कैंसर की गति को रोकती हैं, जिससे यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलता है। अगर किसी व्यक्ति को मुंह का कैंसर है, तो डॉक्टर इस तरह से मरीज का इलाज कर सकते हैं:
- रेडिएशन थेरेपी लेना: कई बार डॉक्टर ओरल कैंसर का इलाज रेडिएशन थेरेपी के जरिए करते हैं। इस थेरेपी के जरिए शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
- बायोप्सी सर्जरी: कभी-कभी ओरल कैंसर को बायोप्सी सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। इस सर्जरी में शरीर के कैंसरयुक्त ऊतक को हटा दिया जाता है और इस प्रकार रोग का उपचार किया जाता है।
- कीमोथेरेपी: कई बार डॉक्टर ओरल कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी अपनाते हैं। इस प्रक्रिया में व्यक्ति कैंसर को नष्ट करके ठीक हो जाता है। इस पद्धति का उपयोग लगभग हर प्रकार के कैंसर जैसे स्तन ट्रांसप्लांट, फेफड़ों के कैंसर, ब्रेन ट्यूमर आदि के इलाज के लिए भी किया जाता है।
- कैंसर सर्जरी: जब इस मौखिक समस्या से पीड़ित व्यक्ति को इलाज के किसी अन्य तरीके से राहत नहीं मिलती है, तो उस मामले में कैंसर सर्जरी की सिफारिश की जाती है। इसमें ट्यूमर और उसके आसपास के ऊतकों को सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है।
मुंह के कैंसर होने पर कौन सी समस्याएं होती हैं? (What are the problems with oral cancer in Hindi)
ऐसा माना जाता है कि किसी भी बीमारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर उसका इलाज कराना चाहिए। यह मुंह के कैंसर पर भी लागू होता है, इसलिए मुंह के कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को इसका सही समय पर इलाज करवाना चाहिए, नहीं तो मुंह का कैंसर घातक रूप ले सकता है और इससे पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
- खाना निगलने में कठिनाई होना : जैसा कि ऊपर बताया गया है, मुंह के कैंसर के प्रमुख लक्षणों में से एक निगलने में कठिनाई है। ऐसे में अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह समस्या बढ़ सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का भोजन चबाता है तो वह उसे निगल नहीं पाता है क्योंकि इस प्रकार उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- आवाज चली जाना: चूंकि, यह कैंसर मुंह के आसपास के अंगों में होता है। इसलिए, यदि यह लाइलाज बनी रहती है, तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है और व्यक्ति अपनी आवाज खो देता है। दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्ति को कोई भी शब्द बोलने में दिक्कत होती है और धीरे-धीरे यह समस्या काफी बढ़ जाती है।
- भावनात्मक रूप से कमजोर होना: मुंह के कैंसर होने पर मरीज शारीरिक और भावनात्मक रूप से कमजोर होने लगता है। चूंकि इस दौरान व्यक्ति को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिससे वह काफी तनाव में रहने लगता है।
मुंह के कैंसर का निदान कैसे किया जाता है? (How is oral cancer diagnosed in Hindi)
मुंह के कैंसर के निदान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेस्ट और प्रक्रियाओं में शामिल हैं:
शारीरिक परीक्षा: आपका डॉक्टर या दंत चिकित्सक असामान्यताओं को देखने के लिए आपके होठों और मुंह की जांच करेगा – जलन के क्षेत्र, जैसे घाव और सफेद धब्बे (ल्यूकोप्लाकिया) दिखने पर वह टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
बायोप्सी: यदि डॉक्टर को मुंह के अंदर के क्षेत्र में कुछ असामान्य घाव दिखता है तो डॉक्टर बायोप्सी नामक प्रक्रिया में प्रयोगशाला परीक्षण के लिए कोशिकाओं का एक नमूना निकाल सकता है। डॉक्टर ऊतक के नमूने को काटने के लिए एक उपकरण का उपयोग कर सकते हैं प्रयोगशाला में, कोशिकाओं का विश्लेषण कैंसर या पूर्व कैंसर के परिवर्तनों के लिए किया जाता है जो भविष्य के कैंसर के जोखिम का संकेत देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर एक्स-रे, सीटी, एमआर कराने की सलाह भी दे सकते हैं।
मुंह के कैंसर के लक्षण क्या है? (What are the symptoms of oral cancer in Hindi)
मुंह के छालों का लंबे समय तक बना रहना- हर व्यक्ति को मुंह के छालों की समस्या होती है, जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है।
- निगलने में परेशानी होना : उस स्थिति में भी मुंह का कैंसर हो सकता है, जब व्यक्ति को निगलने में परेशानी होने लगती है और यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जाती है।
- गले में सूजन: मुंह का कैंसर ऐसे व्यक्ति को भी हो सकता है जिसका गला सूज गया हो।
- अचानक वजन कम होना: अगर किसी व्यक्ति का वजन अचानक से कम हो जाता है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए और इसकी जांच करवानी चाहिए क्योंकि यह मुंह के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
- गला खराब होना
- मुंह में सफेद या लाल धब्बे
- जबड़े की जकड़न
मुंह में कैंसर होने के कारण (Cause of cancer in the mouth in Hindi)
मुंह के कैंसर आमतौर पर फ्लैट, पतली कोशिकाओं (स्क्वैमस कोशिकाओं) में शुरू होते हैं जो होंठ और मुंह के अंदर होता है। अधिकांश मुंह के कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं। हलाकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मुंह के कैंसर का कारण बनने वाली स्क्वैमस कोशिकाओं में उत्परिवर्तन का क्या कारण है। लेकिन डॉक्टरों ने ऐसे कारकों की पहचान की है जो मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। किन कारणों से मुंह के कैंसर होने की सम्भावना बढ़ती है। जिसमें शामिल है:
- तंबाकू का सेवन करना
- शराब का अधिक सेवन करना
- ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का होना
- होठों का अत्यधिक सूर्य के संपर्क में आना
- एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
यदि आप मुंह के कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं या इससे संबंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।