नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर, जानें इसके लक्षण और बचने के उपाय

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक मानसिक सिंड्रोम है. यह किसी व्यक्तित्व से जुड़ा एक मनोरोग होता है , जिसमें इंसान का खुद के प्रति लगाव इतना बढ़ जाता है कि , उसे सिर्फ अपनी खुद की भावना होती है और उसे दूसरों की परवाह नहीं रहती। ऐसे लोग (कई नार्सिसिस्ट) अपने रंग-रूप, शरीर और आदतों को बढ़ा-चढ़ाकर अपनी कमजोरियों को छिपा सकते हैं। ये लोग अपनी अलग आदतों की वजह से आकर्षक लगते हैं, और आपको आकर्षित कर लेते हैं, लेकिन इनका मोह आपको मानसिक और शारीरिक रूप से हानि पहुंचा सकता है।

 

यह एक प्रकार का पर्सनालिटी डिसऑर्डर है, जो व्यक्ति के भीतर जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास भर देता है। इस तरह का मानसिक विकार व्यक्ति के व्यव्हार पर प्रभाव डालता है। ऐसे लोग खुद को दूसरे से सर्वश्रेष्ठ मानने लगता है। आइए जानते हैं नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जुड़ी अन्य बातों के बारे में और इसके लक्षणों के बारे में।

 

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण

 

  • अपने में ही रहना और स्वार्थ से भरे काम करना,

 

  • कानून और कायदों को ताक पर रखना,

 

  • इस तरह के मानसिक विकार किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकता है,

 

  • खुद के प्रती बहुत ज्यादा लगाव होना और दुसरो से ज्यादा खुद को महत्व देना,

 

  • बाकियों को खुद के मुकाबले नीचे समझना,

 

  • अपने तरीके से काम न होने पर व्यक्ति बहुत ज्यादा उदास, गुस्सा और संशय में रहने लगता है,

 

  • जिम्मेदारी लेने से साफ इंकार कर देना और बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना,

 

  • लोगों का ध्यान हमेशा अपनी तरफ खींचने की कोशिश करता है,

 

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर होने का कारण

 

बहुत से ऐसे मानसिक विकार है , जो व्यक्ति के व्यवहार और विचार पर नियंत्रण न होने की वजह से होने लगता है। नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर भी उनमे से एक है, एनपीडी के कारणों को अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। लेकिन फिर भी इसके पीछे जो कारण अब तक मनोचिकत्सक मानते हैं उनमें प्रमुख रूप से –

 

  • वंशानुगत आनुवंशिक दोष,

 

  • माता-पिता से अवास्तविक अपेक्षाएं,

 

  • यौन संकीर्णता,

 

  • सांस्कृतिक प्रभाव,

 

  • जीवन में घटित घटनाओं के अनुभव,

 

  • व्यक्ति के आस-पास का खराब माहौल होना,

 

  • इसके अतिरिक्त बचपन में हुए दुर्व्यवहार के कारण, माता-पिता द्वारा बच्चे को जरूरत से ज्यादा लाड़ देना आदि हो सकते हैं।

 

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर को कैसे जांचें

 

सबसे पहले तो यह कि इस तरह के मानसिक विकार की पहचान करने में काफी समय लगता है। इसलिए इसके लक्षणों की पुष्टि होने पर इसके जांच के लिए मनोचिकत्सक व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक परिक्षण करता है। जिसमें व्यक्ति की बीती जिन्दगी के बारे में जाना जाता है और इसके आधार पर ही व्यक्ति में इस तरह का मानसिक विकार है या नहीं इसकी पुष्टि की जाती है।

 

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर का उपचार

 

इसके उपचार में मुख्य रूप से टॉक थेरेपी शामिल हैं, जिसे मनोचिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। यदि एनपीडी के लक्षण अवसाद या किसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के कारण होता हैं, तो अन्य विकार के इलाज के लिए उचित दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के इलाज के लिए कोई दवाएं नहीं हैं।

 

इस डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए , टॉक थेरेपी आपको दूसरों से बेहतर संबंध बनाने के तरीके सीखने में मदद कर सकती है , ताकि आपके रिश्ते अधिक सुखद, अंतरंग और पुरस्कृत हो सकें। अन्य लोगों के साथ सकारात्मक बातचीत विकसित करने से आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सुधार हो सकता है।

 

टॉक थेरेपी आपको इस रोग से छुटकारा दिलाने में इस प्रकार से मदद कर सकती है :

 

  • सहकर्मियों और साथियों के साथ व्यवहार सुधार करने में,

 

  • अपने व्यक्तिगत संबंधों को बनाए रखने में,

 

  • अपनी ताकत और क्षमता को पहचानें ताकि आप आलोचनाओं या असफलताओं को सहन कर सकें,

 

  • भावनाओं को समझने में,

 

  • चूंकि व्यक्तित्व लक्षणों को बदलना मुश्किल हो सकता है, इसलिए इस डिसऑर्डर को सुधार करने में आपको कई वर्ष भी लग सकते है। इसलिए डॉक्टर द्वारा निर्देशानुसार ही कोई दवा लें। समय के साथ, आपको अपने और दूसरों के साथ अपने संबंधों में अंतर दिखाई देने लगेगा।

 

निम्नलिखित जीवनशैली उपचार आपको थेरेपी से गुजरने में मदद कर सकते हैं, जैसे –

 

  • शराब, ड्रग्स और अन्य पदार्थों से बचें क्योंकि यह नकारात्मक व्यवहार को ट्रिगर करते हैं।

 

  • मूड सही रखने के लिए प्रति सप्ताह कम से कम तीन बार व्यायाम करें।

 

  • तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग और ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों को अपनाएं ।

 

  • नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी समस्याओं से उबरने में समय लगता है। अपने पुनर्प्राप्ति लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए और अपने आप को याद दिलाते हुए प्रेरित रहें कि आप क्षतिग्रस्त रिश्तों को सुधारने और अपने जीवन के साथ खुश रहने के लिए काम कर सकते हैं।

 

  • मानसिक विकार का उपचार करना थोड़ा मुश्किल होता है , क्योंकि इस तरह के विकार के बारे में पीड़ित व्यक्ति को यकीन दिलाने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है।

 

  • इसलिए इस तरह के मानसिक विकार के उपचार व्यक्तिगत साइको थेरेपी या फिर समूह आधारित साइको थेरेपी किया जाता है।

 

  • इसके साथ-साथ इसमें ट्रान्सफरेन्स केन्द्रित थेरेपी और स्कीमा केन्द्रित साइको थेरेपी का सहारा लिया जाता है।

 

 

ऊपर हमने नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण, कारण, जोखिम, रोकथाम और उपचार के बारे में बात की है। यदि आप कभी भी उपरोक्त लक्षणों में से किसी को महसूस करते हैं तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से मिले और उमसे परामर्श ले। इसे नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका चिकित्सा और दवाएं हैं।

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