पालतू जानवरों से सावधान इनसे हो सकती हैं कई बीमारियाँ

लंबे समय तक साथ रहने के कारण पालतू जानवरों, पक्षियों से लोगो को काफी लगाव हो जाता है और ये जानवर भी घर के सदस्य जैसे ही बन जाते हैं। क्या बच्चे, क्या जवान या बूढ़े सभी इन्हें बच्चों की तरह हाथ में उठाते हैं, खिलाते हैं, उनके साथ खेलते हैं, उनकी देखभाल करते है, यहां तक कि साथ में सुलाते भी हैं। यह पशु-पक्षियों के प्रति मानव के स्वाभाविक प्रेम का परिचायक है। इसी करण इस बात को ओर कोई भी गंभीरता से नहीं सोचता कि इनसे परिवार के स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंच सकता है, घातक बीमारियां भी हो सकती हैं।

 

पालतू जानवरों के संपर्क से होने वाली घातक बीमारियां

 

आपको यह जानकर आश्चर्य होया कि पालतू जानवरों से फैलने वाली कम से कम 100 बीमारियां ऐसी हैं, जिनका सीधा असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इनमें से कुछ तो इतनी घातक होती है कि पीड़ित व्यक्ति देखते ही देखते मर जाता है और डॉक्टर उसकी पहचान भी नहीं कर पाते। गायों से फैलने वाला रोग मेडकाउ तथा चूहे, कुत्ते, सुअर, गाय, भैंस आदि से फैलने वाला लेप्टोस्पाइरोसिस ऐसे ही जानलेवा रोग हैं, जिनसे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता का होना जरूरी होता है।

 

कुत्ते की गिनती इनसान के सबसे वफादार प्राणी के रूप में की जाती है, लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि मनुष्य को सेहत के लिए वह खतरा भी साबित हो सकता है। इसके मूत्र से लेप्टोस्पाइरोसिस नामक घातक रोग फैलता है। समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण मरीज की किडनी और लीवर को क्षति पहुंचने से जान भी खतरे में पड़ सकती है। आमतौर पर यह रोग बारिश में फैलता है। इसके अलावा कुत्ते के काट लेने से रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि इंसान के लिए घातक ये विषाणु अपने आश्रयदाता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते मतलब इनसे जानवर को कोई नुकसान नहीं होता है। यह विषाणु संबंधित जीव-जंतु के पेशाब के माध्यम से बाहर निकलते रहते हैं। यह मनुष्य की कटी-फटी, छिली या गली हईं त्वचा के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। हां, जिन व्यक्तियों की त्वचा कटी-फटी न हो उनके शरीर में ये विषाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। इस बीमारी के लक्षण हैं – आंख, नाक से पानी निकलना सिरदर्द, आंखों का लाल होना और दर्द रहना, बुखार आना, उल्टी होना, ठंड लगना, गर्दन में जकडन और दर्द, पैरों में दर्द रहना, पेट में दर्द होना आदि |

 

अधिकांश पालतू जानवरों के मल में कैंफिलोबैक्टर बैक्टीरिया होते हैं। ये बैक्टीरिया इन पशुओं को त्वचा व बालों के माध्यम से इंसानों में संक्रमण फैलाते हैं। जब हमारे शरीर में ये बैक्टीरिया पहुंच जाते हैं, तो फेफड़ों में तेज दर्द, दस्त और बुखार जैसी तकलीफें पैदा करते हैं।

 

गाय, भैंसे व अन्य दुधारू पशुओं के दूध को कच्चा ही पीने से टी. बी. ब्रूसेला बीमारी हो सकती है। यह रोग पशुपालन का व्यवसाय करने वालों को भी होने की आशंका रहती है।

रिंग वॉर्म

 

रिंग वॉर्म जानवरों से होने वाली सामान्य बीमारी है। जानवरों से ये बीमारी बच्चों और आपको भी हो सकती है। दरअसल छूने से इस बीमारी के वायरस फैलते हैं। रिंग वॉर्म के वायरस महीनों तक रह सकते हैं और इससे फंगल इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है। रिंग वॉर्म होने पर त्वचा पर छोटे बड़े गोल चकत्ते हो जाते हैं जिनमें से कई बार पानी निकलता है और बहुत ज्यादा खुजली होती है। जानवरों में ये बीमारी होने पर उनके बाल झड़ सकते हैं।

 

रेबीज

 

रेबीज आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली और बंदरों के काटने से होता है। रेबीज से रोगी का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और वो पागल हो सकता है। घर में रहने वाले जानवरों के काटने की संभावना तो कम होती है मगर अगर आपके शरीर पर पहले से त्वचा कटी हुई हो और जानवर की लार उस पर लग जाए, तो इस रोग के फैलने की पूरी संभावना होती है क्योंकि जानवरों की लार में भी इसके वायरस होते हैं।

 

बार्टोनेलॉसिस

 

ये एक बैक्टीरियल बीमारी है जो आमतौर पर बिल्लियों में पाई जाती है। ये बीमारी एक बिल्ली से दूसरी बिल्लियों में तेजी से फैलती है लेकिन कई बार बिल्ली के काटने या पंजों के खरोंच से ये बीमारी आदमियों को भी हो सकती है। इसके होने पर आपको इंफेक्शन हो सकता है और फ्लू जैसी हालत हो सकती है। इसके अलावा इस इंफेक्शन से दिल की बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है क्योंकि ये दिल के वाल्व को नुकसान पहुंचा सकता है।

 

लाइम डिजीज

 

लाइम डिजीज भी जानवरों से फैलने वाली ही एक बीमारी है। ये आमतौर पर जानवरों के शरीर पर पाए जाने वाले एक विशेष कीड़े से होती है, जिसे टिक्स कहते हैं। अगर आपका पालतू जानवर बाहरी जानवरों के संपर्क में रहता है तो ये बीमारी होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। टिक्स में ही वो बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो लाइम डिजीज के लिए जिम्मेदार होते हैं। लाइम डिजीज के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं या कई बार बुखार, सिर दर्द और जोड़ों में दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं।

 

अन्य बीमारियां

 

ज्यादातर बीमारियां जानवरों को होती हैं और उसके संपर्क में रहने से आदमी को होने की संभावना होती है मगर कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो सीधे आपके पालतू जानवर से आपको हो सकती हैं भले ही आप उसे रोज छुएं या न छुएं। इन बीमारियों में ल्यूकीमिया, इंफ्लुएंजा और हर्प्स प्रमुख हैं। इसके अलावा भी त्वचा में ऐसे ढेर सारे इंफेक्शन और खुजली वाले रोग हैं, जो जानवरों से आपको हो सकते हैं।

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