जाने अग्नाशय कैंसर क्यों होता है, भूलकर भी न करें इसके लक्षणों को नजरअंदाज

 

अग्नाशय हमारे शरीर का बहुत ही महत्‍वपूर्ण अंग होता है, इसे पाचक ग्रंथि भी कहा जाता है। अग्नाशय कैंसर बहुत ही ज्यादा गंभीर रोग है। यह कैंसर का ही एक प्रकार है। अग्नाशय में कैंसर अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं। इसी कारण 60 वर्ष या इससे ज्‍यादा उम्र के लोगों में अग्नाशय कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

यह कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरुषो को ज्‍यादा होती हैं। धूम्रपान करने के कारण पुरुषों में इसके होने का ज्‍यादा खतरा रहता है। धूम्रपान करने वालों में अग्नाशय कैंसर के होने का खतरा 2-3 गुने तक बढ़ जाता है।  इसलिए अग्नाशय कैंसर के लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से इलाज कराएं।

 

 

अग्नाशय कैंसर के लक्षण

 

 

इसे ‘मूक कैंसर’ भी कहा जाता है, क्‍योंकि इसके लक्षण छिपे हुए होते हैं और आसानी से नजर नहीं आते, जैसे की –

 

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द

 

  • स्किन, आंख और यूरिन का कलर पीला होना

 

 

  • जी मिचलाना और उल्‍टियां होना

 

  • कमजोरी महसूस होना

 

  • वजन का घटना

 

 

अग्नाशय कैंसर होने का कारण

 

 

इसके होने के कुछ प्रमुख कारण –

 

  • अधिक धूम्रपान

 

  • पारिवारिक इतिहास

 

  • रेड मीट और चर्बी युक्‍त भोजन का अत्यधिक सेवन

 

  • अग्‍नाशय में जलन होना

 

 

  • कीटनाशक दवाईयों की फैक्‍ट्री या इससे संबंधित काम करने वालों को भी अग्नाशय कैंसर होने की आशंका रहती है

 

 

अग्नाशय कैंसर के चरण

 

 

स्टेज 0 

 

इस स्टेज में ट्यूमर अग्नाशय के बाहर नहीं फैला होता है।

 

स्टेज IV

 

इस स्टेज IV में यह पता किया जाता है की कैंसर पूरे शरीर में दूर-दूर तक फैल चूका है, जो की बहुत खतरनाक हो सकता है।

 

स्टेज 0 पर, प्रभावी उपचार संभव हो सकता है। परन्तु चौथे चरण में, ट्यूमर दूर के अंगों में फैल चुका होता है इसलिए सर्जरी करना ही एक मात्र उपाय रहता है जिसकी सलाह डॉक्टर भी देते है इससे दर्द को कम किया जा सकता है।

 

 

अग्नाशय कैंसर की जांच

 

 

अग्नाशय कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर प्रयोगशाला परीक्षण करते है, जैसे की –

 

  • रक्त परीक्षण (blood test)

 

  • मूत्र परीक्षण (urine test)

 

  • मल परीक्षण (stool test)

 

इमेजिंग परीक्षण

 

  • अल्ट्रासाउंड या एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड

 

  • सीटी, एमआरआई, या पीईटी स्कैन

 

  • एक्स-रे

 

  • एंजियोग्राम

 

बायोप्सी

 

इस परिक्षण के जरिये डॉक्टर माइक्रोस्कोप से जाँच करके यह पता लगा पाते है की कैंसर के लक्षण है या नहीं।

 

 

अग्नाशय कैंसर का उपचार

 

 

इस प्रकार के कैंसर से बचाव के कुछ उपाय निम्‍नलिखित हैं, जैसे की –

 

  • धुम्रपान से परहेज करे

 

  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करे

 

  • वजन को नियंत्रित रखे

 

  • फल और ताज़ी सब्जियों का सेवन करे

 

  • लाल मांस के सेवन से भी परहेज करे

 

इन सभी उपायों से आप अग्नाशय कैंसर की समस्या से निजात पा सकते है और इसकी रोकथाम कर सकते है।

 

 

अग्नाशय कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण दीखते ही डॉक्टर से परामर्श करके उचित इलाज भी करवाएं।

 

 


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