क्या है प्लेसेंटा प्रिविया, जाने इसके लक्षण, बचाव और उपचार

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया एक ऐसी स्थिति है, जहाँ नाल आंशिक रूप से या पूरी तरह से मां की गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय और योनि के बीच का द्वार) को कवर करती है। अपरा (प्लेसेंटा) गर्भाशय की दीवार से अलग हो सकती है, क्योंकि प्रसव के दौरान गर्भाशय ग्रीवा पतला होने लगता है। प्लेसेंटा प्रिविया प्रसव के दौरान या पहले गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती है। अगर किसी महिला को डिलीवरी के समय प्लेसेंटा प्रिविया होती है, तो ऐसे में सर्जरी की जरूरत भी पढ़ सकती है।

 

अगर आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन में प्लेसेंटा ग्रीवा नजर आता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। बच्चे के थोड़ा विकसित और आकार बड़ा होने पर गर्भाशय प्लेसेंटा को ऊपर की ओर खींचता है, जिससे ये गर्भाशय के मुंह से हट जाता है। लेकिन अगर गर्भावस्था के 20 सप्ताह बाद भी यही स्थिति बनी रहती है, तो ये खतरनाक हो सकता है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया कितना आम है?

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में 200 में से 1 गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है।

 

इन महिलाओं में अधिक आम है प्लेसेंटा प्रिविया –

 

  • एक से अधिक बच्चे होने की वजह से प्लेसेंटा प्रिविया हो सकता है।

 

  • जिन महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन डिलीवरी द्वारा हुई हो उनमे भी प्लेसेंटा प्रिविया आम बात होती है।

 

  • गर्भाशय पर सर्जरी।

 

  • कभी गर्भाशय में ट्यूमर रहा हो।

 

  • अगर किसी महिला को जुड़वाँ बच्चे हुए है, तो उन्हें भी प्लेसेंटा प्रिविया हो सकता है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया तीन प्रकार के होते हैं-

 

कंप्लीट (पूर्ण) प्लेसेंटा प्रिविया

 

गर्भाशय ग्रीवा को पूरी तरह से ढ़क लिया जाता है।

 

 

पार्शियल (आंशिक) प्लेसेंटा प्रिविया

 

गर्भाशय ग्रीवा के एक हिस्से को नाल द्वारा कवर किया जाता है। आंतरिक ग्रीवा को खोलने वाला हिस्सा नाल द्वारा आंशिक रूप से ढ़क लिया जाता है।

 

 

अल्प प्लेसेंटा प्रिविया (मार्जनल) 

 

इस प्रकार के प्लेसेंटा प्रिविया में नाल आंतरिक ग्रीवा को खोलने वाले किनारे को ढ़क लेती है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया के कारण

 

 

  • जो महिलाएं 30-40 उम्र के बाद गर्भवती होती हैं, उनमें यह समस्या बहुत अधिक देखी जाती है ।

 

  • गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन करना।

 

  • महिला का पहले कभी गर्भपात होना।

 

  • गर्भाशय की सर्जरी होने के कारण भी प्लेसेंटा प्रिविया की समस्या हो सकती है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया के लक्षण क्या हैं?

 

 

यह समस्या माँ और होने वाले बच्चे दोनों के लिए बहुत खतरनाक भी हो सकती है। इसके लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते है। ब्लीडिंग होने के साथ ही गर्भाशय में ऐंठन भी होती है। कुछ समय बाद ब्लीडिंग अपने आप बंद हो जाती लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से शुरु हो जाती है। ऐसी अवस्था में देर किए बिना डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया से होने वाली समस्याएं

 

 

  • अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना।

 

  • ऑक्सीजन न मिलने से भ्रूण में खतरा हो सकता है।

 

  • समय से पहले ही डिलीवरी हो सकती है।

 

 

  • गर्भ में बच्चे का विकास भी रुक सकता है।

 

  • महिला में प्लेसेंटा प्रिविया होने की वजह से सर्जरी के जरिए गर्भाशय को निकालने तक की नौबत भी आ सकती है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया का निदान?

 

 

निम्न प्रकार से प्लेसेंटा प्रिविया का पता लगाया जाता है, जैसे की –

 

  • अल्ट्रासाउंड।

 

  • भ्रूण की दिशा पता लगाकर।

 

  • कुछ मामलों में ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड (टीवीएस) किया जाता है।

 

 

प्लेसेंटा प्रिविया से बचने के उपाय

 

 

डॉक्टर्स का कहना है की प्लेसेंटा प्रिविया को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन, कुछ बातों को ध्यान में रख कर इस समस्या को संभाला जा सकता है, जैसे की –

 

  • धूम्रपान का अधिक सेवन करने से बचे।

 

  • जितना हो सके आराम करे।

 

 

  • भारी वस्तु न उठाये।

 

  • नियमित रूप से व्यायाम करे।

 

  • पर्याप्त नींद ले।

 

  • अत्यधिक रक्त्स्राव होने पर डॉक्टर से जल्द ही सम्पर्क करे।

 

  • अपने खान-पान का ख़ास ख्याल करे।

 

 

  • गर्भावस्था के वक़्त लम्बी यात्रा से बचे।

 

 

जैसा कि हमने इसी लेख में ऊपर बताया है कि किन कारणों से प्लेसेंटा प्रिविया जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इन हालातों का सामना कर चुके हो या फिर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करे। और गर्भधारण करने से पहले और गर्भधारण के बाद डॉक्टर से जांच करवाते रहें। साथ ही अगर शराब, सिगरेट व तंबाकू का सेवन करते हो, तो गर्भधारण करने से पहले इससे पूरी तरह से परहेज करे।

 

 


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