रतौंधी (Night Blindness) एक ऐसी समस्या है जिसमें कम रोशनी में देखना असंभव हो जाता है। यह समस्या किसी को भी जन्म से हो सकती है या फिर चोट के कारण या कुपोषण के कारण भी ऐसा हो सकता है। रतौंधी होने पर आपको ठीक से देखने में परेशानी होती है।
इस बीमारी से पीड़ित लोगों को कम रोशनी या अंधेरे में देखने में काफी परेशानी होती है। ऐसा होने पर जो लोग लापरवाही करते है वो अपनी आँखों की रोशिन तक खो सकते है। इसलिए आँखों से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या होने पर आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
रतौंधी के लक्षण (Symptoms of Night Blindness)
- इस बीमारी के मरीज दिन में अच्छी तरह से देख सकते है, लेकिन रात के दौरान वह निकटतम चीजों को भी नहीं देख पाता है। रोगी की आंखों की जांच के दौरान, यह पाया गया है कि उनकी आंख का कॉर्निया सूख जाता है और नेत्रगोलक (Eyeball) से धुंधला दिखाई देता है। ऐसा होने पर रोगी की आंखों से सफेद रंग का स्राव भी हो सकता है।
- जब यह बीमारी आपको कई दिनों से होती है तब उस व्यक्ति की आँखों के बाल तक कड़े हो जाते हैं। पलकों पर छोटे-छोटे दाने और सूजन दिखाई देती हैं। इसके साथ ही दर्द भी महसूस होने लगता है। जो लोग ऐसा होने पर लापरवाही करते है, उनकी आंख की पुतली क्षतिग्रस्त भी हो सकती है।
- दरअसल छोटे बच्चे अंधेपन की इस स्थिति के शिकार ज्यादा होते हैं। अक्सर, ऐसी स्थिति के दौरान रोगी अंधा हो जाता है। यह उपचार की एक जटिल स्थिति है और एसी स्थिति में दवाओं के साथ उपचार भी अप्रभावी साबित होता है।
रतौंधी के कारण (Cause of Night Blindness)
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा : यह एक दुर्लभ आनुवांशिक स्थिति है जिसमें आँखों की कम रोशनी में प्रतिक्रिया होती है। इस बीमारी के होने पर रात में देखने की क्षमता में कमी होने लगती है। इसमें रेटिनल फोटोरिसेप्टर सेल्स (Photoreceptor Cell) यानी रॉड और कोन सेल्स ख़राब होने लगती हैं। इसलिए इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और अंततः यह अंधापन की ओर ले जाता है।
विटामिन ए की कमी और ज़ीरोफथालमिया : रतौंधी के सबसे आम कारणों में से एक विटामिन ए की कमी है, चौंकाने वाली बात यह है कि भारत जैसे विकासशील देश में यह समस्या बहुत बड़ी है। कुपोषण और असंतुलित भोजन छोटे बच्चों में रतौंधी का एक प्रमुख कारण होती है। उपचार में अक्सर देरी होती है, क्योंकि बच्चे इसके लक्षणों को सटीक रूप से पहचान नहीं पाते और इसे बताने में असमर्थ होते हैं। ज़ेरोफथलमिया (Xerophthalmia) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंख की झिल्ली का सूखापन होता है और यह समस्या विटामिन ए की कमी से होती है।
मोतियाबिंद : यह एक ऐसी समस्या है जो अधिक उम्र के लोगों में होती है और यह आंख के लेंस को प्रभावित करती है। रतौंधी मोतियाबिंद के लक्षण के रूप में भी दिखाई दे सकती है।
मायोपिया : रात में धुंधली दृष्टि मायोपिया के कारण हो सकती है।
जानिए रतौंधी का इलाज (Know the treatment of Night Blindness)
घी और काली मिर्च : देशी घी में काली मिर्च का बारीक पाउडर मिलाकर आंखों के नीचे लगाएं, इससे आपकी आँखों की रौशनी भी बढ़ेगी।
पान : आंखों में सुपारी का रस लगाने से रतौंधी रोग दूर रहता है और आपको कभी इस बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता।
घी : शुद्ध देसी घी को कुछ दिनों के लिए आंखों में लगाने से रतौंधी जैसी गंभीर बीमारी ख़त्म हो जाती है।
गुलाब जल और फिटकरी : फिटकरी को गुलाब जल में घोलकर आंखों में लगाएं इससे आपको काफी आराम मिलेगा और धीरे-धीरे इस रोग से निजात मिलेगी।
पानी का सिरका और शहद : रतौंधी का मरीज अगर थोड़े से सिरके और शहद को पानी में मिलाकर रोजाना कुछ दिनों तक पीता है तो उसे इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
दो हरड़ को रात में साफ पानी में भिगो दें : इसे पानी से सुबह अपनी आँखे धो लें, इससे भी आपको काफी आराम मिलेगा।
दूब : दूब यह आपको हर मैदान या अपने घर के आस पास के पार्क में मिल जाएगी, दुब घास को पीसकर उसका लेप बनाये और इसे अपनी पलकों पर लगाए।
सिरस : सिरस के पत्तों के रस की तीन से चार बूंदें आंखों में नियमित रूप से डालें, ऐसा करने से आपको काफी राहत मिलेगी।
रतौंधी रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है जो लोग अपनी आँखों से जुड़ी समस्या को नज़रंदाज़ करते है उनकी आँखों की रौशनी तक जा सकती है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को आँखों से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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