रीढ़ की हड्डी में दर्द का इलाज़, लक्षण और इससे जुडी समस्याओं का समाधान

रीढ़ की हड्डी (स्लीप डिस्क) उसे कहा जाता है, जो बहुत बड़ा सहारा हो या जिसके बिना जीवन यापन करना मुश्किल हो। रीढ़ की हड्डी वाकई हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।इसके बिना इंसान का शरीर ना तो उठ सकता है ,और ना ही अपने ऊपर निर्भर रह सकता है ।

 

 

तो चलिये विस्तार से इस विषय पर बात करते हैं और जानते हैं,  रीढ़ की हड्डी से संबंधी लक्षण,  इलाज और इससे जुडी समस्याओं का समाधान ।

 

 

हम में से अधिकांश लोग पीठ दर्द से पीड़ित होते हैं, जो गलत मुद्रा में रहने, वर्कआउट के दौरान मांसपेशियों की चोट या मोच या फिर अचानक बैठने, झुकने या खड़े होने की वजह से हो सकता है। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि, जब किसी को कमर दर्द होता है तो, वह इंसान थोड़े दिनों के लिए आराम करता है और फिर वापस से काम पर चला जाता है। अब ये दर्द आराम करने से चला तो जाता है लेकिन,  यह दर्द दोबारा कुछ समय बाद होने लगता है । ये दर्द गलत मुद्रा में बैठने तथा कमर के कमजोर होने पर और भी ज्यादा हो जाता है।

 

 

आपने देखा होगा कि जरा सी रीढ़ की हड्डी में समस्या होने की वजह से इंसान हिलना-डुलना बंद कर देता है, ऐसे में अगर वह हड्डी स्थायी तौर पर काम करना बंद कर दे, तो उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । हर कोई शारीरिक रूप से आत्मनिर्भर रहना चाहता है, अगर किसी भी वजह से ये मुमकिन ना हो तो बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 

 

स्लीप डिस्क , यह कोई बीमारी नहीं हैं, इसमें डिस्‍क स्लिप होने जैसा कुछ नहीं होता, बल्कि डिस्‍क रीढ़ की हड्डी से थोड़ी बाहर की ओर आ जाती है। उसके बाहरी भाग पर एक मज़बूत झिल्‍ली होती है, जिसके अंदर जैलीनुमा तरल पदार्थ होता है ।

 

रीढ़ की हड्डी में समस्या होने के कारण 

 

1. झुककर या लेटकर पढ़ना-लिखना या काम करना,

 

2. कंप्‍यूटर के आगे ज़्यादा झुककर बैठना,

 

3. ग़लत उठने-बैठने की वजह से भी यह दर्द हो सकता है,

 

4. ज़्यादा देर आराम करना और पैदल न चलना,

 

5. व्‍यायाम न करना,

 

6. अत्‍यधिक शारीरिक श्रम,

 

7. गिरने, फिसलने, चोट लगने व देर तक गाड़ी चलाने से भी यह समस्‍या हो सकती है।

 

 

दो घंटे से ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में बैठे रहने से हो सकती है स्लीप डिस्क की समस्या और जिसकी वजह से खतरा कई गुना बढ़ जाता है, तो आइए, इन्ही नुकसान के बारे में जानते हैं –

 

  •  एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ता है।

 

  •  टेढ़े होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ खराब हो सकते हैं और यह आगे जाकर पीठ दर्द और गर्दन दर्द का कारण बन सकता है।

 

  • एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से हमारी मांसपेशियां क्रियाशील नहीं रहती हैं। इस कारण से हमारे दिमाग को ताजा खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता।

 

  • लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियों का वसा भी कम ही खर्च होता है, जिस वजह से फैटी एसिड दिल की कार्य प्रणाली में रुकावट पैदा करता है।

 

  • एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर में वृद्धि तो होती है और साथ ही कई तरह के कैंसर तथा अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।

 

 

स्लीप डिस्क के लक्षण

 

1. स्लीप डिस्क की समस्या में कमर दर्द एक प्रमुख लक्षण है । यह दर्द कमर से लेकर पैरों तक जाता है ।

 

2. दर्द के साथ ही साथ पैरों में सुन्नपन महसूस होता या पैर भारी महसूस होते हैं ।

 

3. कई बार लेटे-लेटे भी कमर से पैर तक असहनीय दर्द होता रहता है ।

 

4. नसों में एक अजीब प्रकार का खिंचाव व झनझनाहट होना स्लीप डिस्क का एक अन्य लक्षण है । इस झनझनाहट की वजह से पूरी नसों में       दर्द होने लगती है ।

 

5. डिस्क वाली जगह पर सूजन होना ।

 

इस समस्या से निजात पाने के लिए चार से छह सप्ताह का समय लगता है । कई बार व्यायाम व दवाओं से भी राहत मिलती है । यदि मरीज को अत्यधिक पीड़ा हो, तो दो से तीन दिनों तक बेड रेस्ट करने की सलाह दी जाती है ।

 

रीढ़ की हड्डी के इलाज

 

 

स्लिप्ड डिस्क का इलाज करने के लिए कुछ लोगों को तो सर्जरी करने की जरुरत पड़ती हैं | क्योंकि ये उस स्टेज तक पहुँच जाती हैं कि फिर बिना सर्जरी के इसे ठीक नहीं किया जा सकता हैं| इसके अलावा कई बार व्यायाम या दवाएं भी इस रोग में मददगार होती हैं|

 

समय रहते अगर आप इसका इलाज करा लेते हैं, तो बहुत अच्छा हैं| क्योकि उस समय तक आप व्यायाम या दवाओं के सेवन से ही ठीक हो जाते हैं| डिस्क से जुड़े भाग जो बाहर की तरफ आने लगते हैं, उन्हें ठीक करना इस सर्जरी का लक्ष्य होता हैं|

 

 

 

रीढ़ की हड्डी के दर्द से बचाव

 

 

  • शरीर का वजन सही बनाये रखे, क्योंकि इससे हम कई सारी परेशानियों से बच सकते है | इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से पर दबाव काम हो सकता हैं और नियमित रूप से व्यायाम करें|

 

  • यदि आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ दें| निकोटिन आपकी पीठ में डिस्क को नुकसान पहुंचा सकता हैं| क्योंकि यह पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को कम करता हैं| और इससे डिस्क सूख सकती हैं|

 

  • वजन उठाने के लिए सही तकनीक का उपयोग करें| खाली झुकने या टेढ़े बैठने से ही पीठ का दर्द नहीं हो सकता लेकिन यदि पीठ पर चोट आई हैं, तो आप गलत तरीके से बिलकुल भी ना बैठे क्योंकि इससे आपकी कमर का दर्द और भी बढ़ सकता हैं|

 

  • खड़े होने या चलने के दौरान अपने कान, कंधों, और कूल्हे एक सीधी रेखा में रखें| बैठने पर अपनी पीठ को सुरक्षित रखें जब आप कोई लम्बे समय तक बैठने का काम करते हैं| तो आपको अपनी पीठ और कुर्सी के बीच एक छोटा सा तकिया या तौलिया को गोल करके रखें|

 

  • सोते समय अपनी पीठ को सही स्थिति में रखें|

 

 

स्लिप डिस्क के परहेज

 

  • स्लिप डिस्क में ज्यादा आराम नहीं करना चाहिए |

 

  • कोई भी ऐसी गतिविधि न करें जो आपके लक्षणों को बढ़ा सकती हैं |

 

  • ज्यादा समय के लिए खड़े या बैठे रहने से बचें |

 

  • इससे आपकी रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ सकता हैं |

 

  • चोट लगने के बाद कुछ समय के लिए पेट के बल न लेटें |

 

 

रीढ़ की हड्डी की समस्या से बचने के टिप्स

 

 

  • व्यायाम करते समय यह हमेशा याद रखें कि आप जो भी व्यायाम करें, वह अधिक जटिल न हो |

 

  • उठने-बैठने के ढंग में परिवर्तन करें । बैठते वक्त सीधे तन कर बैठें ।

 

  • कमर झुकाकर न बैठें और न ही चले । कंप्यूटर पर काम करते समय झुककर न बैठें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें |

 

  • अपनी क्षमता से अधिक वजन न उठाएं | नर्म या गुदगुदे बिस्तर पर न सोएं, बल्कि पलंग या तख़्त पर सोएं |

 

 

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