किसी ने सच ही कहा है कि जब भी मैं अपनी नन्ही परछाई देखता हूं तो मेरा बचपन लौट आता है और उसे हंसते-खेलते देख मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं।
आज के दौर में ऐसे विवाहित जोड़ों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिनकी अपनी कोई संतान नहीं है। यही उनके लिए सबसे बड़ा दुख का कारण है। इस