मामूली तनाव और डिप्रेशन में अंतर

 

क्या आपको भी तनाव और डिप्रेशन की समस्या रहती है? अगर हाँ तो फिर आपको तनाव और डिप्रेशन में अंतर के बारे में पता होना चाहिए। क्या आपको पता है तनाव और डिप्रेशन आपस में जुड़े हैं फिर भी इनमे कई अंतर हैं। तनाव की समस्या डिप्रेशन की समस्या से ज्यादा गंभीर होता है। तनाव होने का एक स्पष्ट कारण होता है, जबकि डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं।

 

तनाव एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जो किसी खतरे या फिर विपरीत परिस्थितियों में हो सकता है। आप किसी भी छोटी बात को लेकर तनाव में हो सकते हो जैसे की अपने रिजल्ट को लेकर या फिर वर्क प्रेजंटेशन की वजह से या किसी भी बड़ी समस्या को लेकर आप तनाव ग्रस्त हो सकते हैं। तनाव होने के कई कारण और अलग-अलग लक्षण हैं। ऐसे ही डिप्रेशन भी एक मानसिक अवस्था है, जो कि जेनेटिक, दिमाग में रासायनिक असंतुलन और जीवन में चल रही स्थितियों के कारण हो सकता है। कई बार लोग डिप्रेशन और तनाव दोनों को एक ही मानसिक स्थिति मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। तनाव और डिप्रेशन एक दूसरे से जुड़े तो हैं मगर इन दोनों में बहुत ज्यादा अंतर है।

 

आइये जानते है तनाव और डिप्रेशन में क्या अंतर है।

 

 

क्या है तनाव

 

 

तनाव कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह एक बीमारी का रुप ले सकता है अगर इसे समय से पहले कंट्रोल नहीं किया जाए। तनाव की समस्या तब होती है, जब आप खुद को अधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में महसूस करते हैं। तनाव की समस्या किसी भी कारण से या किसी स्थिति की वजह से हो सकता है, जैसे की किसी काम के ना होने पर, परिवार की जिम्मेदारी संभालने की वजह से या किसी अपनों से बात न होने पर, ये ऐसे कुछ वजह हैं, जिसकी वजह से आपको तनाव हो सकता है।

 

अगर बहुत बुरी स्थिति हो जाये तो ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है और साथ ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

 

 

डिप्रेशन(अवसाद) क्या है

 

 

डिप्रेशन की समस्या तब होती है, जब कोई लंबे समय से तनाव से ग्रस्त हो। यह समस्या कुछ हफ्तों या उससे अधिक समय के लिये हो सकता है। समस्या बढ़ जाने पर ये कुछ मामलों में इसकी अवधि एक साल या उससे अधिक भी हो सकती है। डिप्रेशन की समस्या बुरे अनुभव की वजह से हो सकती है।

 

 

तनाव और डिप्रेशन में अंतर

 

 

दोनों के लक्षण देखने में एक जैसे लगते हैं और दोनों समस्याएं मानसिक रुप से आपको प्रभावित करती हैं। इसके अलावा तनाव और डिप्रेशन में निम्नलिखित अंतर होते हैं:

 

  • तनाव की समस्या को अपने जीवन की घटनाओं में बदलाव करके खत्म किया जा सकता है, लेकिन डिप्रेशन कई सालों तक रहता है।

 

  • तनाव होने का एक स्पष्ट कारण होता है जबकि डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं।

 

  • आपके जीवन में चल रही स्थितियों कि वजह से तनाव संबंधित है, जबकि डिप्रेशन आपके जिंदगी में सब कुछ ठीक होने पर भी हो सकता है।

 

  • तनाव की समस्या वर्तमान में चल रही घटनाओं से जुड़ा होता है, जबकि डिप्रेशन के होने का कारण अतीत में घटित कोई अनसुलझी घटना हो सकती है।

 

  • अगर आप तनाव की समस्या का इलाज नहीं करते है, तो यह चिंता रोग या क्रोनिक डिप्रेशन का रुप ले सकता है, जबकि डिप्रेशन का इलाज नहीं किया गया तो यह रोगी में आत्मघाती विचारों को जन्म दे सकता है।

 

  • तनाव के कारण एड्रेनालाईन का स्तर बढ़ जाता है जबकि डिप्रेशन की वजह से थकान बढ़ जाती है।

 

  • अगर तनाव की स्थिति गंभीर हो जाती है, तो आपको दिल का दौरा पड़ने का खतरा हो सकता है, जबकि डिप्रेशन की समस्या गंभीर होने पर रोगी आत्महत्या कर सकता है।

 

अगर आप भी तनाव लेते है, तो अधिक तनाव न ले नहीं तो, अत्यधिक तनाव लेने से डिप्रेशन के शिकार हो सकते है आप, जो की सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही, हो तो उसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करे और डॉक्टर से तुरंत ही सम्पर्क करे।

 

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