अंगूठे का आर्थराइटिस को अंग्रेजी में थंब आर्थराइटिस (Thumb Arthritis) कहा जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक जोड़ से दूसरे जोड़ में अपने आप दूरी होने लगती है या उस हिस्से में जलन पैदा होने लगती है। दरअसल यह अंगूठे सहित किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।
अंगूठे के आर्थराइटिस को बेसल आर्थराइटिस (Basal arthritis) भी कहा जाता है। अंगूठे का आर्थराइटिस आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। लेकिन अंगूठे का आर्थराइटिस काफी दर्दनाक हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर लक्षणों को कम करने और किसी व्यक्ति की गति और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपचार की सिफारिश कर सकता है।
क्या है थंब आर्थराइटिस ?
अंगूठे का आर्थराइटिस अंगूठे के जोड़ पर होता है जो की बेसल आर्थराइटिस (Basal arthritis) के नाम से भी जाना जाता है। अंगूठे में आर्थराइटिस एक ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) का एक प्रकार है। इसमें एक स्वस्थ अंगूठे के जोड़ में मौजूद एक रबड़ टिश्यू जोड़ में एक साथ आने वाली हड्डियों के जोड़ को कवर करता है।
लचीली हड्डी दो हड्डियों को आपस में मोड़ती है। जिसके कारण दर्द होता है। अंगूठे के आर्थराइटिस में लचीली हड्डिया दूर होने लगती है, जिसकी वजह से जोड़ की हड्डियों में गैप ख़तम हो जाता है और अंगूठे को मोड़ते समय रगड़ लगने से दर्द होने लगता है। जैसे-जैसे हड्डियां आपस में रगड़ती है, वैसे-वैसे घर्षण होता है और जोड़ को नुकसान पहुँचता है, जिसके कारण उस व्यक्ति को बहुत तेज़ दर्द होता है।
थंब आर्थराइटिस के लक्षण
थंब आर्थराइटिस का पहला लक्षण आमतौर पर अंगूठे से काम करने में दर्द महसूस होना। जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु को पकड़ता है या चुटकी बजाता है। तब उसे इस दर्द का एहसास होता है। जो की अंगूठे में आर्थराइटिस होने की वजह से होता है। जानिए थंब आर्थराइटिस के अन्य लक्षण :
- अंगूठे के जोड़ पर सूजन होना,
- अंगूठे के जोड़ पर दर्द, जलन, या कोमलता बना होना,
- अंगूठे के जोड़ पर हड्डी का बढ़ा हुआ दिखना,
- अंगूठे के जोड़ पर गांठ बनना,
- हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड का बढ़ना,
- उम्र बढ़ने की वजह से भी जोड़ों में दर्द होना।
थंब आर्थराइटिस के कारण
अंगूठे का आर्थराइटिस समय व उम्र के बढ़ने के साथ होता है। इसलिए यह 40 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में अधिक आम है और जिन लोगों के अंगूठे के जोड़ में पहले कभी फ्रैक्चर या चोट लगी थी, तो उन्हें थंब आर्थराइटिस होने की संभावना अधिक होती है। अन्य कारण जिसकी वजह से होता है थंब आर्थराइटिस होता है :
- कोई ऐसा कार्य जिससे अंगूठे पर दबाव पड़ना,
- कंप्यूटर पर अधिक समय तक कार्य करना,
- अंगूठे पर चोट लगना,
- अंगूठे में फ्रैक्चर होना।
थंब आर्थराइटिस का इलाज
गठिया एक प्रगतिशील बीमारी है, जो कि समय के साथ और खराब हो सकती है। वैसे तो ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जो अंगूठे में गठिया को ठीक कर सके, लेकिन कुछ उपचार की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
- अंगूठे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम कर सकते हैं,
- अंगूठे के जोड़ पर बर्फ लगाने से भी आपको काफी आराम महसूस होगा,
- समय अनुसार दवा लें,
- व्यावसायिक या शारीरिक उपचार।
थंब आर्थराइटिस के लिए जाँच
इस बीमारी का निदान आप कुछ प्रमुख जाँच के आधार पर कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ी है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति गाउटी आर्थराइटिस से पीड़ित है। जिसे श्लेष द्रव के रूप में भी जाना जाता है, यह जोड़ों के बीच पाया जाता है। इस द्रव का परीक्षण बोन्स के अंदर से किया जाता है, जिसमें मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल पाए जाते हैं।
दरअसल आपकी मूत्र में यूरिक एसिड भी पाया जाता है, जिससे गाउटी आर्थराइटिस का पता लगाया जा सकता है। एडवांस गाउटी गठिया में एक्स-रे पॉजिटिव हो जाता है। गठिया के रोगी को मांस, दाल, पनीर और टमाटर के साथ-साथ शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए और पौष्टिक आहार लेना चाहिए, खूब पानी का सेवन भी करना चाहिए।
क्या आप जानते हैं?
आर्थराइटिस शब्द में ‘आर्थ’ यानी जोड़ की मदद से व्यक्ति के हाथों-पैरों व कूल्हे में मूवमेंट होता है। वहीं ‘राइटिस’ का अर्थ वियर एंड टियर है यानी जोड़ों का खराब होना या उसके कार्टिलेज का घिसना है। उम्र के साथ जोड़ों में समस्या होना ऑस्टियो आर्थराइटिस के कारण हो सकता है।
यदि आप मोटे हैं, तो अपना वजन कम करें। यदि आपको भी ऐसी कोई समस्या होती है तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं और अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
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