थायराइड के रोगी ले ये आहार, जिससे आए उनकी ज़िंदगी में बहार

 

आज के समय में लोग इतने अस्वस्थ्य होते जा रहे है और इसका सबसे बड़ा कारण है बिगड़ती जीवनशैली जिसकी वजह से शारीरिक समस्याएं ज्यादा होने लगी है। एक रिसर्च के अनुसार, भारत में 2030 तक सबसे ज्यादा मोटे लोग हो जाएंगे। जैसा की हम सब जानते है की मोटापा बढ़ता है, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती है उन्हीं परेशानियों में से एक है थायराइड। एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 4.2 करोड़ लोग थायराइड की समस्या झेल रहे हैं और ये आंकड़ा बेहद चौकाने वाला है।

क्या है थायराइड ?

 

सबसे पहली बात तो ये है की कभी भी थायराइड को बीमारी न समझे। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि गले में आगे की तरफ तितली की आकार में पाए जाने वाली एक ग्रंथि है और हमारे शरीर की कई जरूरी गतिविधियां इस ग्रंथि द्वारा नियंत्रित की जाती है। थायराइड ग्रंथि कुछ हॉर्मोंस को बनाती है, जैसे – टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine), टी4 यानी थायरॉक्सिन (thyroxine) और कैल्सीटोनिन (calcitonin)। ये सभी हार्मोंस व्यक्ति के पाचन तंत्र, शरीर के तापमान, वजन, कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य चीजों प्रभाव डालते है, अगर इन सभी चीजों में से शरीर में किसी भी चीज का नियंत्रण बिगड़ता है तो यह थायराइड के लक्षण है। थायराइड की बीमारी पुरषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होती है।

चार तरीके के होते है थायराइड

 

  • हाइपोथायराइडिज्म,
  • हाइपरथायराइडिज्म,
  • हाशिमोटो थायराइडिटिस
  • थायराइड कैंसर

 

 

थायराइड मरीज के लिए आहार

 

आयोडीन नमक : थायराइड के मरीज को अधिक आयोडीनयुक्त भोजन करना चाहिए। अगर मरीज समुंद्री मछली का सेवन करें तो उसके लिए ये बहुत फायदेमंद है। क्यूंकि उसमें अधिक मात्रा में आयोडीन होता है और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाया जाता है। रोगी को इसे अपने खाने में शामिल करना चाहिए। अगर शरीर में आयोडीन की कमी होती है तो आपको हाइपोथायरायडिज्म और गॉइटर हो सकता है।

 

 

ब्राजील नट्स : ब्राजील नट्स सबसे पहले अमेरिका में पाए जाते है। सेलेनियम थायराइड हार्मोन के स्तर में सुधार करने का कार्य करता है। इसलिए यह थायराइड के रोगी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। थायराइड से बचने के लिए इसका उपयोग जरूर करें।

 

 

मछली : जैसा की हमने मछली का जिक्र ऊपर भी किया है मछली में पूर्ण मात्रा में आयोडीन होता है, मछली में ओमेगा 3 की मात्रा भी भरपूर होती है, जिस व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म में साल्मन और टूना मछली का सेवन करना चाहिए ये आम मछलियों के मुकाबले जल्दी थायराइड ठीक करने में मदद करता है।

 

 

अंडे : आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी ‘संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे’ आपको बता दें की अंडा आयोडीन और प्रोटीन से भरपूर होता है। जब किसी व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म व हाइपरथायरायडिज्म होता है तो उसे अंडे खाना चाहिए। लेकिन किसी व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो उसे अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

 

अलसी के बीज :अलसी कई बीमारियों से बचाव करती है और उन्हीं में से एक है आयोडीन की कमी जो की थायराइड के लक्षण होते है। इसमें भी ओमेगा-3 फैटी एसिड, जिंक, सेलेनियम और आयोडीन मौजूद होता है, अलसी के बीज को आप पीस कर उन्हें फलों के रस के साथ पी सकते है। ये ध्यान रहे की इसका सेवन दिन में दो चम्मच से ज्यादा न करें।

 

 

दूध और दही : दूध और दही में विटामिन, खनिज, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते है। दही खाने से शरीर में ताजगी बनी रहती है, दूध और दही आदि का सेवन थायराइड रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

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