विश्व एड्स दिवस 2021: जानिए क्या है इस बार की थीम और क्या हैं लक्षण

विश्व एड्स दिवस 2021 (World Aids Day 2021 in Hindi) पूरी दुनिया में हर साल 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स (acquired immunodeficiency syndrome) के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स दिवस मनाए जाने का उद्देश्य पूरी दुनिया और लोगों के बीच एचआईवी (human immunodeficiency virus) और एड्स के प्रति जागरूकता लाना है |

 

विश्व एड्स दिवस की शुरुआत (How did the World AIDS Day begin in Hindi)

 

1988 के बाद से, इस दिन एचआईवी संक्रमण की वजह से एड्स के सन्दर्भ में लोगों को जागरूक बनाने के लिए मनाया जाता है, साथ ही इस बीमारी की वजह से मृत्यु को प्राप्त लोगो को याद करने के लिए भी इस दिवस को मनाया जाता है।  जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होनें अगस्त 1987 में विश्व एड्स दिवस मनाया था। ये लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम (डब्ल्यूएचओ) के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे।

इस दिवस पर दुनिया भर में सरकार और स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले पेशेवरों, गैर सरकारी संगठनों (NGO) के द्वारा एड्स के कारण, रोकथाम, नियंत्रण और तथ्यों पर दुनिया को शिक्षित करने का वृहद् कार्यक्रम चलाया जाता है. आठ सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवासों को विश्व एड्स दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है।  वर्ष 1995 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा आधिकारिक तौर पर इस दिन को अधिसूचित किया है|

 

विश्व एड्स दिवस की थीम 2021  (World AIDS Day  2021 Theme in Hindi)

 

विश्व एड्स दिवस 2021 का विषय है: ‘असमानताओं को समाप्त करें’ एड्स का अंत करें’ (End inequalities. End AIDS)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा, “पिछड़े लोगों तक पहुंचने पर विशेष ध्यान देने के साथ, डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगी आवश्यक एचआईवी सेवाओं तक पहुंच में बढ़ती असमानताओं को उजागर कर रहे हैं।”

 

एड्स के बारे में जानकारी (AIDS information in hindi)

 

AIDS एड्स (acquired immunodeficiency syndrome) HIV एचआईवी (human immunodeficiency virus) के संक्रमण की वजह से होता है, जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। एड्स दुनिया भर में महामारी की तरह फैला हुआ है, जिससे पुरुष और महिलाएं ही नहीं बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। यह मानव शरीर के तरल पदार्थों जैसे संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, स्तन के दूध आदि में पाया जाता है।

 

AIDS एड्स या एच.आई.वी पॉजिटिव का मतलब है, एड्स का वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर गया है परन्तु इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं होता है कि आपको एड्स है। एच.आई.वी. पाजिटिव होने के 6 महीने से 10 साल के बीच में कभी भी एड्स हो सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति अगर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क (असुरक्षित तरीके से) में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है. परन्तु इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह है की एक एचआईवी पॉजिटिव को इस बीमारी के पता तब तक नहीं चलता, जब तक कि इसके लक्षण प्रकट नहीं होते।

 

एचआईवी एड्स के लक्षण (Signs of HIV AIDS in Hindi)

 

बार- बार सर्दी- जुकाम व बुखार आना

 

एचआईवी का सबसे पहला लक्षण है कुछ- कुछ दिनों पर बुखार व सर्दी- ज़ुकाम हो जाना। कभी अचानक तेज़ी से बुखार हो जाना आदी।

 

अक्सर थकान होना

बिना किसी काम किए थकान महसूस करना एचआईवी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

 

जोड़ो में दर्द व मांसपेशियों में खिचाव

 

कम उम्र में जोड़ो का दर्द कोई आम बात नहीं होती, अगर आपको भी अक्सर ऐसी शिकायतें रहती है तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।

 

गला पकना

वैसे तो कम पानी पीने के कारण भी गला पकने लगता है, लेकिन सबकुछ ठीक होते हुए भी आपको हमेशा गले में खराश व पकन रहती है तो समझ जाए कि ये आपके लिए ठीक नहीं।

 

लगातार वज़न कम होना

 

एड्स के अन्य संभावित लक्षणों के साथ-साथ अगर आपका वजन लगातार घटता जा रहा है, तो यह आपके लिए चिंताजनक बात हो सकती है। हालांकि वजन कम होने के और भी कारण हो सकते हैं, लेकिन इसे भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।

 

एड्स से बचाव के तरीके – Ways to prevent AIDS in hindi

 

 

  • एड्स से बचाव के लिए सामान्य व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के वीर्य, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आने से बचना चाहिए। साथ ही साथ एड्स से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।

 

  • पीड़ित साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, अगर कर रहे हों तो सावधानीपूर्वक कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन कंडोम इस्तेमाल करने में भी कंडोम के फटने का खतरा रहता है।

 

  • अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें, एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध ना रखें।

 

  • खून को अच्छी तरह जांचकर ही उसे चढ़ाना चाहिए। कई बार बिना जांच के खून मरीज को चढ़ा दिया जाता है जोकि गलत है। इसलिए डॉक्टर को खून चढ़ाने से पहले पता करना चाहिए कि कहीं खून एच.आई.वी. दूषित तो नहीं है।

 

  • उपयोग की हुई सुईओं या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एच.आई.वी. संक्रमित हो सकते हैं।

 

  • दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करने के लिए कहना चाहिये।

 

  • एड्स से जुड़ी हुई भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

 

  • एड्स के बारे में समाज में कुछ मिथक भी लोगो के बीच देखे जाते रहे हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की एड्स हाथ मिलाने, गले लगने, सामने छींकने, बिना कटी त्वचा को छूने या एक ही शौचालय के उपयोग करने पर कभी नहीं फैलता है।

 

  • अगर आप में किसी के आसपास कोई एचआईवी पॉजिटिव हो, तो उचित जाँच के साथ दवा का सेवन करें, और अपना और अपने साथी का खास ख्याल रखें एड्स के साथ भी लम्बा जीवन जिया जा सकता है
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