पैप टेस्ट महिलाओं में कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। ये टेस्ट उनके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाता है। पैप स्मीयर, जिसे पैप टेस्ट भी कहा जाता है, सर्वाइकल कैंसर के लिए एक जांच प्रक्रिया है।
यह आपके गर्भाशय ग्रीवा पर कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं का परीक्षण करता है। नियमित प्रक्रिया के दौरान, आपके गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं को धीरे-धीरे दूर किया जाता है और असामान्य विकास के लिए जांच की जाती है। भारत में एक तिहाई महिलाएं ये टेस्ट नहीं कराती है।
पैप टेस्ट क्या है?
आपको बता दें की पैप टेस्ट (Pap test) को पैप स्मीयर (Pap smear) भी कहा जाता है। यह महिलाओं में होने वाली ऐसी बीमारी है जिसका पता महिलाओं को बहुत बाद में चलता है। यह बीमारी ऐसी है जो महिलाओं को अंदर ही अंदर होती है यहीं वजह है की उन्हें इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। इस टेस्ट के द्वारा डॉक्टर महिला के गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में परिवर्तन को देखते हुए कैंसर का पता लगाते है। दरअसल गर्भाशय कैंसर का पता लगाने के लिए अधिकतर डॉक्टर इसी टेस्ट की सलाह देते हैं। आज के समय बड़ी संख्या में महिलाओं की मौत का एक कारण ये भी है।
पैप स्मीयर की जरूरत किसे है?
पैप टेस्ट में एचपीवी के कारण होने वाले सेल परिवर्तन पाए जाते हैं, लेकिन वे स्वयं एचपीवी का पता नहीं लगाते हैं। महिलाओं को 21 वर्ष की आयु से इस रोग के होने का खतरा होता है इसलिए महिलाओं को हर तीन साल में पैप स्मीयर कराना चाहिए। कुछ महिलाओं में कैंसर या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
एचपीवी एक वायरस है जो वार्ट का कारण बनता है और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की संभावना को बढ़ाता है। एचपीवी सर्वाइकल कैंसर के प्राथमिक कारण हो सकता है। यदि आपके पास एचपीवी है, तो आप सर्वाइकल कैंसर के विकास के जोखिम में हो सकते हैं। सामान्य पैप स्मीयर टेस्ट के इतिहास के साथ 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं इस टेस्ट को कराना बंद कर सकती हैं।
डॉक्टर ये टेस्ट को कैसे करते है?
डॉक्टर को ये टेस्ट करने के लिए 10 से 20 मिनट का समय लगता है। डॉक्टर स्पेकुलम (speculum) नामक यंत्र को योनि में डालता है। इस यंत्र की मदद से वह गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं का एक सैंपल लेता है। उसके बाद लिए गए सैंपल को माइक्रोस्कोप की मदद से जाँच करता है, यदि इसका रिजल्ट नेगेटिव होता है तब तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन रिजल्ट पॉजिटिव होता है, तब डॉक्टर इस बीमारी का इलाज करता है।
यदि पैप टेस्ट असामान्य होता है तो क्या होगा?
यदि आपके पैप टेस्ट के परिणाम असामान्य हैं, तो घबराएं नहीं यह बहुत आम बात है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सर्वाइकल कैंसर है। ऐसा भी हो सकता है कि आपके शरीर में इसकी शुरुआत हो और इसे बढ़ने से पहले रोका जा सकता है।
सही परिणाम का मतलब है कि आपकी ग्रीवा कोशिकाएं ऐसी दिखती हैं जैसे वे असामान्य हो। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह एचपीवी से संबंधित है या नहीं। गलत रिजल्ट आने पर एक्विवोकल (equivocal) इनकन्क्लूसिवे (inconclusive) या ASC-US भी कहा जाता है।
एक असामान्य पैप टेस्ट का अर्थ है कि आपके गर्भाशय ग्रीवा पर असामान्य कोशिकाओं में परिवर्तन हुआ हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि आपको निश्चित रूप से सर्वाइकल कैंसर है। इसके परिवर्तन मामूली या गंभीर हो सकते हैं। लेकिन इसका फैसला केवल डॉक्टर ही करते हैं। अधिक गंभीर मामलों में अक्सर ध्यान दिया जाता है की यह बाद में कैंसर में तब्दील ना हो जाए।
दरअसल यह टेस्ट उन महिलाओं के लिए भी आवश्यक है जो सेक्सुअली एक्टिव ज्यादा रहती हैं। इस टेस्ट को एक से तीन साल के बीच करवाते रहना चाहिए। यदि कोशिकाओं में कोई परिवर्तन पाया जाता है, तब उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यदि आप अपनी शरीर की कार्य प्रणाली में बदलाव महसूस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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