मानव शरीर के लिए नींद लेना बहुत जरुरी है लेकिन ज्यादा नींद भी उसके स्वास्थ्य को खराब कर सकती है। इंसान को नींद तब आती है जब वह पूरे दिन मेहनत करता है, फिर चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक। काम के साथ आराम करना भी बहुत जरुरी है लेकिन किसी भी चीज का ज्यादा होना उसके स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए ज्यादा नींद लेना उसे बीमार बना सकता है। यदि किसी व्यक्ति को ज्यादा नींद आती है तो उसे एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि ये भी एक तरीके का रोग है जब आपके शरीर में हमेशा आलास बना रहता है और आप किसी भी समय सोने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसा करने से उन्हें रात में तो नींद आती नहीं है क्योंकि वह अपना दिन का समय सो कर बिताते हैं।
ज्यादा नींद के कारण
आज के समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें रात के समय नींद नहीं आती है इसके पीछे कई कारण होते हैं:
ज्यादा भोजन करना : जो लोग रात के समय बहुत अधिक भोजन करते हैं, तो इसकी वजह से उन्हें रात में ठीक से नींद नहीं आती है और उन्हें दिन में ज्यादा सोने का मन करता है।
अधिक मोटे होना : जो लोग बहुत ज्यादा मोटे होते हैं तो इसकी वजह से भी उन्हें नींद बहुत आती है इसलिए अपना वजन नियंत्रण में रखें।
बासी भोजन खाना : ज्यादा नींद आने के पीछे आपके द्वारा खाया हुआ बासी भोजन भी इसका एक कारण हो सकता है, जो आपके शरीर में आलास फैलाता है।
नार्कोलेप्सी : यह नींद की बीमारी से जुड़ी एक तरह की बीमारी है। जिसमें वह व्यक्ति 24 घंटे में से अपना ज्यादा से ज्यादा समय सोने में बिताता है।
बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम : जब कोई व्यक्ति जरुरत से ज्यादा शारीरिक श्रम करता है, तो इसकी वजह से भी उसे बहुत ज्यादा नींद आने लगती है।
ज्यादा नींद के नुकसान
हार्ट फेलियर : वैसे तो पर्याप्त नींद नहीं लेने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन जब आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय सोने में बिताते हैं, तो इसकी वजह से आपके दिल की धड़कने तक रुक सकती हैं। इसके आलावा उन लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां जल्दी होती हैं।
वजन बढ़ता है : जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा नींद लेता है, तो इसकी वजह से उसका मोटापा बहुत तेजी से बढ़ता है जो उसे कई बीमारियों का शिकार बनाता है।
डिप्रेशन : एक शोध में ये पता चला है की जो लोग बहुत ज्यादा सोते हैं उन लोगों को डिप्रेशन बहुत जल्दी होता है और वह किसी भी बात को लेकर तनाव लेने लगते हैं। ऐसे लोग हमेशा उदास रहने लगते हैं और हमेशा किसी सोच में डूबे होते हैं।
रक्तचाप की समस्या : ज्यादा नींद लेने से उस व्यक्ति को रक्तचाप जैसी समस्या भी होने लगती है या तो उनका रक्तचाप कम होने लगता है या अपने आप बढ़ने लगता है।
डायबिटीज : एक शोध में ये भी बात सामने आई है कि जो लोग बहुत अधिक नींद लेते हैं, उन्हें डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है। 7 घंटे से ऊपर की नींद लेने वाले लोगों को डायबिटीज हो सकती है।
रीढ़ की हड्डी में समस्या : जब आप हमेशा लेटे रहते हैं तो इसकी वजह से आपकी रीढ़ की हड्डी एक ही जगह पर स्थिर रहती है। लेकिन जब आप कोई काम करते है तो आपकी रीढ़ की हड्डी में परेशानी होने लगती है, जैसे किसी भारी चीज को उठने में दिक्कत होना।
सोचने की क्षमता में कमी : जब आप बहुत ज्यादा नींद लेते है, तो कुछ समय के बाद आपकी सोचने की क्षमता भी कमी होने लगती है। इसकी वजह से आपका किसी भी काम में मन नहीं लगता है।
मूड स्विंग : ऐसे लोगों के साथ मूड स्विंग की समस्या भी होने लगती है। अगर वह कोई काम करते हैं तो इससे आपका मन उस काम में नहीं लगता है, केवल सोने की इच्छा होती है।
महिलाओं में होता है हार्मोनल बदलाव : महिलाओं को हर महीने पीरियड होता हैं ज्यादा नींद लेने की वजह से उन्हें इसमें काफी बदलाव महसूस होता है। जो सबसे पहले उनके हार्मोन्स में बदलाव का कारण बनता है।
पुरषों में हार्मोनल बदलाव : ज्यादा नींद आपके शरीर में सूजन का भी एक कारण बनती है। जबकि अपर्याप्त नींद पुरुषों में हार्मोन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है।
वैसे तो जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो इससे आपके इम्यून सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। आपके इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर आपको कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं। इसकी वजह से उस व्यक्ति का स्वास्थ्य जल्दी खराब होता है और वह जल्दी बीमार पड़ता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर आपको दोबारा स्वस्थ होने में समय लग सकता है और साथ ही पुरानी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
ज्यादा नींद आपकी मौत का भी एक कारण बन सकती जैसे की स्लीप एपनिया। यह एक ऐसा विकार है। जिसमें एक व्यक्ति नींद के दौरान अस्थायी रूप से साँस लेना बंद कर देता है। ऐसा उनके साथ दिन में सोते वक़्त हो सकता है।
स्लीप एपनिया दो प्रकार के होते हैं:
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea): किसी भी व्यक्ति को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तब होता है जब उसके गले के पीछे के नरम ऊतकों में ऑक्सीजन नहीं पहुँचता है।
सेंट्रल स्लीप एपनिया (Central sleep apnea): सेंट्रल स्लीप एपनिया किसी व्यक्ति को तब होता है जब उसका मस्तिष्क साँस लेने के लिए श्वसन की मांसपेशियों को संकेत देने में असफल होता है।
नींद को कम करने के उपाय
- रोजाना अपना सोने का एक नियमित समय बनाए क्योंकि आपका किसी भी समय सोना आपके स्वास्थ्य को खराब करता है। रात में समय से सोए और सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें।
- रोजाना करें व्यायाम क्योंकि इसकी वजह से आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और आप शारीरिक और मानसिक रूप से भी खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे।
- पौष्टिक भोजन भी आपको इस बीमारी से बचाता है और कोशिश करें की आपका भोजन बासी नहीं होना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से भी आपको नींद आती है। यदि आप फास्ट फ़ूड का सेवन भी ज्यादा करते हैं तो इसकी वजह से भी आपको बहुत सी बीमारियां होने का खतरा होता है।
- रोज सुबह उठने के बाद नहाए जरूर, ऐसा करने से भी आपके शरीर से आलास दूर रहेगा और आपको जल्दी नींद नहीं आएगी।
- यदि आपको दिन में खाना खाने के बाद नींद आती है, तो आप चाय और कॉफी का सेवन करें। इससे आपकी ज्यादा नींद आने की समस्या कम हो जाएगी।
यदि आपको भी ज्यादा नींद आती है तो ये किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। आपको इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से आपको अनेक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं।
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