मौसम बदलते ही गले में खराश होना आम बात है। सामान्य शब्दों में गले में खराश, गले का संक्रमण है। आमतौर पर गले का संक्रमण वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। लेकिन ज्यादा गले की खराश वायरस के कारण होती है। यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यह जितने दिन रहता है काफी कष्ट देता है।
गले में इन्फेक्शन और खराश के कारण
1. सर्दी-जुकाम
गले में खराश का मुख्य कारण है सर्दी जुकाम, एलर्जी और वायरल इन्फेक्शन आदि होता है, कई बार संक्रमित गले के लिए सर्दी-जुकाम भी जिम्मेदार होता है। जब भी आपको सर्दी-जुकाम और इस तरह की समस्या उत्पन्न हो तो समझ जाइये कि गले में खराश भी हो सकती है।
2. मोनो न्यूक्लोसिस (Mono nucleosis)
मोनो न्युक्लोसिस एक तरह का वाइरल इन्फेक्शन है जिसमें गले में खराश उत्पन्न हो जाती है। ये वायरस लार के द्वारा फैलता है इसलिए इसको ”किसिंग डिज़ीज” भी कहा जाता है। इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी ये दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण गले में खराश के अलावा बुखार , सिरदर्द , थकान आदि हो सकते है, ये एक डेढ़ महीने में अपने आप ठीक हो जाते है। किसी भी सार्वजनिक जगहों जैसे कि स्कूल आदि में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है।
3. मीज़ल्स के कारण
मीजल्स में आपके गले में खराश, बुखार, कफ़, लाल आँखें, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना और मुँह में सफ़ेद धब्बे हो सकते हैं. पूरे शरीर पर लाल लाल दाने होना इसकी विशेष पहचान है. कई लोग इसे छोटी माता भी कहते हैं. ऐसे मामलों में आपको अन्धविश्वास में न पड़कर किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. यह छीकने , खांसने आदि से फैलती है। इसके वायरस कई घंटे तक किसी सतह पर जीवित पड़े होते है, यहाँ से किसी दूसरे को आसानी से लग सकते है। एक दूसरे के झूठे गिलास में पानी पीने से या एक ही बर्तन में खाना खाने से दूसरे को हो सकता है।
4. विभिन्न एलर्जी
कई प्रकार के अलग-अलग एलर्जी में भी इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है। इसमें आपको अचानक से बुखार आ जाना, गले में बहुत खराश, गले में सफ़ेद धब्बे, सिरदर्द, सर्दी लगना, भूख बंद होना, निगलने में परेशानी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति स्ट्रेप थ्रोट से परेशान रहता है, ये छींकने से खांसने से ये फ़ैल सकता है।
5. डिप्थीरिया (Diphtheria)
डिप्थीरिया जैसी बीमारियों के कारण भी गले में सक्रमण या खराश की परेशानी उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा हूपिंग कफ के कारण गले में खराश और तेज खांसी होती है जो 2 महीने तक रह सकती है. ऐसी बीमारियों से बचने का उपाय करके आप इससे निपट सकते हैं।
6. मांसपेशियों में खिंचाव
मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी गले में खराश या संक्रमण की समस्याएं देखी जाती हैं। जब भी आपको मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो तो आपको समझना चाहिए कि गले में खराश भी हो सकती है।
गले की खराश को दूर करने के उपाय
1. गरम पानी और नमक के गरारे
जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
2. लहसुन
लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा।
3. गर्म पानी की भाप लेना
कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
4. लाल मिर्च
गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
5. लौंग
लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।
6. अदरक
अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।
7. मसाला चाय
लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें, इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बनाएं। इस चाय को गरम गरम ही पीएं। यह भी गले के लिए बेहद लाभदायक उपाय है जिससे गले में तुरंत आराम मिलता है।
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