जानिये लॉकडाउन में पेरेंट्स बच्चों की देखभाल कैसे करें

 

 

लॉकडाउन लोगों को परिवार और परिजनों के साथ जोड़ने में काफी मददगार साबित हुआ है। इसी से जुड़ी एक बात सामने आई है कि लॉकडाउन में परिवार और प्रियजनों के बीच रहने से 52 फीसदी लोगों का स्वभाव काफी अच्छा हुआ है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो  लॉकडाउन के दौरान अपने बच्चों की देखभाल सही से नहीं कर पाए हैं। वहीं 18 फीसदी लोगों ने कहा कि लंबे समय तक परिवार के साथ रहने से तनाव उत्पन्न हुआ है।

 

लॉकडाउन के दौरान खासकर उन लोगों का काफी दिक्कत हुई है, जिन्हें अपना ऑफिस का काम घर से करना पड़ रहा था और साथ में अपने बच्चों का भी ध्यान रखना पड़ रहा था। बच्चों की देखभाल करना भी कोई आसान काम नहीं है, इसलिए आज हम आपको यही बताएंगे की लॉकडाउन में बच्चो की देखभाल कैसे करें जिससे बच्चे की परवरिश ठीक से हो सके।

 

 

 

लॉकडाउन में बच्चों की देखभाल कैसे करें

 

 

बच्चों का रूटीन बनाए

 

अब ये तो आपको मालूम ही होगा की लॉकडाउन में बच्चे न तो स्कूल जा सकते हैं, न ही पार्क में दोस्तों के साथ खेल सकते हैं और न ही माता-पिता के साथ कहीं बाहर जा सकते हैं। ऐसे में उनका पूरे दिन का रूटीन बनाना बहुत जरूरी होता है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना है की उनके इस रूटीन में पढ़ाई-लिखाई से लेकर खेलने और आराम करने का भी समय होना चाहिए।

 

 

 

बच्चों को सुबह जल्दी उठाए

 

बच्चों को सुबह स्कूल जाने के टाइम पर ही उठने को कहे, इससे उनका वही रूटीन बनेगा और बच्चों को सभी काम करने का पूरी तरह से समय मिल पाएगा। वह समय से पढ़ेंगे खेलेंगे और समय पर खाना भी खाएंगे। बच्चों के शरीर को पूरी तरह से पोषण मिलना भी बहुत जरुरी है।

 

 

 

खाने पर भी दे ध्यान

 

बच्चे हमेशा से ही खाना खाने में शक्ले और मीन-मेख निकालते हैं और खाना खाने से मना कर देते हैं। यही वजह है की उन्हें कमजोरी महसूस होती है। बच्चों को संभालना पेरेंट्स के लिए एक चुनौती है। उन्हें घर पर फास्ट फूड खाने की आदत ना डालें क्योंकि इससे वह आलसी होते हैं और इम्युनिटी कमजोर होती है। इसलिए उन्हें पौष्टिक भोजन ही खिलाएं।

 

 

 

बच्चों के काम में मदद करें

 

लॉकडाउन की वजह से बच्चों की पढ़ाई भी काफी प्रभावित हो रही है। वहीं, अधिक रोक-टोक और पढ़ाई के दबाव से बच्चों में अवसाद का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में पैरेंट्स के लिए बच्चों की पढ़ाई और लाइफ को बैलेंस्ड रखना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। लेकिन आप बच्चों के काम में हाथ बटाएंगे तो ये उनके लिए भी अच्छा रहेगा और इससे उन्हें तनाव भी नहीं होगा।

 

 

 

घर के कामो के लिए बच्चों से मदद लें

 

ऐसे में आप उन्हें घर के कुछ साफ़ सफाई के कामों को करवाने में उनकी मदद ले सकते हैं। इसके लिए आप अपने बच्चों को आलमारी साफ़ करना, गार्डन में पानी देना या खाना बनवाने में भी उनसे मदद लें, इससे उनका मूड बेहतर बना रहेगा और उन्हें सभी तरह का काम करने की आदत भी हो जाएगी। वहीं साफ-सफाई और अपनी देखभाल करने के प्रति वह खुद जागरूक भी बनेंगे।

 

 

 

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का समय निर्धारित करें

 

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा माता पिता इसी बात से परेशान रहते हैं की उनके बच्चों को फोन और लैपटॉप की आदत ना पड़ जाए। इसलिए आप अपने बच्चे को अन्य चीज़ों में सक्रिय कर उनके मोबाइल या वीडियो गेम खेलने के समय को कम कर। उन्हें कब और कितने समय के लिए वीडियो गेम्स खेलना है, इस बात का ध्यान आपको रखना होगा।

 

 

 

अपने बच्चे को अपनी बचपन की बातें बताएं

 

जब आप अपने बच्चे के साथ अपने बचपन की बातें शेयर करेंगे तो इससे उन्हें आपके बारे में जानने को मिलेगा और इससे वह ये भी सीखेंगे की आप कौन-कौन से अच्छे काम करते थे। अपनी आदतों में आप खान-पान और रहन-सहन के बारे में अच्छे से समझाएं कि उन्हें सेहतमंद रहने के लिए क्या-क्या खाना चाहिए। आप चाहें तो उन्हें जब भी फल एवं सब्जियां खाने को दें तो उसके फायदे भी बताएं।

 

 

लॉकडाउन में उन सभी के पास एक बहुत अच्छा अवसर है जो अपने बच्चों को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाते हैं और यही वजह है की बच्चे भी माँ-बाप की कमी को महसूस करते हैं। इसलिए इस लॉकडाउन में आप अपने बच्चों की देखभाल इस तरह से कर सकते हैं और अपने बच्चों की बुरी आदतों को अच्छी आदतों में बदल सकते हैं।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।