किसी भी महिला को गर्भावस्था में कोई एक चीज परेशान नहीं करती है, उस दौरान एक महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिसके कारण कई शारीरिक समस्याएं होती हैं। उन्हीं में से एक है गर्भावस्थ में उच्च रक्तचाप की समस्या। दरअसल बहुत सी गर्भवती महिलाओं को उच्च रक्तचाप जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप माँ और होने वाले बच्चे की मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसलिए, ऐसा होने पर उन्हें अपना बहुत ध्यान रखना पड़ता है और उन्हें इससे संबंधित जानकारी होना जरूरी है।
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप वो स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। गर्भावस्थ के दौरान होने वाली इस समस्या को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, यह किसी भी गर्भवती महिला को हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के सामान्य और गंभीर रूप देखे जा सकते हैं। लेकिन इसके लक्षण क्या होते हैं पहले इसे जानना जरूरी है।
हालांकि, गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप बिना लक्षणों के भी शरीर में दाखिल हो सकता है, लेकिन फिर भी निम्नलिखित बिंदुओं से इसकी पहचान की जा सकती है :
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
- आँखों से धुंधला दिखना
- पेट में दर्द
- पेशाब कम आना
- हाथ या पैर में सूजन
- सिर दर्द
- त्वचा पर लालिमा
- उल्टी
- जी मिचलाना
- बेचैनी
- चिड़चिड़ापन
- सांस लेने में दिक्कत
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर के कारण
गर्भावस्था के समय उच्च रक्तचाप उन महिलाओं में सबसे आम होता है, जो महिलाएं पहली बार गर्भधारण करती हैं। हालांकि गर्भावस्था के समय उच्च रक्तचाप का सही कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ कारक हैं जो गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं:
- सुस्त जीवनशैली
- मोटापा या अधिक वजन
- धूम्रपान
- शराब का सेवन
- 40 वर्ष से अधिक उम्र में गर्भवती होना
- गर्भ में एक से अधिक बच्चे होना
- धूम्रपान करना
- गर्भावस्था के समय उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास।
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर से बचने के उपाय
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं। आप निम्नलिखित प्राकृतिक तरीकों से भी गर्भावस्थ में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकती हैं:
धूम्रपान और शराब
ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो गर्भावस्था के समय धूम्रपान और शराब का सेवन करती हैं, इसलिए उन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। यदि वह इस समस्या से बचना चाहती हैं, तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये उनके साथ-साथ होने वाले बच्चे के लिए भी नुकसानदायक होता है।
लहसुन
आपको बता दें की रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए लहसुन का सेवन बहुत कारगर उपाय है। दरअसल इसमें एस-एल सिस्टीन ( S-L cysteine) नामक बायोएक्टिव सल्फर कंपाउंड पाया जाता है। जो हाई बीपी के लिए लाभदायक माना जाता है। आप इसके साथ एक चम्मच शहद और एक लहसुन की कली का सेवन करें, इससे महिलाओं का रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
नमक का सेवन कम करें
उच्च रक्तचाप होने पर अधिक मात्रा में नमक का सेवन किसी जहर से कम नहीं होता है। नमक का सेवन किसी के भी रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसके लिए डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं की रोजाना केवल 1 चम्मच नमक का सेवन करना ही गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा होता है।
अत्यधिक मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ का सेवन करें
यदि महिलाएं गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से बचना चाहती हैं तो उन्हें दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते रहना चाहिए। इसके साथ उन्हें अन्य तरल पदार्थो का भी सेवन करना चाहिए। क्योंकि रक्तचाप कम करने के लिये यह सबसे अच्छा उपाय है। आप शर्करा रहित फलों तथा सब्जियों के रस निकालकर उनका भी सेवन कर सकते हैं।
तरबूज
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को कम करने का सबसे अच्छा उपाय है की आप तरबूज का सेवन करें। आप चाहें तो तरबूज का ज्यूस भी पी सकते हैं। इसके सेवन से हाई बीपी पर काबू किया जा सकता है। यह एक गुणकारी फल है, जिसका सेवन एक गर्भवती महिला को करना चाहिए।
नींबू पानी
गर्भावस्था में नींबू पानी रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम करता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत कारगर उपचार है। प्रेगनेंसी में नींबू पानी को सुरक्षित माना जा सकता है, क्योंकि इसका सेवन गर्भावस्था में मतली और उल्टी को रोकने के लिए किया जाता है।
आंवला
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आवंले का सेवन करना बहुत अच्छा रहेगा। आप इसका ज्यूस के रूप में भी सेवन कर सकते हैं। यह एक गुणकारी पदार्थ है, जिसका सेवन एक गर्भवती महिला कर सकती है और उच्च रक्तचाप से छुटकारा पा सकती है। यदि गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप में आपको इन उपायों को करने के बाद कोई फायदा नहीं मिलता है तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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