पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से निपटने के लिए क्या करें महिलाएं?

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) इसमें महिलाओ के ओवरी के अंदर सिस्ट यानी की गाँठ हो जाती है, जो की महिला के हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है। PCOS को मल्टीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज भी कहा जाता है। इस बीमारी के होने का प्रमुख कारण अनुवांशिक भी हो सकता है। किसी महिला को अगर समय से पीरियड्स नहीं हो रहे हो, तो बाद में चलकर ये PCOS का रूप ले लेती है।

 

जब यह समस्या किसी महिला को होती है, तो उसके शरीर में एंड्रोडेन्स (Androdens) या मेल हार्मोन (Mail hormone) अधिक होने लगते हैं। जिस वजह से गर्भवती होने में महिला को बहुत अधिक कठिनाई होती है, क्योंकि इस हार्मोन की वजह से ओव्यूलेशन (Ovulation) और मासिक चक्र रुक जाता है।

 

यह बीमारी ज्यादातर 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में होती थी, लेकिन अब यह समस्या कम उम्र की लड़कियों को भी होने लगी है।

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण

 

 

  • पीरियड्स रेगुलर न होना

 

  • वजन बढ़ना

 

  • शरीर व चेहरे पर बाल अधिक हो जाते हैं और सिर के बाल कम होने लगते हैं

 

  • त्वचा मुंहासे होना

 

 

  • त्वचा का काला पड़ना

 

  • नींद न आने की समस्या

 

  • थकान महसूस होना

 

 

  • सिर के बालो का अधिक झड़ना

 

  • त्वचा पर दाग होना

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण

 

 

  • अनुवांशिकता पीसीओडी के कारण में मुख्य है

 

  • इंसुलिन प्रतिरोध

 

  • सूजन

 

  • अधिक वजन

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की जाँच

 

 

महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करते हैं, जैसे की –

 

  • ब्लड टेस्ट करके पता लगाया जाता है कि पुरुष हार्मोन महिला हार्मोन की तुलना में कितना अधिक है।

 

  • पेल्विक टेस्ट और

 

  • अल्ट्रासांउड से भी पता लगाया जाता है।

 

 

पीसीओएस(PCOS) के लिए घरेलू इलाज

 

 

  • अगर दालचीनी को गर्म पानी के साथ लिया जाए, तो यह इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोक सकता है।

 

  • अलसी के बीज को पीस के उसके पाउडर को पानी में डालकर पीने से एंड्रोजन हार्मोंस में कमी आती है।

 

  • एक शोध के जरिये ये बात सामने आई है की पुदीने की चाय एंटी-एंड्रोजन का काम करती है। इसे पीने से पीसीओएस में राहत मिलती है।

 

  • यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकती है, हार्मोंस को संतुलित करती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार लाती है ।

 

  • मेथी के बीजों को आठ-दस घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें और फिर इन्हें पीसकर शहद के साथ दिन में 3 बार ले सकते हैं।

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से निपटने के लिए क्या करें महिलाएं?

 

 

 

  • अपने हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए आप दवाएं भी ले सकते है।

 

  • वजन ज्यादा है तो वजन कम करने से हार्मोन का स्तर बैलेंस करने में मदद मिलती है। इससे आपका पीरियड साइकल और ओव्यूलेशन सही रहता है।

 

  • धूम्रपान करने से महिलाओं में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान छोड़ देना ही लाभकारी होता है।

 

  • खानपान और रूटीन में बदलाव।

 

  • खाने में हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें. जैसे- ब्रोकली, फूलगोभी, पालक।

 

  • बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाएं।

 

  • योग और ध्यान के जरिए तनाव से बचें।

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जिसे पीसीओएस भी कहा जाता है। अगर आपको पीरियड्स, सिर दर्द, त्वचा का काला पड़ना या गर्भपात की समस्या हो रही हो ,तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करे।

 

 


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