जानिए अस्थमा होने के कारण, लक्षण और बचाव

 

अस्थमा

 

बढ़ते प्रदूषण के साथ ही इन दिनों अस्थमा के मरीजों की संख्या में भी काफी इजाफा हो रहा है। सिगार, सिगरेट और पाइप से निकलने वाला धुआं आपके शरीर को कई तरह से नुकसान पहुँचाता है। क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग हर कोई इस बीमारी की चपेट में आ रहा है। ऐसे में लोगों की स्मोकिंग की लत इस बीमारी को और भी खतरनाक बना रही है। तंबाकू का धुआँ एक शक्तिशाली अस्थमा ट्रिगर है।

 

 

सेकंड हैंड स्मोकिंग

 

 

अगर सिगरेट पीते हुए किसी और व्यक्ति के साथ में खड़े होते हैं तो उसका धुआं आप भी लेते हैं। इसे पैसिव स्मोकिंग या सेकंड हैंड स्मोकिंग कहते हैं। वास्तव में पैसिव स्मोकिंग और भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमें स्मोकर द्वारा छोड़े गए धुएं को आप अंदर लेते हैं। इसमें अंदर लिए गए धुएं से ज्यादा खतरनाक तत्व मौजूद होते हैं। जिसे पहले से अस्थमा है, उसके लिए यह खास नुकसानदेह होता है। इससे अस्थमा अटैक होने के संभावना बढ़ सकती है और मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो सकती है।

 

 

अस्थमा होने के कारण

 

 

अस्थमा होने का प्रमुख कारण प्रदूषण और धूम्रपान है। साथ ही मौसम के बदलाव व सर्दी के साथ साथ प्लू व मादक पदार्थों के सेवन से भी अस्थमा ज्यादा मात्रा में लोगो को परेशान कर रहा है। साथ देखा गया है कि कई बार भावनात्मक तनाव भी इसका कारण बन जाता है। वहीं कुछ लोगों में यह समस्या आनुवांशिक भी होती है। साथ ही आपको बता दे कि अस्थमा कई प्रकार का होता है जैसे एलर्जिक अस्थमा, नॉनएलर्जिक, मिक्स्ड अस्थमा, इनड्यूज अस्थमा, कफ वेरियंट, ऑक्यपेशन अस्थमा, मिमिक अस्थमा, चाइल्ड ऑनसेट अस्थमा, एजल्ट ऑऩसेट अस्थमा आदि प्रकार से अस्थमा हो सकता है।

 

 

अस्थमा होने के लक्षण

 

 

  • छाती में दर्द

 

 

  • घरघराहट

 

  • गला खराब या सूजन

 

  • मुंह से साँस लेना

 

  • बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी

 

  • ठंडी हवा में सांस लेने से हालत गंभीर होना

 

  • सीने में जकड़न जैसा महसूस होना

 

  • थकान जो खराब नीद की वजह से हो सकती है

 

 

अस्‍थमा से बचाव

 

 

  • अगर आप अस्‍थमा के मरीज हैं तो दवाईयां साथ रखें, खासकर इन्‍हेलर या अन्‍य वह चीजें जो आपको डॉक्‍टर द्वारा बताई गई हैं।

 

  • योग के माध्‍यम से अस्‍थमा पर कंट्रोल किया जा सकता है। सूर्य नमस्‍कार, प्राणायाम, भुजंगासन जैसे योग अस्‍थमा में फायदेमंद होते हैं।

 

  • सर्दी के मौसम में धुंध में जानें से बचें। धूम्रपान करने वाले व्‍यक्तियों से दूर रहें। घर को डस्‍ट फ्री बनाएं।

 

 

  • अस्‍थमा में इलाज के साथ बचाव की अवश्‍यकता ज्‍यादा होती है। अस्‍थमा के मरीजों को बारिश और सर्दी से ज्‍यादा धूल भरी आंधी से बचना चाहिए। बारिश में नमी के बढ़ने से संक्रमण की संभावना ज्‍यादा होती है। इसलिए खुद को इन चीजों से बचा कर रखें।

 

  • ताजा पेंट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने का कॉइल का धुआँ, खुशबुदार इत्र से जितना हो सके बचे।

 

 

अस्थमा के घरेलू उपचार

 

 

  • लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज  सेवन करने से अस्थमा में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।

 

 

  • गर्म अदरक की चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सुबह और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।

 

 

  • दमा के रोगी को पानी में अजवाइन मिलाकर उबालें और पानी से उठने वाली भाप लें, यह घरेलू उपचार बहुत फायदेमंद है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानने के बाद इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और इसे गर्म-गर्म पिएं। इस काढ़े को दिन में दो से तीन बार लेने से निश्चित रूप से रोगी को लाभ होता है।

 

अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो बताये गए उपायों का इस्तेमाल करे, लेकिन इससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले

 

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