गुलाब सींग ने कराया फेफड़ो का इलाज जाने उनकी स्वास्थ्य समस्या

सिगरेट सबसे ज्यादा फेफड़ों के कैंसर का कारण बनती है। फेफड़ों का कैंसर अन्य प्रकार के तम्बाकू का उपयोग करने से भी हो सकता है, फेफड़ों को नुकसान तब होता है जब एस्बेस्टस या रेडॉन जैसे पदार्थों के संपर्क में आते हैं ये फेफड़ों के कैंसर का कारण भी बनता है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास होना भी इस बीमारी का कारण बनता है। आमतौर पर यह माना जाता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को फेफड़ो का कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन यह कैंसर अन्य नशीले पदार्थों जैसे गुटका, तंबाकू आदि के सेवन से भी हो सकता है। आज हम आपको अपने एक पेशेंट के बारे में बताएंगे जिनका नाम गुलाब सिंह है।

 

 

गुलाब सींग को फेफड़ो से जुड़ी क्या समस्या थी?

 

जब फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन हो जाती है, तो उस स्थिति को ब्रोन्कियल अस्थमा कहा जाता है और गुलाब सिंह को ब्रोन्कियल अस्थमा की समस्य थी। इससे वायुमार्ग संकरा हो जाता है और बलगम बनने लगता है, खांसी अधिक हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। अस्थमा सांस से जुड़ी बीमारी है, इसे दूसरे शब्दों “दमा” भी कहते हैं। अस्थमा की वजह से गुलाब सिंह को आस्थमा के अटैक आने लगे थे।

 

 

अस्थमा अटैक क्या होते हैं?

 

 

जब आप सामान्य रूप से सांस लेते हैं, तो आपके वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे हवा आसानी से और चुपचाप चलती है। अस्थमा के दौरे के दौरान तीन चीजें हो सकती हैं:

 

  • ब्रोंकोस्पज़म: वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं (कसती हैं)। तो यह आपके वायुमार्ग को संकीर्ण बना देता है। वायु संकुचित वायुमार्गों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से प्रवाहित नहीं हो सकती है।

 

  • सूजन: आपके वायुमार्ग की परत सूज जाती है। सूजे हुए वायुमार्ग आपके फेफड़ों में या बाहर उतनी हवा नहीं जाने देते हैं।

 

  • बलगम बनना : फेफड़ों में समस्या होने पर शरीर में अधिक बलगम बनता है। यह गाढ़ा बलगम वायुमार्ग को बंद कर देता है।

 

जब आपके वायुमार्ग तंग हो जाते हैं, तो आप सांस लेते समय घरघराहट नामक आवाज करते हैं, जब आप सांस छोड़ते हैं तो आपके वायुमार्ग में से सांस लेते समय आवाज आने लगती है। आपको दमा का दौरा पड़ने की आवाज भी सुनाई दे सकती है जिसे एक्ससेर्बेशन या फ्लेयर-अप कहा जाता है। यह वह शब्द है जब आपका अस्थमा नियंत्रित नहीं होता है।

 

 

फेफड़ों में सूजन के लक्षण

 

पल्मोनरी एडीमा के लक्षण अचानक देखने को मिलते हैं या समय के साथ विकसित हो सकते हैं। इसके लक्षण एडिमा के प्रकार पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, सांस की गंभीर कमी, घुटन होना, खांसी के साथ थूक आना, खांसी में खून आना, घरघराहट या सांस के लिए हांफना, ठंड लगना , शुष्क त्वचा, बेचैनी और अनियमित महसूस करना शामिल हैं। यदि आपको ऐसे कोई भी लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

 

डॉ राकेश गुप्ता ने किया गुलाब सिंह का इलाज

 

 

डॉक्टर राकेश ने गुलाब सिंह के फेफड़ों की जांच के लिए स्पिरोमेट्री कराने की सलाह दी। यह टेस्ट आपके फेफड़ों के माध्यम से वायु प्रवाह को मापता है। इसके साथ ही डॉक्टर ने छाती का एक्स-रे, ब्लड टेस्ट भी किया। इन सभी रिपोर्ट्स को देखने के बाद डॉक्टर ने उनके स्वास्थ्य के अनुसार इलाज के विकल्प का सुझाव दिया।

 

ब्रोन्कियल अस्थमा के इलाज के क्या विकल्प हैं?

 

अस्थमा का सबसे आम उपचार के लिए डॉक्टर ज्यादातर मरीज को इनहेलर का प्रयोग करने की सलाह देते हैं इसके साथ कुछ दवाओं को भी लेने को कहा जाता है दवा लेने के लिए डॉक्टर नेबुलाइज़र या रेस्पिरेटर का भी सुझाव देता हैं। डॉक्टर राकेश सिंह ने गुलाब सिंह को बायोलॉजिकल थेरेपीज करने का फैसला लिया जिसके बाद उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। गुलाब सिंह अब पहले से काफी स्वस्थ महसूस कर रहें हैं।

 

डॉक्टर ने अस्थमा को नियंत्रित करने के तरीके भी बताए?

 

अस्थमा को नियंत्रण में रखने के उपाय : हैं जो आप करना चाहते हैं।

 

वायु प्रदूषण: यदि आपको अस्थमा है तो बाहर जाने से पहले मास्क का प्रयोग करें क्योंकि वायु प्रदूषण से अस्थमा बढ़ता है।

 

धूल और धुंए से बचें: आपको धूल और धुंए से बचना चाहिए कुछ लोगों को धूल और धुंए से एलर्जी होती है।

 

व्यायाम: कुछ लोगों के लिए व्यायाम करने से भी अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। यदि आपको व्यायाम करना है अपने डॉक्टर से सलाह लेकर करें।

 

पालतू जानवर: कुछ लोगों को पालतू जानवर से भी अस्थमा के अटैक पड़ने का खतरा रहता है।

 

एक अस्थमा पेशेंट को इन सभी बातों का ध्यान रखें चाहिए। इसके अलावा आपको अपनी जीवनशैली में स्वस्थ खान पान पर ध्यान देना चाहिए। गुलाब सिंह ने पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद GoMedii और पूरी टीम का धन्यवाद किया। उन्होंने पहले तो लगा था की हम उनकी इसमें मदद नहीं कर पाएंगे लेकिन जब उन्हें अपने स्वास्थ्य में सुधार दिखने लगा तो उनका ये भ्रम टूट गया।

 

यदि आपको भी कोई स्वास्थ्य समस्या है तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकता हैं। आप हमसे  व्हाट्सएप (+91 9654030724 और +91 9599004811) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।