जानिए क्या है आयुष्मान भारत हेल्थ आईडी कार्ड, कैसे करें अप्लाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि एबीडीएम के पास स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस डिजिटल मिशन के तहत लोगों को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उनका स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। इस डिजिटल हेल्थ कार्ड में आपकी बीमारी और इलाज से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होंगी। यानी इसके जरिए किसी भी मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

एनडीएचएम के तहत स्वास्थ्य आईडी केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त और स्वैच्छिक है। दरअसल सरकार के अनुसार, स्वास्थ्य डेटा के विश्लेषण से राज्यों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए एक बेहतर योजना (पीएम डिजिटल हेल्थ कार्ड 2022) बजट और उसका ठीक से अमल होगा। ऐसा होने के बाद देश के नागरिक अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने से बस एक क्लिक दूर होंगे।

 

 

डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड क्या है?

Credit: National Health Authority

 

आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) के तहत आपको एक 14 डिजिट का यूनिक नंबर दिया जाएगा जैसा की आधार कार्ड पर होता है और यह एक प्रकार से हेल्थ आइडेंटिटी के रूप में व्यक्ति की पहचान बताएगा। इससे नागरिकों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में आसानी होगी और इससे स्वास्थ्य डेटा को एक ही रूप में संग्रहीत किया जा सकता है। ऐस होने पर आप अपना पूरा हेल्थ डाटा कभी भी आसानी से चेक कर सकते हैं।

आपको बता दें कि डिजिटल हेल्थ कार्ड आपके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को ऑनलाइन स्टोर करने की अनुमति देता है, इसके तहत कोई भी मरीज किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जा सकता है, ऐसे में उन्हें सब जगह अपने हेल्थ चेकअप की रिपोर्ट्स लेकर नहीं घूमना होगा। इसके अलावा किसी तरह के एहम दस्तावेज खोने का भी डर नहीं रहेगा।

 

 

जाने कैसे बनेगी डिजिटल हेल्थ आईडी और कौन से दस्तावेज देंगे होंगे

 

 

यदि आप डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनवाना चाहते हैं तो यह बेहद आसान है। आपको नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) की वेबसाइट ndhm.gov.in पर नाम, लिंग, उम्र, मोबाइल नंबर और आधार नंबर देकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। पंजीकरण होने के बाद लॉग इन करके आप तुरंत अपना स्वास्थ्य कार्ड डाउनलोड भी कर सकते है।

 

  • स्टेप-1: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन रजिस्ट्रेशन की वेबसाइट https://healthid.ndhm.gov.in/ पर जाएं।

 

  • स्टेप-2: यहां क्रीट योर हेल्थ आईडी (Create Your Health Id) ऑप्शन पर क्लिक करें।

 

  • स्टेप-3: नया पेज खुलने के बाद आपको काफी सारे विकल्प दिखाई देंगे जैसे की Generate via Aadhaar Card, Don’t have aadhaar id/Don’t want to use aadhaar for creating health id और Already have health id के ऑप्शन दिखाई देंगे, यहां अपनी सुविधा के अनुसार आप कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। यदि आप जेनेरेट वाया आधार कार्ड (Generate via Aadhaar Card) पर क्लिक करेंगे तो यह आपके लिए आसान रहेगा।

 

  • स्टेप-4: यदि आपके पास आधार कार्ड है और आप उससे हेल्थ आईडी क्रिएट का करना चाहते हैं तो Generate via Aadhaar पर क्लिक करें और यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है या आप आधार से हेल्थ आईडी नहीं बनाना चाहते तो Don’t have aadhaar id/Don’t want to use aadhaar for creating health id के सामने लिंक पर क्लिक करें।

 

  • स्टेप-5: इस स्टेप में अब आप अपना आधार नंबर या मोबाइल डालें, i agree को टिक (✔) करें और Captcha Verify करके सबमिट (Submit) के बटन पर क्लिक करें।

 

  • स्टेप-6: पांचवे स्टेप के बाद व्यक्ति के आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (Aadhaar Registered Mobile Number) पर एक OTP आएगा यह केवल वॉरफिकेशन करने के लिए होता है।

 

  • स्टेप-7: आधार वेरिफ़िकेशन के बाद यहां अपना PHR Address/यूजरनेम, नाम, लिंग, उम्र, प्रोफाइल फोटो व अन्य जरूरी डिटेल्स डाल कर Registration पूरा करन होगा।

 

  • स्टेप-8: ओटीपी डालने के बाद आपके स्क्रिन पर एक फॉर्म खुल जाएगा। इसमें मांगी गई जानकारी को भरकर इसे सबमिट कर दें।

 

  • स्टेप-9: सारी जानकारी को भर के सबमिट करते ही आपका हेल्थ आईडी जनरेट हो जाएगा।

 

यदि आप डिजिटल हेल्थ आईडी बनवाना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें https://healthid.abdm.gov.in/register.

 

 

डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड के लाभ क्या है?

 

डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का मूल विवरण और मोबाइल नंबर या आधार नंबर का उपयोग करके तैयार किया जाता है। हेल्थ आईडी कार्ड (डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड) व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR), और हेल्थकेयर फैसिलिटी रजिस्ट्रीज (HFR) की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है।

 

जिसमें कार्डधारक का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड जैसे रोग डेटा, टेस्ट रिपोर्ट, डॉक्टर की नियुक्तियां, निदान और दवाएं दर्ज की जाती हैं। इससे टेली-कंसल्टेशन, टेलीमेडिसिन और डिजिटल उपचार सुविधाएं आसान और प्रभावी हो जाएंगी।

 

इस हेल्थ कार्ड की मदद से डॉक्टर किसी भी मरीज का इलाज करने से पहले उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री देख सकेंगे, जिससे इलाज में आसानी होगी। इसके अलावा लाभार्थी भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

 

 

क्या आपको स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करना होगा?

 

अगर आप एक और डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने मोबाइल और कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन माध्यम से आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा आप चाहें तो अपने मोबाइल में ABDM Health Record App भी डाउनलोड कर सकते हैं। स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए आपको बुनियादी जानकारी की आवश्यकता होगी जिसे आपको अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड भरने और प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी।

 

अभी तक कितने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य आईडी कार्ड बने हैं?

 

 

आपको बता दें की अभी तक आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत 219 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आईडी बनाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 15 मई 2022 को दी। इस योजना के तहत 53341 स्वास्थ्य सुविधाएं पंजीकृत हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य पेशे से जुड़े 11677 से अधिक नागरिकों का पंजीकरण किया जा चुका है। यह योजना स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बदलाव ला रही है और सभी नागरिकों के जीवन में क्रांति ला रही है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से डिजिटाइज करने पर फोकस है।

 

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) का मुख्य लक्ष्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे का समर्थन और विकास करना है। इस योजना के तहत 40 से अधिक डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को कवर किया गया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन दूर रह रहे नागरिकों को सीधा लाभ दिलाने में कारगर साबित होगा। इसके अलावा डॉक्टरों से लेकर नागरिकों को अन्य सुविधाएं भी ऑनलाइन माध्यम से मुहैया कराई जाएंगी।

 

अपना स्वास्थ्य रिकॉर्ड कैसे देखें?

 

कार्डधारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी एनडीएचएम हेल्थ रिकॉर्ड्स ऐप पर उपलब्ध होगी। आप इस पर्सनल हेल्थ व्यूअर ऐप को Google Play Store और App Store से डाउनलोड कर सकते हैं या ndhm.gov.in पर लॉग इन करके भी अपना स्वास्थ्य रिकॉर्ड देख सकते हैं।

 

 

स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करने के लाभ यहां दिए गए हैं?

 

डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड के जरिए आपको कई फायदे मिलेंगे, जाने :

 

  • आवेदक किसी भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपनी स्वास्थ्य आईडी से जोड़ सकते हैं। जिसके बाद आपकी सेहत की जानकारी हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगी।

 

  • यदि आप अपने इलाज के लिए कहीं और जाते हैं, तो आपको अपने पुराने नुस्खे और रिपोर्ट नहीं रखनी पड़ेगी। यह सारी जानकारी आपके स्वास्थ्य कार्ड में उपलब्ध होगी।

 

  • यदि कोई नागरिक अस्पताल में भर्ती है, तो वह इस अवधि के दौरान किसी भी समय अपने डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच सकता है।

 

  • हेल्थ आईडी कार्ड के जरिए मरीज देश भर में सत्यापित डॉक्टरों की पहचान कर सकेंगे और उन तक पहुंच सकेंगे।

 

  • नागरिक चाहें तो बच्चे के जन्म से पहले डिजिटल हेल्थ आईडी बनवा सकते हैं।

 

  • आवेदक स्वास्थ्य आईडी तक पहुंचने के लिए नामांकित व्यक्ति को भी जोड़ सकते हैं। नामांकित व्यक्ति आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को देखने और प्रबंधित करने में सहायक हो सकते हैं।

 

 

क्या आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड सुरक्षित हैं?

 

दरअसल एनएचए का कहना है कि एबीडीएम किसी भी लाभार्थी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को स्टोर नहीं करता है। यह रिकॉर्ड स्वास्थ्य सेवा सूचना प्रदाताओं के पास उनकी “अवधारण नीतियों” के अनुसार संग्रहीत किया जाता है और लाभार्थी की सहमति के बाद ही एबीडीएम नेटवर्क पर एन्क्रिप्शन तंत्र के साथ साझा किया जाता है। केंद्र सरकार का कहना है कि किसी भी नागरिक का डेटा किसी अन्य फर्म के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

 

इसके अलावा साइबर क्राइम से बचाव के लिए एक अलग टीम भी बनाई जाएगी, जो इस डेटा को सुरक्षित रखने का काम करेगी। आपका डेटा केवल डॉक्टर को दिखाया जाएगा, और आपके द्वारा एक्सेस प्रदान करने के बाद केवल एक बार दिखाया जाएगा, दूसरी बार फाइल्स को देखने के लिए आपको फिर से डॉक्टर को एक्सेस देना होगा।

 

आयुष्मान भारत योजना ग्रामीण के अंतर्गत कौन आता है?

 

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवार

 

  • ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई पुरुष सदस्य नहीं है

 

  • बेघर व्यक्ति

 

  • ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई व्यक्ति नहीं है

 

  • एक परिवार जिसमें एक विकलांग व्यक्ति शामिल है

 

  • भूमिहीन परिवार

 

  • आदिवासी समुदाय

 

  • बंधुआ मजदूर

 

  • एक कमरे के घरों में रहने वाले परिवार

 

हेल्थ आईडी कार्ड कितने अंकों का होता है?

 

डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड 14 अंकों का होता है।

 

हेल्थ आईडी कार्ड का उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा?

 

इस स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग आपकी पहचान को प्रमाणित करने के साथ-साथ कई प्रणालियों और हितधारकों को आपकी अनुमति से आपके स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंचने की अनुमति देने के लिए किया जाएगा।

 

हम अपना हेल्थ आईडी कार्ड कैसे बनवा सकते हैं?

 

अगर आप अपना हेल्थ कार्ड बनवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा आप अपने मोबाइल फोन में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का हेल्थ रिकॉर्ड एप्लीकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं।

 

क्या हेल्थ आईडी कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है?

 

नहीं, अगर आपके पास आधार नहीं है तो आप आधार की जगह अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

क्या आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन द्वारा हमारे स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार के रिकॉर्ड संग्रहीत किए जाते हैं?

 

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) किसी भी लाभार्थी व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को संग्रहीत नहीं करता है, लेकिन यह रिकॉर्ड स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पास उनकी “प्रतिधारण नीतियों” के अनुसार सुरक्षित रखा जाता है।

 

यदि आप आयुष्मान भारत हेल्थ आईडी कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहते हैं तो हमसे  व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आप से संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।