बच्चों में माइग्रेन की बीमारी तब होती है, जब दिमाग के नसों में सूजन हो जाती है। माइग्रेन का दर्द बहुत दर्दनाक होता है। यह समस्या बदलती जीवनशैली, अत्यधिक तनाव और असंतुलित खान-पान की वजह से होती है।
लगभग 10 प्रतिशत स्कूल जाने वाले बच्चे इस बीमारी से पीडि़त हैं। माइग्रेन की समस्या कुछ वर्ष पहले तक केवल वयस्कों में ही देखने को मिलती थी। लेकिन, अब पिछले कुछ सालों से बच्चों में भी माइग्रेन की समस्या बहुत देखने को मिल रही है। अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो यह बहुत ही खतरनाक रूप ले सकती है।
बच्चों में माइग्रेन के लक्षण
- सिर के एक हिस्से में बहुत तेज दर्द होना
- माइग्रेन के दर्द में रोशनी अच्छी नहीं लगती
- उल्टी की शिकायत होना
- अगर किसी को साइनस की समस्या हैं, तो उसे माइग्रेन होने की भी आशंका होती है
- आंखों से पानी निकलना
- अगर बच्चों में माइग्रेन की बीमारी है, तो उन्हें चॉकलेट खाने का मन बहुत करता है
- आंखों में बहुत तेज दर्द होना
- शुरुआती स्तर पर माइग्रेन में हाथ और पैरों में भी दर्द होता है
- बच्चों में माइग्रेन की बीमारी होने पर बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है
आइये जानें कि बच्चों में माइग्रेन के दर्द के कारण क्या हैं।
बच्चों में माइग्रेन के कारण
- अगर बच्चो में लीवर की बीमारी और शरीर में अधिक कमजोरी होती है, तो बच्चों में माइग्रेन की शिकायत होने लगती हैं।
- डॉक्टरों के अनुसार बच्चों में माइग्रेन की शुरुआत सिरदर्द से नहीं होती। वह बच्चे सबसे ज्यादा माइग्रेन का शिकार बनते हैं, जिनके परिजन को माइग्रेन की शिकायत रही हो।
- पढ़ाई की अधिक टेंशन बच्चों में माइग्रेन की समस्या बन रही है।
- मानसिक तनाव भी बच्चों में माइग्रेन का कारण बनता हैं।
- कई बार अधिक दवाएं (या हैवी मेडिसन) के सेवन की वजह से भी बच्चों में माइग्रेन के दर्द की शिकायत होने लगती है।
- समय पर खाना न खाने से और भूखे रहने से भी बच्चों में माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
बच्चों में माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए अपनाये ये उपाय
- कम से कम 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेने से बच्चों में माइग्रेन की समस्या नहीं होगी।
- धुप और गर्मी में जब भी घर से बाहर निकले तो छाता लेकर ही निकले।
- बिना डॉक्टर की सलाह के किसी तरह का उपचार करने से बचना चाहिए।
- पढ़ाई का अधिक या फिर किसी भी चीज का बहुत ज्यादा प्रेशर नहीं लेना चाहिए और खान-पान ठीक रखना चाहिए।
- अधिक रौशनी से बचे।
- अगर आपके बच्चों में माइग्रेन की बीमारी हैं, तो आप उसे जंक फूड तथा डिब्बाबंद आहारों से दूर रखें। उसे केवल घर का बना पौष्टिक आहार ही खाने को दे।
- आप अपने बच्चे को पनीर, चॉकलेट, चीज, नूडल्स, आदि का सेवन न करने दे। यह ऐसे आहार हैं, जो आपके बच्चों में माइग्रेन की समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं।
यदि आपके बच्चों में माइग्रेन की समस्या है या फिर उन्हें कोई दर्द महसूस हो रहा हो, तो अपने मन से कोई भी दर्द निवारक दवाई उन्हें न दे और तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले।
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