बच्चों के लिए पैरेंटिंग टिप्स | Bachchon Ke Liye Parenting Tips

हर माता पिता चाहते है की उनका बच्चा समझदार रहे। इसके लिए एक पेरेंट्स को अपने बच्चे को कुछ टिप्स देना चाहिए और साथ ही अपने बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार भी करना चाहिए। यदि आप अपने बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तभी वो भी बाकी लोगों से अच्छे तरीके से पेश आएगा।

आज कल के बच्चों का रूटीन इतना बिजी रहता है कि पैरेंट्स चाहकर भी बच्चों को कोई नई चीज़ नहीं सिखा पाते है। ऐसे में बच्चे भी सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ही फोकस करते है, इसी के चलते वह अपने माता पिता से बहुत-सी नई और व्यावहारिक चीज़ें नहीं सीख पाते। लेकिन जब आपके बच्चो की गर्मी की छुट्टियां होती है तब आप उन्हें भरपूर टाइम दें। बच्चे के माता पिता इसका सही उपयोग करके बच्चों में कई गुण विकसित कर सकते हैं।

 

क्या है पेरेंटिंग टिप्स? (What is parenting tips)

 

पेरेंटिंग टिप्स का मतलब होता है की आप अपने बच्चे के साथ अच्छ व्यवहार करें उसे सही मायने में बात करने के तरीके सिखाएं, सभी से अच्छा व्यवहार करने का तरीका सिखाएं। एक तरीके से उसे सभी अच्छी बातें बताना जो उसके दैनिक जीवन से जुड़ी हो और उसका  इस्तेमाल वह अपनी डेली के काम काज में करें। बच्चे का सही तरीके से बर्ताव करना ही पेरेंटिंग टिप्स कहलाती है।

 

बच्चे के लिए पेरेंटिंग टिप्स? (Parenting Tips For Children)

 

आप क्या करते हैं :

 

“आप क्या करते हैं” इससे आपके बच्चे पर बहुत फ़र्क पड़ता है। क्योंकि आपका बच्चा आपको देख रहा हैं। उनके सामने ऐसी कोई भी चीज न करें जिससे उनके ऊपर कोई गलत प्रभाव पड़े। आप जो भी चीजें करते है आपका बच्चा वैसी ही चीजें सीखता है।

 

बच्चो से अच्छा व्यवहार करे :

 

यदि आप चाहते है की आपका बच्चा समझदार हो, तो सबसे जरुरी है की आप अपने बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार करें उससे अच्छे से बात करें।

 

उनके सामने झूठ न बोलें :

 

यदि आप बच्चे के सामने झूठ बोलते है तो इसका प्रभाव उन पर गलत पड़ता है। ऐसा करने से वह भी आपसे झूठ बोलने लगेंगे और आपसे बातें छुपाए लगेंगे।

 

झगड़ा न करें :

 

अगर पैरेंट्स बच्चे के सामने आपस में लड़ते या बहस करते हैं, तो सबसे ज्यादा बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा होने पर वह खुद को असुरक्षित महसूस करते है। उसका मानसिक रूप से विकास ठीक से नहीं हो पाता।

 

बहुत ज्यादा प्यार करना :

 

ज्यादा लाड़-प्यार से भी बच्चे बिगड़ने लगते है। जायदातर पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चे को इसी तरह बिगाड़ते है, कभी भी एक बच्चे को बहुत अधिक प्यार दिखाने का परिणाम भी गलत होता है। इसकी वजह से बच्चे बहुत जयादा जिद्दी हो जाते है।

 

घर का माहौल सकारत्मक रखें :

 

सबसे जरुरी चीज है की आप अपने घर का माहौल बिल्कुल सकारात्मक रखें, क्योंकि इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है। उसने हमेशा पॉजिटिव बातें ही शेयर करें, इससे आपके बच्चे के विकास को गति मिलेगी।

 

बच्चो से रखें फ्रेंडली बिहेवियर :

 

यदि आप अपने बच्चे के साथ उसके दोस्त बनाकर रहेंगे और उसके साथ हंसी, मजाक करेंगे तो ये आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा तभी वो आप से बिना झिझके सभी बातें करेगा।

 

बच्चे को डांटे नहीं :

 

बच्चे अक्सर बहुत सी गलतिया करते है, जिसके बाद उनके माता पिता उन्हें डांटने लगते है जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें समझाना चाहिए की उनको ये काम ऐसा करना था। बच्चो में चीजों को समझने की कमी होती है जिसकी वजह से उनसे गलतिया होती है।

 

बच्चो के साथ करें शारीरिक मेहनत :

 

आज कल बच्चों का ज्यादातर समय स्कूल और कोचिंग में चला जाता है। बच्चे बहुत देर तक एक जगह पर बैठे रहते हैं, ऐसे में उनका शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो पाता। तो उनके पेरेंट्स को बच्चों के साथ मिलकर थोड़ा फिजिकल वर्क कारन चाहिए। उनके साथ कोई भी खेल खेले जैसे- क्रिकेट या बैडमिंटन या कोई खेल।

 

बच्चे के टीचर से मिलते रहे :

 

कई बार ऐसा होता है की बच्चे घर में तो बिल्कुल शांत रहते है। लेकिन स्कूल में बहुत शैतानी करते है, जिसकी वजह से टीचर्स परेशान रहते है। इसलिए जरुरी है की आप समय-समय पर बच्चों के टीचर से मिलते रहे और उनकी एक्टिविटी पर ध्यान दें की वो किसी भी काम को कैसे करते है।

 

बच्चो में भेदभाव न करें :

 

कई पेरेंट्स दो बच्चे होने पर एक बच्चे से भेदभाव करते है, जिसकी वजह से उस बच्चे पर बुरा असर पड़ता है और वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। ऐसा परेंस्ट तब करते है जब एक बच्चे के मार्क्स ख़राब आते है और दूसरे के अच्छे, तब पेरेंट्स दूसरे बच्चे को ज्यादा प्रोत्साहित करते है, जबकि उन्हें दोनों बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

 

बच्चो के लिए बनाए टाइम टेबल :

 

बच्चे के लिए एक टाइम टेबल बना दें और उसके समय के अनुसार ही उसे हर काम करने को कहे। इससे उसका मानसिक विकास बहुत अच्छे से होगा और वह तेजी से अपना काम को करने लगेगा। बच्चे में आलास भी नहीं रहेगा।

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