अपने बच्चे को संक्रामक रोगों से बचाना चाहते हैं तो आपको अपने बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाना होगा। तभी आप अपने बच्चे को कोरोनावायरस से भी बचा सकते है। आप अपने बच्चे को रोजाना पैदा होने वाले कीटाणुओं और वायरस से बचाने के लिए क्या कर सकते हैं ? जब आपका बच्चा बीमार हो जाते हैं तो उसके पीछे यही कीटाणु और वायरस जिम्मेदार होते हैं।
जब आपके बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होगी तो वह होने वाले आम संक्रमण से बचे रहेंगे। बच्चे की इम्यूनिटी अच्छी होती है, तो वह पूरी तरह से स्वस्थ रहता है। आपको बता दें कि भारत में ऐसे कई बच्चे हैं जिनकी इम्यूनिटी बचपन से ही कमजोर होती है। उन बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप अपने बच्चे को क्या खिलाएं आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे।
बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हमारे पास सुपर पावर वाले खाद्य पदार्थों की एक विशेष सूची है जिसे आप अपने बच्चे को खिलाएं और उसे कोरोना वायरस से बचाएं।
इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
अधिक फल और सब्जियां खाएं
यदि आप अपने बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो उसे गाजर, बीन्स, संतरे, स्ट्रॉबेरी खिलाएं। दरअसल इन सभी में कैरोटेनॉयड्स होते हैं, जो तेजी सेइम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है। फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) शरीर में संक्रमण से लड़ने वाले श्वेत रक्त कोशिकाओं के को बढ़ाने में मदद करता है कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर आहार वयस्कता में कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों से भी बचा सकता है। अपने बच्चे को एक दिन में पांच सर्विंग फ्रूट्स खिलाएं।
सोने का समय बढ़ाएँ
आपके बच्चे के स्वस्थ विकास में नींद बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बच्चे के इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम करता है। नेशनल स्लीप फ़ाउंडेशन के अनुसार, 1 से 2 साल की उम्र के बच्चों को प्रति रात 11 से 14 घंटे की नींद की ज़रूरत होती है, 3 से 5 साल के बच्चे को प्रति दिन 11 से 13 घंटे की नींद की ज़रूरत होती है। अगर हम स्कूली बच्चों की बात करें तो 15 साल की उम्र के बच्चों को 9 से 11 घंटे की नींद की जरूरत होती है। आपके बच्चे के सोने वाले कमरे में अँधेरा होगा तो उसे बहुत अच्छी नींद आएगी।
बचाव के लिए दही
दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर है, ये आपके खराब पेट को सही करने में मदद करता है ये बैक्टीरिया स्वे लड़ने में मदद करता है। दही आपके पेट की सभी समस्या को दूर करने में बहुत कारगर साबित होता है। यदि आपका बच्चा सादे दही का सेवन करता है, तो उसके इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने बच्चे के आहार में दही को जरूर शामिल करें आप चाहें तो सादा दही, के आलावा दही का रायता, या लस्सी बना कर अपने बच्चे को दे सकते है।
मछली खाएं
आपको बता दें की मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो बच्चे के शरीर की कोशिकाओं की गतिविधि के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं। मछली बड़ो से लेकर बच्चों के इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है। सैल्मन और टूना जैसी फैटी मछली बच्चों के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने का एक अच्छा विकल्प हैं।
व्यायाम करें
यदि अपने बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो आपको अपने बच्चे को व्यायाम और योग के लिए प्रेरित करना चाहिए। व्यायाम करना बड़ो से लेकर बच्चों तक की इम्यूनिटी को बढ़ता है और यह खराब कोशिकाओं की संख्या को कम करने का भी काम करता है आपकी नियमित गतिविधि आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है ऐसा बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। मेमोरियल यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूफाउंडलैंड के डॉक्टर का कहना है कि अपने बच्चों को आजीवन फिटनेस की आदत डालने से वह हमेशा स्वास्थ्य रहेंगे।
पांच खाद्य पदार्थ जो बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी
मशरूम
मशरूम विटामिन डी और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसका सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। इसके कारण वह दोबारा बीमार नहीं पड़ता है और उसकी हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
शकरकंद
शकरकंद सर्दियों में मिलने वाला एक बहुत अच्छा सुपरफूड है। इसे उबालें और बच्चों को रोज खिलाएं। इससे उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और वह कई बीमारियों से बचेगा।
पालक
पालक में फोलेट होता है, जो शरीर में नई कोशिकाओं को बनाने के साथ-साथ कोशिकाओं में मौजूद डीएनए में सुधार करता है। फाइबर, आयरन, विटामिन-सी शरीर को हर तरह से स्वस्थ रखते हैं।अपने बच्चे को इसका सेवन जरूर कराएं।
आंवला
सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद के साथ आधा चम्मच आंवले का पाउडर पीने से भी इम्यूनिटी बढ़ती है। आंवला बच्चों की आँखों की रोशनी को भी बढ़ाता है और पाचन में भी सुधार करता है।
अखरोट
अखरोट में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है, जो बच्चे के दिमाग का अच्छी तरह से विकास करता है। इसके साथ ही ये बच्चों की इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में मदद करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओमेगा -3 s आपके शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद करता है। एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा -3 s बच्चों में श्वसन (साँस) संक्रमण के खतरे को कम करता है।
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