बच्चे के लिए स्तनपान का महत्व क्या है ?

 

हर माँ अपने बच्चे के लिए दूध उतपादन करती हैं और जितना अधिक आप अपने बच्चे को दूध पिलाएंगे उतना ही आपका शरीर दूध उतपादन करता है। दूध की सामान्य आपूर्ति स्थापित करने का सबसे अच्छा तरीका स्तनपान जल्द से जल्द शुरू करना है। बच्चे द्वारा शुरुआती स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच संबंध भी गहरा होता जाता है। प्रयास ये करें की अपने बच्चे को स्तनपान जल्द ही कराए। स्तनपान को लेकर एक शोध किया गया है जिसमें ये देखा गया है की स्तानपान कराने से महिलाओं और बच्चे दोनों को फायदा होता है।

 

क्यों जरुरी है स्तनपान ?

 

स्तनपान कराने के पीछे का महत्व समझना बेहद जरुरी है क्योंकि शिशु को 6 माह की उम्र तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध ही पिलाना चाहिए, इससे बच्चा स्वस्थ रहता है और उसका सम्पूर्ण विकास होता है। ध्यान रहे की प्रसव के बाद पहले 2 दिन माँ का जो गाढ़ादूध होता है, वह बहुत पौष्टिक होता है और बच्चे के लिए अमृत तुल्य है, उसे कभी बरबाद न जाने दें। शिशु को माँ के दूध का लाभ डिलेवरी के 1 घंटे के अंदर देने की कोशिश करनी चाहिए। तभी ये बच्चे को ज्यादा फायदा करता है। स्तनपान कराने वाली माता के लिए दिनभर में कम से कम 2 लीटर पानी पीना आवश्यक होता है और इसे अपनी खुराक में 550 कैलोरीज अतिरिक्त लें। आपको बता दें की बच्चे के जन्म के बाद, चार से पांच महीनों तक अपने बच्चे के लिए माँ का दूध ही जरुरी होता है | यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

 

बच्चों के लिए स्तनपान का महत्त्व ?

 

  • माँ का दूध शिशु के लिए सबसे बेहतरीन और पौष्टिक आहार होता है। स्तनपान के संघटक आदर्श रूप से आपके शिशु की आंतों के लिए अच्छा माना जाता हैं और इसे बच्चा आसानी से पचा लेता है।

 

  • स्तनपान कराने से बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। उसे गर्माहट प्रदान करने के अलावा,  सबसे अच्छी बात ये है की माँ की त्वचा से शिशु की त्वचा का स्पर्श दोनों के बीच के भावनात्मक बंधन को और मजबूत करता है।

 

  • स्तनपान शिशु को किसी भी तरह के इनफेक्शन से बचाता है और उनसे लड़ने में भी मदद करता है। इससे बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती हैं, जो शिशु को सर्दी जुकाम, छाती में इनफेक्शन और कई संक्रमण से बचाती हैं।

 

 

  • स्तनपान से लाभकारी बैक्टीरिया मिलते हैं, जो शिशु के पाचन तंत्र में किसी भी प्रकार की सूजन, दर्द या जलन दूर कर सकते हैं।

 

  • माँ का दूध शिशु के लिए एक दम स्वच्छ होता है।

 

  • स्तनपान शिशु को कई बीमारियों से बचाता है।

 

  • माँ का दूध शिशु के लिए एक प्रकृति का उपहार है जिसे खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है।

 

  • शिशु को स्तनपान कराने से माँ का बढ़ा हुआ वजन कम होता है।

 

  • स्तनपान से शिशु में दस्त होने की संभावना 7 गुना तक कम हो जाती है।

 

  • माँ का दूध से शिशु में निमोनिया की संभावना 5 गुना तक कम हो जाती है।

 

इस दुनिया में केवल माँ ही है जो बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे को प्यार करती है। ऐसा भी कहते है की माँ कि कमी भगवान भी पूरी नहीं कर सकता है, हर माँ अपने बच्चे की परवरिश करने में कोई कमी नहीं रखती है और वह उसे हमेशा स्वस्थ रखने की कोशिश करती है।

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