बच्चों को कैसे रखे नकारात्मक विचारों से दूर ?

हर माता-पिता के लिए उनके बच्चे हमेशा खुश रहे वो यही चाहते है। आखिर क्यों बच्चों में नकारात्मक विचार आने लगते है, आपने कभी सोचा है ? जो बच्चों के लिए अच्छी बात नहीं है, इसकी वजह से उसके व्यवहार में ऐसा बदलाव आता है, जो अन्य बच्चों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसा होने पर उसका स्वभाव बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है और वह किसी भी बात का जवाब चीड़ कर या नज़रअंदाज़ कर देता है।

 

बच्चों में नकारात्मक विचार क्यों आते है ?

 

जब बच्चों में नकरात्मक विचार का कारण होता है उनके साथ अच्छा व्यवहार न करना या फिर उनके साथ हमेशा डांट कर और चिल्ला कर बात करना। इसी कारण उनके व्यवहार में ऐसा बदलाव आने लगता है और वह नकारात्मकता की ओर जाने लगते है। इसकी वजह से उनका मानसिक स्वास्थ्य भी ख़राब होने लगता है। नकारात्मक व्यवहार का मतलब है की उसका सभी चीजों को लेकर नजरिया बदल जाना। जिसके बाद वह हर चीज में कमी निकालने लगते है या उस काम को करते ही नहीं है।

 

बच्चों में नकारात्मक विचार का कारण

 

  • बच्चों से चिल्लाकर बात करना
  • बच्चों को समय न देना
  • उन्हें हमेशा डांटना
  • बच्चों को कभी प्रोत्साही न करना
  • बच्चों के द्वारा किये गए काम में हमेशा कमी निकालना
  • दो बच्चे होने पर एक बच्चे से भेदभाव करना
  • बच्चों से ज्यादा शारीरिक श्रम करवाना
  • समय पर खाना न देना
  • बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने देना
  • उसके दोस्तों से बात नहीं करने देना
  • बच्चों को मारना,पीटना
  • सबके सामने बच्चों की बुराई करना या उन्हें निचा दिखाना
  • उनसे कभी प्यार से बात न करना
  • दूसरे बच्चों से हमेशा तुलना करना

 

बच्चों में नकारात्मक विचार के लक्षण

 

  • जब बच्चों का स्वाभाव चिड़चिड़ा होने लगे
  • बच्चों कोअधिक गुस्सा आने लगे
  • किसी बात का जवाब न देना
  • अकेले रहना
  • किसी से बात न करना
  • किसी भी काम में मन न लगना
  • हर बात पर रोने लगना
  • खाना न खाना
  • किसी भी बात पर हाथ-पैर चलाना
  • स्वास्थ ख़राब रहना

 

ये सभी लक्षण बच्चों में नकारात्मक विचार को दर्शाते है, इसकी वजह से उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है। उसके साथ-साथ ये अन्य बच्चों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसके लिए आप इससे बचने के उपायों के बारे में जाने।

बच्चों में नकारात्मक विचार से बचने के उपाए

 

  • बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताए और उनसे बातें करें, इससे उनके स्वाभाव में बहुत बदलाव आएगा और वह नकारात्मक व्यवहार से बाहर निकलेंगे।
  • बच्चों को हमेशा उनके काम के लिए प्रोत्साहित करें, इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और उनकी नकारात्मक सोच कम होगी।
  • बच्चों को उनकी गलतियां करने पर डांटे नहीं बल्कि उन्हें प्यार से समझाए और ये बताए की उस काम को कैसे किया जाए।
  • हमेशा किसी भी बच्चे से प्यार से बात करें, इससे उनके चिड़चिड़े स्वाभाव में जरूर बदलाव आएगा और वो धीरे-धीरे नॉर्मल होने लगेंगे।
  •  बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजे, क्योंकि खेलने से बच्चों के दिमाग में प्रेशर कम होता है और उन्हें काफी रिलैक्स फील होता है।
  • एक सीमित और अच्छी मात्रा में बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाए। तभी उसके शरीर और दिमाग का अच्छी तरह से विकास होगा।
  • बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होने पर उनके साथ उस समस्या को हल करें, इससे उसका विश्वास आपके ऊपर बढ़ेगा।
  • बच्चो के काम में उनका हाथ बटाए और उनसे हमेशा सकारात्मक बातें करें।

 

यदि आपको अपने बच्चे में ऐसे कोई भी लक्षण दिखते है, तो आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते है। क्योंकि आज कल अधिकतर बच्चों में नकारात्मक विचार कब उनके मन में जगह बना ले इसका पता नहीं चलता। जिसकी वजह से उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए अपने बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें।


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