डॉ. सुप्रिया पुराणिक से जाने आईवीएफ ट्रीटमेंट के फायदे

आईवीएफ का मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है, आज के समय में इस ट्रीटमेंट को किसी वरदान से कम नहीं माना जा सकता है। यह प्रक्रिया महिला को गर्भवती बना सकती है। आपको बता दें की आईवीएफ प्रक्रिया से पैदा होने वाले बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। यह तकनीक उन महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो किसी कारणवश मां नहीं बन पाती हैं।

आईवीएफ की मांग लगातार बढ़ रही है और लोग इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं। भारत में भी लोग बड़े पैमाने पर आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कई लोगों के मन में अभी भी आईवीएफ को लेकर कई तरह के भ्रम और शंकाएं हैं, जैसे कि आईवीएफ सुरक्षित है या नहीं! आईवीएफ में शरीर के वजन और उम्र की क्या भूमिका है? आज हम ऐसे कुछ सवालों पर चर्चा करेंगे।

 

 

डॉ. सुप्रिया पुराणिक से जाने आईवीएफ ट्रीटमेंट के फायदे ! (Benefits of IVF treatment from Dr. Supriya Puranik in Hindi)

 

 

डॉ. सुप्रिया पुराणिक, एक प्रसिद्ध इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, ऑब्स्टट्रिशन और गयनोकोलॉजिस्ट, विशेष रूप से लैप्रो-हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी में प्रशिक्षित हैं। डॉ. सुप्रिया को आईवीएफ प्रक्रिया का बहुत अच्छ अनुभव है और उन्होंने कई महिलाओं को पोस्टमेनोपॉज़ल को आईसीएसआई नामक तकनीक से प्रसव कराने में मदद भी की है।

डॉक्टर ने बांझ समस्या से परेशान जोड़ों को माता-पिता बनाकर उनके चेहरे पर मुस्कान दिलाई है। उन्होंने ऑपरेटिव हिस्टेरो-लैप्रोस्कोपी में व्यापक काम किया है और लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी में उच्चतम कौशल हासिल किया है।

डॉ. सुप्रिया पुराणिक ने एमबीबीएस, डीजीओ, डीएनबी – आब्सटेट्रिक्स और गायनोकॉलोजी (Obstetrics & Gynecology) की पढ़ाई की है, इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, गयनोकोलॉजिस्ट, ऑब्स्टट्रिशन (Obstetrician), लेप्रोस्कोपिक सर्जन 29 साल का अनुभव है। जानिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के लाभ:

 

  • आईवीएफ काम करता है जहां अन्य बांझपन उपचार विफल हो जाते हैं

 

  • इसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है

 

  • आप दान किए गए अंडे या शुक्राणु का उपयोग कर सकते हैं

 

  • गर्भपात की संभावना कम करें

 

  • गर्भाधान की संभावना बढ़ाएँ

 

  • एक स्वस्थ बच्चा होने की संभावना को बढ़ाता है।

 

 

आईवीएफ के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best hospital for IVF treatment in Hindi)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

क्या बांझपन एक तनावपूर्ण स्थिति होती है? (Is infertility a stressful situation in Hindi)

 

क्या मैं माँ बन सकती हूँ? क्या मुझे वास्तव में इसके इलाज की ज़रूरत है? एक विवाहित महिला के रूप में क्या यह प्रश्न आपके मन में आया है? यदि हाँ और आप अपना बच्चा को जन्म देना चाहती हैं और 12 महीनों से नियमित रूप से असुरक्षित संभोग के बाद भी यह स्वाभाविक रूप से संभव नहीं हो पता है, तो आपको निश्चित रूप से अपनी आशंका को एक तरफ छोड़ देना चाहिए।  यदि आप आईवीएफ से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। संभावित इलाज का पता लगाने के लिए पहला कदम उठाने के बाद, दूसरा कदम संभावित बांझपन उपचारों के बारे में अच्छी सलाह लेना बहुत जरुरी है।

 

 

आईवीएफ में महिला की उम्र की क्या भूमिका होती है? (What is the role of a woman’s age in IVF in Hindi)

 

आईवीएफ के इलाज में एक महिला की उम्र बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि जैसे-जैसे महिला की उम्र बड़ती जाती है, उनके गर्भवती होने की संभावना भी कम होती जाती है। महिला जितनी छोटी होगी, उसके अंडे उतने ही स्वस्थ होंगे इसलिए आईवीएफ में महिला की उम्र की बहुत अहम भूमिका होती है। 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में गर्भवती होने की संभावना 5% से कम होती है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ महिला के शरीर में अंडों की मात्रा कम हो जाती है और अंडों की गुणवत्ता भी कम हो जाती है। इसलिए महिलाओं को सही समय पर गर्भधारण करना चाहिए। यदि किसी महिला को प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में कठिनाई होती है, तो जल्द से जल्द किसी आईवीएफ विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

 

 

आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले महिला के लिए टेस्ट (Tests for Women Before IVF treatment in Hindi)

 

 

पुरुष के साथ-साथ आईवीएफ उपचार से पहले महिला का जांच किया जाता है। जांच की मदद से डॉक्टर को बाँझपन के सटीक कारण और दूसरी समस्याओं की पुष्टि करने में मदद मिलती है।

 

  • ओव्युलेशन टेस्ट

 

  • ओवेरियन रिजर्व टेस्ट

 

  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड

 

  • हिस्टेरोस्कोपी

 

 

आईवीएफ से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं? (What are the complications associated with IVF in Hindi)

 

किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया की तरह, आईवीएफ से जुड़े जोखिम भी हैं। जटिलताओं में शामिल हैं:

 

 

  • एकाधिक गर्भधारण, जो जन्म के समय कम वजन और समय से पहले जन्म के जोखिम को बढ़ाता है

 

  • गर्भपात (गर्भावस्था का नुकसान)

 

  • अस्थानिक गर्भावस्था (जब अंडे गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होते हैं)

 

  • डिम्बग्रंथि हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस), एक दुर्लभ स्थिति जिसमें पेट और छाती में अतिरिक्त तरल पदार्थ शामिल होता है

 

  • रक्तस्राव, संक्रमण, या आंत्र या मूत्राशय में समस्या

 

हमने इस लेख में आपको आईवीएफ से सम्बंधित जानकरी देने की कोशिश की है यदि आप एवस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज कराना चाहते हैं या इससे सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।