जानिए हड्डी में फ्रैक्चर (Bone Fracture) को कैसे ठीक किया जाता है?

 

ऐसा बहुत कम लोगों के साथ होता है की जब वह किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से उनकी हड्डी में फ्रैक्चर (Bone Fracture) हो जाता है । कई बार इसका शिकार छोटे बच्चे भी हो जाते हैं खेल के दौरान वह गिर जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लग जाती है, कभी-कभी हड्डी भी टूट जाती हैं। ऐसे में इसका एक ही इलाज होता है। ऐसा होने पर आपको बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। आपको  इसका तुरंत इलाज करवाना बहुत जरूरी है। हड्डी में फ्रैक्चर का ट्रीटमेंट आसानी से उपलब्ध है। हड्डी में फ्रैक्चर (Bone Fracture) भी चिकित्सीय स्थितियों के कारण हो सकते हैं जो हड्डियों को कमजोर करता है, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, कुछ कैंसर, या ऑस्टोजेनेसिस इम्पेर्फेक्शन। किसी भी चिकित्सीय स्थिति के कारण होने वाले फ्रैक्चर को पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर कहा जाता है।

 

 

हड्डी में फ्रैक्चर क्या है? (What is Bone Fracture in Hindi)

 

एक हड्डी के फ्रैक्चर (Bone Fracture) को एक फ्रैक्चर माना जाता है आसान भाषा में हड्डी का टूटना। हड्डी में फ्रैक्चर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। एक हड्डी में फ्रैक्चर होने के कई तरीके हैं, जैसे कि एक फ्रैक्चर जो आसपास की त्वचा और ऊतक को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, तो इसे क्लोज्ड फ्रैक्चर कहा जाता है, और वह फ्रैक्चर जो त्वचा और आसपास के ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है तो उसे कंपाउंड फ्रैक्चर या ओपन फ्रैक्चर कहा जाता है। साधारण फ्रैक्चर की तुलना में कंपाउंड फ्रैक्चर अधिक गंभीर और खतरनाक होते हैं।

 

 

जानिए हड्डी टूटने (फ्रै‌क्चर) के कितने प्रकार होते हैं ?

 

 

1. कमिटेड फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी कई टुकड़ों में टूट जाती है।

 

2. एवल्शन फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में मांसपेशियों और लिगामेंट्स में तनाव होता है। जिससे हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है।

 

3. कम्प्रेशन फ्रैक्च: यह फ्रैक्चर आमतौर पर रीढ़ की हड्डी में होता है। इस प्रकार का फ्रैक्चर उन लोगों में होता है जिनकी रीढ़ कमजोर हो जाती है और ऑस्टियोपोरोसिस के कारण टूट जाती है।

 

4.हेयरलाइन फ्रैक्चर: यह एक प्रकार का हड्डी का आंशिक फ्रैक्चर है। कभी-कभी नियमित एक्स-रे से भी इस प्रकार के फ्रैक्चर का पता लगाना मुश्किल होता है। यह फ्रैक्चर ज्यादातर लोगों में देखा जाता है।

 

5. फ्रैक्चर डिस्लोकेशन: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी के जोड़ हिलते हैं और एक हड्डी टूट जाती है।

 

6.ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर: इस फ्रैक्चर में हड्डी का एक हिस्सा आंशिक रूप से टूट जाता है। लेकिन पूरी तरह से नहीं टूट जाता है, क्योंकि बाकी की हड्डी अभी भी मुड़ी हुई हो सकती है। इस प्रकार का फ्रैक्चर उन बच्चों में सबसे आम है। जिनकी हड्डियां अधिक लचीली और मुलायम होती हैं।

 

7. इम्पैक्टेड फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी का एक टुकड़ा दूसरी हड्डी के अंदर चला जाता है।

 

8.इंट्राआर्टिकुलर फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में जोड़ की सतह पर फ्रैक्चर होता है।

 

9.ओब्लिक फ्रैक्चर: इस फ्रैक्चर में हड्डी तिरछे टूट जाती है।

 

10. लोंगिट्युडिनल फ्रैक्चर: यह फ्रैक्चर आपकी हड्डी की लंबाई के साथ होता है।

 

11. पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर: यह फ्रैक्चर एक हड्डी में होता है, जो पहले से ही किसी बीमारी या स्थिति के कारण कमजोर हो गई है।

 

12. स्ट्रेस फ्रैक्चर: इस प्रकार का फ्रैक्चर एथलीटों में सबसे आम है, हड्डी पर अत्यधिक तनाव और खिंचाव के कारण हड्डी टूट जाती है।

 

13. ट्रांसवर्स फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी सीधी टूट जाती है।

 

14. बकली फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी मुड़ जाती है लेकिन टूटती नहीं है, यह फ्रैक्चर बच्चों में बहुत आम है।

 

15. स्पाइरल फ्रैक्चर: इस प्रकार के फ्रैक्चर में हड्डी का एक हिस्सा मुड़ा हुआ होता है।

 

 

हड्डी में फ्रैक्चर से पहले जांच

 

अगर आपको लगता है कि आपकी हड्डी टूट गई है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके घायल क्षेत्र की जांच करेंगे, इसके लिए वह कुछ परीक्षण कर सकते हैं। डॉक्टर आपकी चोट की जांच करने के लिए प्रभावित क्षेत्र को हिलाने और पकड़ने के लिए कह सकते हैं।

यदि आपका डॉक्टर सोचता है कि आपको वास्तव में फ्रैक्चर है, तो वह आपको एक्स-रे कराने के लिए कह सकता है। टूटी हुई हड्डी की जांच के लिए एक्स-रे सबसे आम तरीका है। एक्स-रे आपकी हड्डियों के अंदर की तस्वीरें दिखाते हैं, जो प्रभावित क्षेत्र के कारण और चोट की गंभीरता के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं। फ्रैक्चर का प्रकार और फ्रैक्चर कहां हुआ, यह भी एक्स-रे से जाना जा सकता है। हड्डियों के टूटने के कुछ गंभीर मामलों में, डॉक्टर आपको एमआरआई और सीटी स्कैन कराने के लिए भी कह सकते हैं।

 

 

हड्डी में फ्रैक्चर का ट्रीटमेंट

 

हड्डी के फ्रैक्चर (Bone Fracture) जुड़ने के बाद आपको इसका इलाज कराना होगा ताकि आप सभी काम फिर से पहले की तरह सुचारू रूप से कर सकें। अस्थि उपचार एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है।

 

टूटी हुई हड्डी की मरम्मत के लिए कई तरह के उपचारों का उपयोग किया जाता है। यह उपचार इस प्रकार है:

 

  • इमोबिलाइजेशन : इमोबिलाइजेशन में डॉक्टर, टूटी हुई हड्डी को फिर से जोड़ते इसके बाद उसपर फ्रैक्चर चढ़ा दिया जाता है।

 

  • प्लास्टर कास्ट या प्लास्टिक फंक्शनल ब्रेसिज़: इस प्रक्रिया में, डॉक्टर द्वारा हड्डी को इस तरह से जोड़ा जाता है कि यह प्लास्टर हड्डी को तब तक रखता है जब तक कि हड्डी जुड़ न जाए।

 

  • मेटल प्लेट्स और स्क्रू: इसमें टूटी हुई हड्डी को धातु की प्लेटों और स्क्रू के सहारा  जोड़ा जाता है। यह थोड़ी जेटली प्रक्रिया होती है।

 

  • इंट्रा-मेडुलरी नेल्स: इस प्रक्रिया में, एक आंतरिक धातु की छड़ को लंबी हड्डियों के केंद्र के नीचे रखा जाता है। यदि यह फ्रैक्चर बच्चे की हड्डी में होता है तो इस प्रक्रिया में बच्चों में लचीले तारों का उपयोग किया जाता है।

 

  • एक्सटर्नल फिक्सेटर : आपको बता दें की ये फिक्सेटर मेटल और कार्बन फाइबर से बना होता है। इनमें एक स्टील की पिन होती है जो सीधे आपके त्वचा से हड्डी तक जाती है। हालांकि एक टूटी हुई हड्डी को जोड़ने से ठीक होने में 2-8 सप्ताह लगते हैं। यह समय इस बात पर निर्भर करता है कि हड्डी कहां टूटी है और क्या रक्त की आपूर्ति में वृद्धि या किसी अन्य प्रकार के फ्रैक्चर जैसी जटिलताएं हैं। इसके अलावा कोई संक्रमण तो नहीं हो रहा है।

 

  • हीलिंग: यदि टूटी हुई हड्डी को ठीक से जोड़ दिया जाता है और ठीक कर दिया जाता है, तो उपचार प्रक्रिया अपने आप शुरू हो जाती है। रोगी की आयु, हड्डी कैसे प्रभावित होती है। फ्रैक्चर का प्रकार और रोगी का सामान्य स्वास्थ्य सभी कारक हैं। जो यह निर्धारित करते हैं, कि हड्डी कितनी तेजी से ठीक हो रही है। यह हर व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होता है।

 

  • फिजिकल थेरेपी : इस उपचार में डॉक्टर प्रक्रिया के खत्म होने के बाद जब हड्डी ठीक हो जाती है। उसके बाद डॉक्टर उस हिस्से की जांच करता है। वह यह देखता है कि मांसपेशियों की ताकत के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्र की गतिशीलता में वृद्धि हुई है या नहीं। क्योंकि ऐसा होना आवश्यक है। यदि किसी की हड्डी जॉइंट के पास से टूटी है और वह ढंग से जुड़ी नहीं है। तो उस व्यक्ति को भविष्य में गठिया या हड्डी के सख्त होने की समस्या हो सकती है।

 

  • सर्जरी: यदि टूटी हुई हड्डी के आसपास के नरम ऊतक और त्वचा भी प्रभावित होती है। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर प्लास्टिक सर्जरी का सहारा भी लेते हैं।

 

  • बोन ग्राफ्टिंग: यदि फ्रैक्चर ठीक होने में बहुत अधिक समय लगता है या फ्रैक्चर सही से ठीक नहीं हो रहा है, तो इस मामले में डॉक्टर बोन ग्राफ्टिंग प्रक्रिया का सुझाव देते हैं। जिसमें टूटी हुई हड्डी से प्राकृतिक हड्डी या आर्टिफीसियल बोन से ट्रांसप्लांट किया जाता है।

 

हमने आपको हड्डी के फ्रैक्चर (Bone Fracture) क्या है, इसका इलाज से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आप हड्डी के फ्रैक्चर (Bone Fracture) का इलाज करवाना चाहते हैं तो आप GoMedii को इसके लिए चुन सकते हैं। हम भारत में एक चिकित्सा पर्यटन कंपनी के तौर पर काम करते हैं। इसके साथ ही हम शीर्ष श्रेणी के अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़े हैं। अगर आप इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए  हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919654030724)  या हमें connect@gomedii.com पर ईमेल कर सकते हैं।

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