जानिए कैंसर की गाँठ को कैसे पहचाना जा सकता हैं

कैंसर शरीर की कोशिकाओं का एक असामान्य विकास है। यह तब होता है जब कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होकर असीमित वृद्धि करने लगती हैं। सामान्य रूप से, कोशिकाएं विभाजित होकर नई कोशिकाओं का निर्माण करती हैं और फिर मर जाती हैं। लेकिन कैंसर कोशिकाएं इस प्रक्रिया को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं और बेतरतीब ढंग से बढ़ती रहती हैं। इन कोशिकाओं का समूह गांठ या ट्यूमर के रूप में दिखाई देता है। कैंसर की कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अलग होती हैं। वे तेजी से बढ़ती हैं, शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं और आस-पास के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आज हम इस लेख में बात करेंगे की कैंसर की गाँठ को कैसे पहचाना जा सकता हैं ?

 

 

 

कैंसर की गाँठ कैसे बनती है? (Cancer ki Ganth Kaise Banti Hain in Hindi)

 

 

कैंसर की गाँठ तब बनती है जब शरीर की किसी कोशिका में असामान्य वृद्धि होती है। सामान्य रूप से, शरीर की कोशिकाएं व्यवस्थित तरीके से विभाजित होती रहती हैं और मरने के बाद नई कोशिकाएं बनती रहती हैं। लेकिन कभी-कभी डीएनए में क्षति या उत्परिवर्तन होने से कोशिकाओं का यह सामान्य चक्र बाधित हो जाता है। ऐसी असामान्य कोशिकाएं बेकाबू ढंग से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ के रूप में दिखाई देने लगती हैं। ये असामान्य कोशिकाएं आस-पास के स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर दबाव डाल सकती हैं और उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस प्रकार, कैंसर की गाँठ एक संकेत हो सकती है कि शरीर में कहीं कोशिकाओं का असामान्य विभाजन और वृद्धि हो रही है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ के लक्षण क्या हो सकते हैं ?(cancer ki ganth Ke lakshan in Hindi)

 

 

कैंसर की गाँठ के कई सामान्य लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

 

 

गाँठ महसूस होना – कैंसर की गाँठ का सबसे आम लक्षण शरीर के किसी भाग में एक गाँठ या बढ़ा हुआ क्षेत्र महसूस करना है। यह गाँठ आमतौर पर दर्दरहित होती है और धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।

 

दर्द – कुछ कैंसर की गाँठें दर्दनाक हो सकती हैं, खासकर अगर वे नसों या अन्य संवेदी ऊतकों को दबा रही हों। गाँठ से जुड़ा दर्द आमतौर पर लगातार या आंतरिक होता है।

 

सूजन – कैंसर की कुछ गाँठें आस-पास के क्षेत्र में सूजन का कारण बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, ग्रंथियों में कैंसर की गाँठ सूजन पैदा कर सकती है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ कहाँ पाई जा सकती है? (cancer ki ganth kaha Hoti Hain in Hindi)

 

 

कैंसर की गाँठ शरीर के कई हिस्सों में पाई जा सकती है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

 

 

स्तन – स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसरों में से एक है। स्तन में कैंसर की गाँठ महसूस की जा सकती है। यह स्तन के किसी भी हिस्से में हो सकती है।

 

लिम्फ नोड्स – लिम्फ नोड्स शरीर में लिम्फेटिक प्रणाली का हिस्सा हैं। इनमें कैंसर की गाँठ बाहों, गर्दन या जाँघ के पास महसूस की जा सकती है।

 

त्वचा – त्वचा कैंसर में त्वचा पर गाँठ या बढ़ा हुआ क्षेत्र दिखाई दे सकता है। यह चेहरे, हाथों, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में हो सकता है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ का आकार और रूप कैसे होते हैं ? (cancer ki ganth kaisi Hoti Hain in Hindi)

 

 

कैंसर की गाँठ का आकार और रूप निम्नलिखित तरीकों से बदल सकता है:

 

 

  • आकार में बढ़ोतरी – कैंसर की गाँठें समय के साथ बढ़ सकती हैं। ये शुरुआत में बहुत छोटी हो सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे बड़ी हो जाती हैं। गाँठ का आकार बढ़ना कैंसर के फैलाव का संकेत हो सकता है।

 

  • आकृति में परिवर्तन – कैंसर की गाँठ की आकृति भी समय के साथ बदल सकती है। गोलाकार गाँठ अनियमित आकार ले सकती है। गाँठ कठोर या नरम हो सकती है। आकार और आकृति में परिवर्तन कैंसर के विकास का संकेत हो सकता है।

 

  • त्वचा पर परिवर्तन – कैंसर की गाँठ के कारण त्वचा पर भी परिवर्तन दिखाई दे सकते हैं, जैसे लालिमा, सूजन, खुजली आदि। ये लक्षण गाँठ के नीचे की त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं।

 

  • दर्द या असहज महसूस – कुछ कैंसर की गाँठें दर्दनाक या असहज महसूस हो सकती हैं, जबकि कुछ गाँठें बिल्कुल भी दर्द नहीं करतीं। दर्द या असहजता गाँठ के आकार और स्थिति पर निर्भर करती है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ का पता लगाने के तरीके किस प्रकार होते हैं ?

 

 

कैंसर की गाँठ का पता लगाने के लिए कई तरीके हैं:

 

स्व-परीक्षण: यह सबसे आसान और किफायती तरीका है। आप स्वयं अपने शरीर का नियमित रूप से परीक्षण कर सकते हैं ताकि किसी भी असामान्य गांठ या सूजन का पता लगाया जा सके।

 

मैमोग्राम: यह एक तरह का एक्स-रे होता है जो स्तन के ऊतकों की तस्वीरें लेता है। यह कैंसर की गांठ का पता लगाने में मदद कर सकता है। 40 साल से अधिक आयु की महिलाओं को वार्षिक मैमोग्राम करवाना चाहिए।

 

बायोप्सी: यह एक प्रक्रिया है जिसमें संदिग्ध ऊतक का एक छोटा नमूना लिया जाता है और माइक्रोस्कोप के तहत देखा जाता है। यह कैंसर की पुष्टि करने में मदद करता है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ का इलाज क्या हैं ?

 

 

कैंसर की गाँठ का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

 

कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं रक्तधारा के माध्यम से पूरे शरीर में फैल जाती हैं और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। कीमोथेरेपी से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है, भले ही वे कहीं भी स्थित हों।

 

रेडियोथेरेपी: रेडियोथेरेपी में उच्च ऊर्जा वाली रेडिएशन किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ये किरणें कैंसर की गांठ को लक्षित करके भेजी जाती हैं और कैंसर कोशिकाओं का डीएनए नष्ट कर देती हैं। रेडियोथेरेपी से कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं।

 

सर्जरी: यदि कैंसर की गांठ एक स्थान पर सीमित है और शरीर के अन्य भागों में फैली नहीं है तो सर्जरी द्वारा उस गांठ को पूरी तरह से निकाला जा सकता है। सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी की आवश्यकता पड़ सकती है। सर्जरी से कैंसर को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

 

 

 

कैंसर की गाँठ से बचाव कैसे होते हैं ?

 

 

कैंसर की गाँठ से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

 

 

  • स्वस्थ आहार: ताज़े फल, सब्जियाँ और अनाज खाएँ। वसा और नमक का सेवन कम करें।

 

  • व्यायाम: नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट का व्यायाम ज़रूर करें। योग, टहलना या दौड़ लगाना फायदेमंद है।

 

  • वज़न नियंत्रण: अपना वज़न हेल्थी रेंज में रखने की कोशिश करें। मोटापा कैंसर का ख़तरा बढ़ा सकता है।

 

  • धूम्रपान न करें: धूम्रपान सबसे बड़ा कैंसर का कारण है। तंबाकू नशे से बचना बहुत ज़रूरी है।

 

  • शराब का सेवन कम करें: अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से कैंसर हो सकता है।

 

 

निष्कर्ष:

 

 

कैंसर की गाँठ एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका सही समय पर इलाज ज़रूरी है। कैंसर की गाँठ के कुछ आम लक्षणों में शरीर के किसी भाग में एक गाँठ या सूजन आना, दर्द या असहजता महसूस होना शामिल है। यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

 

कैंसर की गाँठ का कारण असामान्य कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास होता है। इससे बचने के लिए स्वस्थ आहार, व्यायाम और नियमित स्वास्थ्य जाँच ज़रूरी है। यदि शुरुआत में ही पता लगा लिया जाए तो कैंसर की गाँठ का इलाज संभव है। इसलिए स्वयं को जागरूक रखना और किसी भी लक्षण के प्रति सचेत रहना महत्वपूर्ण है।

 

 

 

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