कैंडिडिआसिस क्या है?
कैंडिडिआसिस एक ऐसा फंगल संक्रमण है, जो कैंडिडा जाती से जुड़े यीस्ट के कारण होता है। अगर इसके प्रकार के बारे में बात की जाये तो कैंडिडा के प्रकार के यीस्ट में 20 से अधिक प्रजातियों शामिल हैं। ये सभी प्रजातियां इंसानो में संक्रमण का कारण बनती है। इन सभी प्रजातियों में से जो सबसे सामान्य प्रजाति है वो है कैंडिडा अल्बीकन्स कैंडिडा अल्बीकन्स सबसे ज्यादा मुँह, योनि में और आंतों को प्रभावित करने वाला यीस्ट सबसे सामान्य प्रकार का है।
योनि को जब ये कैंडिडिआसिस संक्रमण प्रभावित करता है इसे "यीस्ट इन्फेक्शन " के नाम से जाना जाता है। जब कैंडिडा प्रजातियां रक्त के बहाव में प्रवेश करती है तो ये पुरे शरीर को नुक्सान पहुँचाती हैं, जिससे वजह से मनुष्य को गंभीर कैंडिडिआसिस हो सकता है।
कैंडिडिआसिस के लक्षण
- मुँह में छाले होना या मुँह में सफेद और लाल घाव होना
- त्वचा पर डार्क स्पॉट होना
- डार्क स्पॉट वाली जगह पर दर्द या खुजली होना
- त्वचा में रूखापन या दरारे पड़ना
- ऐरीथेमा रोग का हो जाना
- त्वचा का मक्खन जैसा सफ़ेद दिखाई देना
- अगर किसी को मधुमेह हो तो ये संक्रमण और तेज़ी से फैलता है
- वजन का ज्यादा होना भी कैंडिडिआसिस का लक्षण है
- गर्भावस्था भी इसका एक कारण होता है
- त्वचा की वो जगह जो की नम या पसीने से ग्रस्त है, कैंडिडा के बढ़ने में मदद करते हैं
कैंडिडिआसिस के प्रकार
1. मुँह और गले में थ्रश (ऑरोफैरेनजीज कैंडिडिआसिस)
कैंडिडा यीस्ट जब मुँह और गले में फैल जाता है तो ये थ्रश नामक संक्रमण का कारण बन जाता है। ये संक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों, बूढ़ों और जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
2. यौन अंगों में यीस्ट इन्फेक्शन (Genital Candidiasis)
एक सर्वे में यह बात सामने आई है की चार व्यस्क महिलाओं में से लगभग 3 महिलाओं को अपने पुरे जीवनकाल में कम से कम 1 बार तो यीस्ट इन्फेक्शन होता ही है। कैंडिडिआसिस संक्रमण योनि में जब यीस्ट की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तब ये होता है। पुरुषों में ज्यादा यौन यीस्ट संक्रमण नहीं होता है।
3. डायपर रश यीस्ट इन्फेक्शन (Diaper Rash from Yeast Infection)
डायपर चकते ज्यादातर गीले या गंदे डायपर को बहुत लम्बे समय तक पहने रहने से होता है। यही कारण है ये संक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करता है। अगर बच्चों को डायपर रश और कैंडिडिआसिस से बचाना चाहते हैं तो बच्चे के निचले हिस्से को साफ़ और सूखा रखें।
कैंडिडा (कैंडिडिआसिस ) के घरेलू उपचार
कैंडिडा की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा और प्रभावी इलाज है एंटीफंगल दवा का इस्तेमाल करना। अगर एक बार संक्रमण फैल जाये तो , तो फंगल संक्रमण को ठीक करने लिए वास्तव में कोई घरेलू उपचार नहीं है। लेकिन काफी हद तक दही और टी ट्री आयल इसके उपचार में सहायक हो सकते हैं। परन्तु ये उपचार योनि यीस्ट संक्रमण के लिए नहीं है , इसका उपयोग योनि के लिए खतरनाक हो सकता है। यदि आप फंगल संक्रमण को रोकना चाहते है तो इसका सबसे अच्छा उपाय एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली निर्मित करना है। स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली निर्मित करने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं –
- रोज़ व्यायाम करना चाहिए
- कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना
- अच्छा और संतुलित भोजन करना
कैंडिडिआसिस संक्रमण के उपचार
कैंडिडा संक्रमण के जोखिम को कम करने और उसकी रोकथाम के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं
- सूखे कपड़ों को पहने, जिससे त्वचा नमी को आसानी से दूर कर सके
- अपनी आंखों और जहाँ भी संक्रमण हो सकता है, उस जगह को हमेशा साफ़ सुथरा रखें
- गर्मी के वक़्त जूते न पहने बल्कि चप्पल का उपयोग करें
- रोज़ाना अपने मोज़े और अंडरवियर को बदले और साफ़ व स्वच्छ रहे
- यदि आपका वज़न ज्यादा है तो अपने पेट की चर्बी को कम करने पर ध्यान दे
अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो बताये गए उपायों का इस्तेमाल करे, लेकिन इससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
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