कैंडिडिआसिस (कैंडिडा) के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

कैंडिडिआसिस एक प्रकार का फंगस है, जो कैंडिडा से संबंधित यीस्ट के कारण होता है। वैसे देखा जाये तो इंसान के शरीर में बहुत सारे फंगस (fungus) पाए जाते हैं, जिसमे से कैंडिडा (Candida) भी एक प्रकार का फंगस (fungus) है, जो की लगातार फैलने वाला फंगस होता है। अगर इसका इलाज सही समय पर न किया जाये तो यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कोई भी इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर से तुरंत ही जांच कराएं।

 

आमतौर पर यह एक प्रकार का यीस्ट (yeast) इन्फेक्शन होता है, जो की पेट, मुंह और त्वचा पर बहुत कम मात्रा में पाया जाता है, यह शरीर पर किसी भी प्रकार की समस्या पैदा नहीं करता हैं। कुछ पर्यावरणीय परिस्थितियों की वजह से यीस्ट बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है, जिससे यह त्वचा, योनि और मुहँ को प्रभावित करता है और इस तरह के संक्रमण को कैंडिडिआसिस (Candidiasis) कहा जाता है।

 

 

 

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कैंडिडिआसिस (कैंडिडा) के लक्षण

 

  • त्वचा पर लाल चकत्ते (Red spots) का होना

 

  • दर्द और खुजली होना

 

  • प्रभावित क्षेत्रों पर सफेद, परतदार पदार्थ का जमा हो जाना।

 

  • त्वचा में रूखापन आना

 

  • त्वचा पर दरारें पड़ जाना

 

  • मक्खन जैसी मुलायम सफेद त्वचा दिखाई देना

 

  • लाल या बैंगनी धब्बा त्वचा पर पड़ जाना

 

  • कैंडिडिआसिस रोग (Candidiasis disease) की वजह से एरीथेमा रोग (Erythema disease) होना, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर लाली और सूजन हो जाती है

 

  • प्रभावित क्षेत्रों में मवाद से भरी फुंसी (Pimple) होना

 

  • मुँह में छाले या सफेद घाव होना

 

 

 

कैंडिडिआसिस के कारण

 

 

 

  • पसीने की वजह से कैंडिडिआसिस (कैंडिडा) की समस्या हो सकती हैं।

 

  • यदि आप मधुमेह रोगी है, तो हो सकता है कैंडिडिआसिस रोग।

 

  • गर्म और आर्द्र मौसम, खराब स्वच्छता के कारण भी यह त्वचा संक्रमण बढ़ता है।

 

  • एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉयड दवाओं (Antibiotics or steroid drugs) का अधिक सेवन करने से भी कैंडिडिआसिस की समस्या हो सकती है।

 

  • अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली खराब है, तो आपको इस रोग का संक्रमण हो सकता है।

 

  • वजन का अधिक बढ़ना भी कैंडिडिआसिस का कारण बन सकता है।

 

  • हाइपोथायरायडिज्म की भी समस्या इसके इन्फेक्शन का कारण है।

 

  • अधिक समय तक गीले कपड़े का उपयोग भी इसके फैलने का कारण हो सकता है।

 

 

 

कैंडिडिआसिस की जटिलताएं

 

 

  • ग्रासनली (esophagus)

 

 

 

 

 

 

 

 

कैंडिडिआसिस का उपचार

 

 

 

आमतौर पर कैंडिडिआसिस के इलाज के लिए डॉक्टर संक्रमित त्वचा पर लगाने के लिए एंटीफंगल क्रीम, मलहम, या लोशन की सलाह देते है |संक्रमण के प्रकार और प्रभावित शरीर के हिस्से के आधार पर डॉक्टर विभिन्न प्रकार की दवाओं का उपयोग करने की सलाह दे सकते है, जैसे की –

 

 

  • योनि यीस्ट संक्रमण (vaginal yeast infections) के लिए अक्सर योनि में लगाये जाने वाले जैल या क्रीम को प्रयोग करने की सलाह दी जा सकती है।

 

  • छाले (Thrush) का इलाज अक्सर एंटीफंगल के रूप में गोलियां या माउथवॉश का उपयोग करके किया जा सकता है।

 

  • एथलीट फुट (पैरों की दाद) का उपचार अक्सर स्प्रे, पाउडर और मरहम का उपयोग किया जा सकता है।

 

 

 

कैंडिडिआसिस की रोकथाम

 

 

 

  • सूखे और फिट कपड़ों को पहनना चाहिए, जिससे कि त्वचा से नमी को दूर करने में मदद मिल सके।

 

  • जिस जगह पर संक्रमण का खतरा अधिक रहता है, उसे हमेशा साफ और सूखा रखना चाहिए।

 

  • अपने वजन को कम करने की कोशिश करे।

 

  • कैंडिडिआसिस की समस्या न हो इसके लिए गर्मी के समय में सैंडल या फिर खुले पैर की चप्पल पहनें।

 

  • मोजे और अंडरवियर को बदलें और साफ, स्वच्छ रखें।

 

  • कोई भी काम करने पर या यौन संबंध बनाने के बाद पसीना आने पर हमेशा स्नान करें और शरीर को सूखा रखें।

 

 

 

कैंडिडिआसिस रोग अक्सर फैलने वाला संक्रमण होता है। इस रोग का निदान मुख्य रूप से शुरूआती अवस्था और प्रभावित त्वचा पर निर्भर करता है। कैंडिडिआसिस का निदान शारीरिक परीक्षण के आधार पर किया जा सकता है। अगर आपको इस तरह के रोग होने के लक्षण नजर आ रहे हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, ताकि समय पर इस बीमारी का इलाज हो सके।

 

 

 

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