कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक: अंतर को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

आजकल के समय में हमारे बदलते लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की आदतों के चलते लाखों लोग दिल से जुड़ी गंभीर समस्याओं और बीमारियों के शिकार हैं। आज हम बात करेंगे दिल से जुड़ी एक गंभीर समस्या कार्डियक अरेस्ट की। टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभीनेता सिद्धार्थ शुल्का, मशहूर गायक के के, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव, इन सबकी मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक बताई गई है। इस सब घटनाओं को नज़र में रखते हुए हम ये सोचते हैं, की सेहत का अच्छा ख्याल रखने और बेहतरीन जीवनशैली जीने के बावजूद भी ऐसी समस्या क्यों उतपन्न हो रही हैं, इसके लिए पहले हम यह जानेंगे की कार्डियक अरेस्ट क्या होता हैं और यह हार्ट अटैक से क्यों अलग हैं ?

 

 

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर हैं ?

 

 

(ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज) के मुताबिक देशभर में होने वाली एक चौथाई मृत्यु दिल की बीमारियों से होती हैं। इसके बावजूद अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही मान लेते हैं, परन्तु दोनों की मेडिकल कंडीशन एक दूसरे से बहुत अलग हैं। आज हम जानेंगे की हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर हैं –

 

 

हार्ट अटैक तब होता हैं जब ब्लॉकेज की वजह से हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंच पाता हैं, वही कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में हार्ट अचानक धड़कना बंद कर देता हैं। हार्ट अटैक या दिल के दौरे की स्थिति में कोरोनरी आर्टरीज़ में ब्लॉकेज की वजह से ऑक्सीजन रिच ब्लड हार्ट के एक हिस्से में नहीं पहुंच पाता हैं, या हार्ट को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता हैं। कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल काम करना बंद कर देता हैं और सांस नहीं आती हैं तथा मरीज बेहोश हो जाता हैं। हार्ट में इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बन्स से पम्पिंग का काम रुक जाता हैं, जिससे की बाकि शरीर के हिस्सों में रक्त प्रवाह बंद हो जाता हैं।

 

 

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के लक्षण क्या होते है ?

 

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं:

 

 

हार्ट अटैक (Heart Attack):

 

 

  • शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • बहुत ज्यादा ठंडा पसीना आना
  • अचानक चक्कर आना
  • दिल की धड़कन का बढ़ना या कम होना
  • खांसी और जुकाम का ठीक न होना

 

 

कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest):

 

 

  • अचानक से गिर जाना
  • खांसी और उल्टी होना
  • आखों के आगे अँधेरा छा जाना
  • छाती में दर्द
  • घबराहट होना
  • सांस रुक जाना
  • पसीना आना

 

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक से बचाव के तरीके।

 

 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक से बचाव के कुछ मुख्य तरीके निम्नलिखित हैं:

 

  • स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, धूम्रपान और मद्यपान से बचाव करना, तंबाकू का सेवन कम करना, और स्ट्रेस को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करना।

 

  • नियमित चेकअप: नियमित चेकअप डॉक्टर से मिलकर स्वास्थ्य की निगरानी करना और किसी भी संभावित हृदय संबंधित समस्या को सही समय पर चिकित्सा करवाना।

 

  • दवाओं का पालन: यदि डॉक्टर ने कोई दवाई या औषधि निर्धारित की है, तो उन्हें नियमित रूप से लेना और उनकी दिशा अनुसार उपचार करवाना।

 

  • हृदय के संबंधित संकेतों को नकारात्मक न करें: हृदय के संबंधित संकेतों जैसे कि छाती में दर्द, ज्यादा थकान, छापी हवा, या दिल की धड़कन में अनियमितता को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

 

  • प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों और प्राथमिक चिकित्सा के तरीकों का ज्ञान रखें। CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) और AED (Automated External Defibrillator) के बारे में जानकारी होना भी महत्वपूर्ण है।

 

  • धमनियों की सचेतता: धमनियों की सचेतता बढ़ाने के लिए धमनियों की परीक्षण करवाना और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए उपाय अपनाना।

 

 

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