सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन: जानें रोकथाम के तरीके

पिछले कुछ दिनों में सर्वाइकल कैंसर से सम्बंधित अनेक खबरें सुनने को मिल रही हैं, बताया जा रहा हैं कि सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही हैं? जैसे की आप सब ने सुना होगा बॉलीवुड एक्ट्रेसेस पूनम पांडेय का निधन हुआ हैं, जिसका कारण सर्वाइकल कैंसर हैं। सर्वाइकल कैंसर तब शुरू होता है जब गर्भाशय ग्रीवा की सतह पर स्वस्थ कोशिकाएं बदल जाती हैं या ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) से संक्रमित हो जाती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, जिससे एक द्रव्यमान बनता है जिसे ट्यूमर कहा जाता है। गर्भाशय ग्रीवा पर एचपीवी के लंबे समय तक संक्रमण के परिणामस्वरूप कैंसर हो सकता है, जिससे गर्भाशय ग्रीवा पर द्रव्यमान या ट्यूमर हो सकता है।

 

 

 

क्या सर्वाइकल कैंसर के लिए टीका उपलब्ध है?

 

 

हाँ, भारत में सर्वाइकल कैंसर का टीका उपलब्ध है। हमारे विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में तीन एचपीवी टीके उपलब्ध हैं, अर्थात्:

 

गार्डासिल (Gardasil) (गार्डासिल 4 और गार्डासिल नैनो)

सर्वारिक्स(Cervarix)

सर्वावक (cervavac)

 

वैक्सीन उत्पादक एचपीवी प्रकार संरक्षित अनुशंसित आयु खुराक अनुसूची प्रति खुराक लागत (रुपये)
गार्डासिल 4 एमएसडी (मर्क) 6, 11, 16, 18 9-45 वर्ष 2 या 3 खुराक (0-6 महीने या 0, 2 और 6 महीने) 3,500-4,000
सर्वारिक्स ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) 16, 18, क्रॉस-रिएक्टिव 10-45 वर्ष 2 खुराकें (6-12 महीने के अंतर पर) 2,200-2,600
गार्डासिल 9 एमएसडी (मर्क) 6, 11, 16, 18, 31, 33, 45, 52, 58 महिलाओं के लिए 9-45 वर्ष; पुरुषों के लिए 9-15 वर्ष 2 या 3 खुराक (महिलाओं के लिए 0, 6, या 12 महीने; पुरुषों के लिए 0, 2, और 6 महीने) 9,000-10,000
Cervavac सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)और केंद्र सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग 6, 11, 16, 18 9-26 वर्ष 2 खुराक (9-14 वर्ष) या 3 खुराक (15-26 वर्ष) 2,000

 

 

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अन्य तरीके।

 

 

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए कई तरीके हैं, जिनमें से एक मुख्य तरीका है वैक्सीनेशन। सर्वाइकल कैंसर के विरुद्ध वैक्सीन कई प्रकार के HPV (Human Papillomavirus) वायरस के खिलाफ काम करती हैं, जो सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारक माने जाते हैं। ये वैक्सीनें HPV इन्फेक्शन को रोकती हैं, जिससे सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

सामान्यत: HPV वैक्सीनेशन का तीन डोज की अवधि में अनुरोध किया जाता है। वैक्सीन के प्रभावकारीता के लिए, व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है। आपके देश या क्षेत्र में उपलब्ध वैक्सीन के बारे में स्थानीय स्वास्थ्य नियंत्रण अथवा अन्य संगठनों की जानकारी प्राप्त करें।

 

 

इसके अतिरिक्त, सर्वाइकल कैंसर की अन्य रोकथाम के तरीकों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

 

 

  • नियमित स्क्रीनिंग: स्क्रीनिंग टेस्ट, जैसे कि पैप स्मीयर टेस्ट या HPV टेस्ट, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पकड़ने में मदद कर सकते हैं। स्क्रीनिंग रोजमर्रा की जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण होती है।

 

  • जीवनशैली बदलाव: स्वस्थ जीवनशैली, जैसे कि नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और धूम्रपान छोड़ना, सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।

 

  • बाहरी कारकों से बचाव: बाहरी कारकों से बचना, जैसे कि सीगरेट धूम्रपान या बेसेक्सुअल संबंध, भी सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

 

  • इलाज और समर्थन: यदि किसी को सर्वाइकल कैंसर का संदेश मिलता है, तो उसे उचित इलाज और समर्थन की सुविधा मिलनी चाहिए। समर्थन समूह, चिकित्सा देखभाल, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं इसमें मदद कर सकती हैं।

 

 

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए विभिन्न उपायों को संयुक्त रूप से अपनाने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यहाँ तक कि वैक्सीनेशन के साथ नियमित स्क्रीनिंग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकते हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमे connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।