सभी के जीवन में कोई न कोई समस्या रहती है जो उनकी जिंदगी में चिंता का कारण बनती है। चिंता का अनुभव करना जीवन का एक सामान्य हिस्सा है। अक्सर, चिंता के विकारों में बहुत अधिक चिंता या किसी चीज का डर शामिल होता है। जो मिनटों के भीतर अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है जैसे पैनिक अटैक।
चिंता को अंग्रेजी में (anxiety) कहा जाता है। चिंता और घबराहट की ये भावनाएं आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डालती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना आपके लिए मुश्किल होता है, ऐसा आपके साथ लंबे समय तक हो सकता है। आप इन भावनाओं को रोकने के लिए और अपने मन में बदलाव महसूस करने के लिए उस स्थान या स्थितियों से बच सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको चिंता के लक्षण को पहचानने की आवश्यकता होती है।
चिंता कब होती है?
दरअसल किसी भी इंसान के मन में चिंता तब प्रवेश करती है जब वह उस चीज के बारे में बार-बार सोचता है और उसके मन में अजीब तरह के प्रश्न उठते हैं जिनके सवाल वह खुद ढूंढने में लगा रहता है। वह उस चीज के बारे में नकारात्मक तरीके से ही सोचता है। चिंता एक तरह का विकार है जो उस इंसान के स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्रभवित करता है। पहले वह मानसिक रूप से बीमार होता है उसके बाद उसे शरीरिक समस्याएं होती हैं।
चिंता के लक्षण
चिंता संकेत और लक्षणों में शामिल हैं:
- घबराहट होना
- बेचैनी या तनाव महसूस करना
- हृदय गति का असामान्य होना
- तेजी से साँस लेना (हाइपरवेंटिलेशन)
- पसीना आना
- कमजोरी या थकान महसूस होना
- वर्तमान की चिंता के अलावा किसी और चीज के बारे में ध्यान केंद्रित करने या सोचने में परेशानी
- सोने में परेशानी होना
- जठरांत्र (gastrointestinal) समस्या
- हमेशा थकान रहना
चिंता होने पर आपको चिंता के लक्षण को समझना सबसे जरुरी है। तभी आप इसके कारणों को भी समझ पाएंगे किसी भी व्यक्ति का चिंता करना उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। आपको बता दें की चिंता के भी कई प्रकार होते हैं।
चिंता के प्रकार
चिंता विकारों में इसके प्रकार भी शामिल हैं :
- सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalised Anxiety Disorder)
- आतंक विकार (घबराहट या भय) (Panic Disorder)
- अभिघातजन्य तनाव विकार (Post-traumatic stress disorder PTSD)
- सामाजिक चिंता विकार (Social Anxiety Disorder)
- ऑब्सेस कम्पलसिव डिसऑर्डर (Obsessive-Compulsive Disorder-OCD)
- फोबिया (किसी वस्तु, स्थान, स्थिति या भावना का अत्यधिक और भयावह भय)
चिंता का कारण
अभी तक शोधकर्ताओं को पता नहीं चला है कि चिंता का मुख्य कारण क्या है। लेकिन यह मानसिक बीमारी के अन्य रूपों की तरह ही है, ऐसा होने पर उस व्यक्ति के स्वभाव में बहुत ज्यादा परिवर्तन आता है न तो वह ढंग से खाना खाता है और ना ही ढंग से सोता है। जिसमें आपके मस्तिष्क में परिवर्तन और वातावरण में तनाव पैदा होता है इसमें आपके जीन भी शामिल होते हैं। चिंता के लक्षण को पहचान कर आप इस समस्या से खुद को काफी हद तक दूर कर सकते हैं इसके लिए आपको कुछ साधारण उपायों को करना होगा। सबसे पहले इसके लिए आपकी खराब जीवनशैली ही जिम्मेदार होती है।
चिंता होने पर बचने के उपाय
एक स्वस्थ आहार का सेवन करें : सब्जियों, फलों, उच्च गुणवत्ता वाले मीट, मछली, नट्स और साबुत अनाज से भरपूर आहारों का सेवन करें ऐसा करने से चिंता विकसित होने का खतरा कम होता है।
कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें : अत्यधिक कैफीन का सेवन कुछ लोगों में चिंता की भावनाओं को उत्पन्न करता है। विशेष रूप से उन चिंता के विकारों के साथ है।
शराब से परहेज करें : चिंता और शराब दोनों ही आपके स्वास्थ्य के लिए खराब होती है कुछ लोगों को मानना है कि चिंता होने पर शराब का सेवन आपकी होने वाली चिंता को कम कर देता है ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि इससे आपका स्वास्थ्य खराब होता है इसकी वजह से आप अधिक चिंता करने लगते हैं।
धूम्रपान छोड़े : धूम्रपान चिंता के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही ये आपके फेफड़ो को भी बहुत नुकसान पहुँचाता है इसकी वजह से कई अन्य बीमारी का शिकार होते हैं।
नियमित व्यायाम करना : नियमित व्यायाम एक चिंता विकार को विकसित करने के जोखिम को कम करता है, रोजाना व्यायाम करना आपके मानसिक और शारीरक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा रहता है। ऐसा करने से आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।
मैडिटेशन : ध्यान केंद्रित करना तनाव को कम करने में सबसे कारगर तरीका है चिंता के लक्षण होने पर आपको मैडिटेशन ही करना चाहिए।
चिंता के लक्षण दिखने पर आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए आपको लगता है कि आप बहुत अधिक चिंता कर रहे हैं और यह आपके रोजमर्रा के काम, रिश्तों या आपके जीवन में बाधा डाल रहा है तो ऐसी में आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आप हमारे डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं।
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