कैसे करें गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित यात्रा : जाने किन बातों का रखें ध्यान

किसी भी महिला के लिए गर्भ धारण करना एक सुखद पल होता है। मगर इस दौरान उसे कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं अक्सर दुविधा में रहती हैं। लेकिन, जरा सी सावधानी बरतकर आप प्रेगनेंसी के साथ भी ट्रेवल कर सकती हैं।

 

गर्भावस्था के दौरान यात्रा करने का सबसे सुरक्षित समय दूसरी तिमाही के दौरान होता है, यदि आपकी गर्भावस्था में कोई चिंता या जटिलता नहीं है। अधिकांश मामलों में यात्रा के लिए दूसरी तिमाही आदर्श होती है क्योंकि दूसरी तिमाही में मचली की परेशानी खतम हो जाती है और गर्भपात होने का खतरा भी खतम हो जाता है। दूसरी तिमाही में भ्रूण अधिक स्थिर हो जाता है। इसके अलावा, तीसरी तिमाही दूर होती है, जहां यात्रा-संबंधी कारकों के कारण समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा होता है। यदि आपकी गर्भावस्था एक उच्च जोखिम वाली है, तो किसी भी यात्रा के पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

 

गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित यात्रा करने टिप्स ( Pregnancy Travel Tips In Hindi)

 

गर्भावस्था के दौरान हवाई यात्रा (Pregnancy and air travel In Hindi):

 

  • हवाई यात्रा करने से पहले, अपनी गर्भावस्था से संभावित जोखिमों के बारे में अपने चिकित्सक से चर्चा कर लें। जिनके गर्भ में एक से ज़्यादा बच्चे होते हैं या गर्भकालीन मधुमेह होता है उन्हे हवाई यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती है।

 

  • कई एयरलाइंस 8 महीने तक उड़ान भरने की अनुमति देते हैं, लेकिन नौवे महीने में आपको अपने डॉक्टर से अनुमति पत्र का उत्पादन करना पड़ सकता है।

 

  • आपकी गर्भावस्था के आखिरी छह सप्ताह में हवाई यात्रा के दौरान समयपूर्व डिलिवरी हो सकती है।

 

  • शौचालय तक आसानी से पहुंचने और एक लंबी अवधि की उड़ान में अपने पैरों को उठाने और खींचने में आसानी के लिए यदि संभव हो तो किनारे की सीट बुक करें। अगर किसी भी अशांति का सामना करना पड़ता है तो फ्लाइट में चलते हुए सीटों को पकड़ के चलें।

 

  • अपनी उड़ान से पहले और दौरान कार्बोनेटेड पेय और गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

 

  • पेट के नीचे और हिपबोन के नीचे सीटबेल्ट पहनें।

 

  • यदि आप मचली से पीड़ित हैं, तो अपने चिकित्सक से दवा पूछ लें जो कि आप साथ ले जा सकती हैं।

 

गर्भावस्था के दौरान ट्रेन यात्रा (train travel in pregnancy in hindi)

 

  • ट्रेन में चलने के लिए अधिक स्थान होता है। गिरने से बचने के लिए आपको हमेशा हैंडल/ रौड को पकड़कर चलना चाहिए।यात्रा के समय को 5-6 घंटे तक सीमित रखें और रक्त परिसंचरण को बनाए रखने के लिए हाथ पैरों में खिचाव करें।

 

  • यदि आप अकेले सफर कर रहीं हैं, तो जितना सामान आप आसानी से ले जा सकती हैं उतना सामान ही लें और पहियों वाले सूटकेस का उपयोग जिससे आप उसे खींच सकें। यदि आप अधिक भार उठाती हैं तो आप अपनी पीठ को चोट पहुंचा सकती हैं।

 

  • विशेष रूप से चलती ट्रेन में एक बोगी से दूसरी बोगी में न जाएँ।

 

  • ऐसी सीट चुनें जो कि यात्रा की दिशा में हो और नीचे की सीट लें। अगर आपको सही सीट नहीं मिलती है तो आसपास के लोगों को अपनी अवस्था के बारे में बताएं और सीट बदलने की विनती करें।

 

  • अपने साथ आवश्यक दवा ले के चलें।

 

  • चलती हुई ट्रेन पर चढ़ने का प्रयास कभी न करें। समय से थोड़ा पहले जाएँ जिससे अधिक भीड़ से बच सके।

 

  • यात्रा के दौरान अपने आप को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त पानी और भोजन साथ ले के चलें।

 

  • गर्भावस्था के दौरान सड़क यात्रा  (road trip in pregnancy in hindi)

 

  • सुनिश्चित करें कि आपकी यात्रा का समय बहुत लंबा नहीं है। एक अच्छी यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, ऐसे यात्रा मार्ग की योजना बनाएं, जो कच्ची सड़क और गड्ढों से मुक्त हो।

 

  • अपने पैरों को फैलाने और थोड़ा चलने फिरने के लिए बीच बीच में रुकते रहें।

 

  • सीट बेल्ट अवश्य बाँधें और अपने पेट के नीचे बाँधें।

 

गर्भावस्था के दौरान यात्रा करते समय इन बातों का रखें ध्यान (follow these steps for safe travel during pregnancy in hindi)

 

  • प्रेग्नेंसी का दूसरा फेज यानी 3 से 6 महीने के बीच का समय सुरक्षा की दृष्टि से सेफ होता हैं। इन महीनों के दौरान आप आसानी से ट्रैवल कर सकती हैं क्योंकि इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें कम ही होती हैं।

 

  • सेफ ट्रैवल के साथ ही जरूरी है कि आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको ऐसी जगहों पर जाने से बचना है जहां किसी संक्रमित बीमारी का प्रकोप फैला हो।

 

  • वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित नहीं होती लेकिन किन्हीं कारणों से यदि आपको हवाई यात्रा करनी पड़े तो आपको गर्भावस्था के 14 से 28 सप्ताहों के बीच में ही यात्रा करनी चाहिए व उससे पहले अपने डाॅक्टर की सलाह लेना कभी न भूलें।

 

  • लंबा सफर करने से बचें। यदि आप ट्रैवल कर भी रहे हैं तो अपने साथ पानी की पूर्ण सुविधा रखें जिससे पानी की कमी न होने पाएं।

 

  • कहीं भी जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें और डॉक्टर के निर्दशों का पालन करें।

 

  • ट्रैवल पर जाते समय डॉक्टर के निर्देशों का पालन करते हुए सभी दवाईयों को अपने साथ रखें और अपने डॉक्टर के पेपर्स और डॉक्टर का नंबर हमेशा अपने साथ रखें। जिससे आपातकालीन में आप उसका उपयोग कर पाएं।

 

  • गाड़ी में यात्रा के दौरान खिड़की खोल कर रखें और सीट बेल्ट को पेट के नीचे बांधे।

 

  • कार में बहुत ज्यादा सिकुड़ कर न बैठे बल्कि पैर फैलाते हुए ऐसे बैठे जिससे आप आसानी से पैर हिला सकें और ऐंठन या अकड़न होने पर आपको अपना पोस्चर बदलने में दिक्कत न हो।

 

  • सीट पर पीछे की तरफ कमर ऐसे टिका कर बैठे जिससे कोई दर्द न हो।

 

  • सफर पर जाने से पहले वहां के माहौल और मौसम की पूरी जानकारी ले लें और उसी हिसाब से कपड़े लेकर जाएं।

 

  • बहुत ज्यादा फैशन के चक्कर में टाइट कपड़े या फिर हील वाली सैंडल इत्यादि का इस्तेमाल न करें।

 

  • ट्रैवल के दौरान कोई भी समस्या होने पर अपने मन से कोई दवा न खाएं अपने डॉक्टर या फिर नजदीकी किसी डॉक्टर से जरूर कसंल्ट कर लें।
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