इन कारणों से होती है हार्ट की समस्या, भूलकर भी न करे इग्नोर

 

हार्ट (Heart) यानी की दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वूर्ण अंग होता है। जब तक इसकी धड़कन चल रही है, तब तक हमारा जीवन चल रहा है। कई बार कुछ कारणों की वजह से हार्ट की समस्या होने लगती है। लेकिन जब तक हार्ट शरीर के अंगों में ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई करता है, तब तक जीवन चलता रहता है। दुनियाभर में हार्ट की समस्या के कारण मरने वालों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है। यह समस्या ज्यादातर लोगों की गलत जीवनशैली (lifestyle) और खानपान की गलत आदतें हैं।

 

कुछ लोग हार्ट की समस्या का मतलब केवल हार्ट अटैक यानी हृदयाघात (heart attack) ही जानते हैं। लेकिन, हार्ट अटैक के अलावा भी हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं।

 

 

हृदय रोग के प्रकार

 

 

आइए जानते हैं कितने प्रकार के होते हैं हृदय रोग –

 

एरिथमिया (Arithmetia)

 

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिल की धड़कन अनियमित (Irregular) हो जाती है। एरिथमिया की समस्या तब होती है, जब दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रिक वेव्स ठीक से काम नहीं करते हैं।

 

 

एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)

 

इस तरह के हृदय रोग होने पर दिल में ब्लड (Blood) की सप्लाई कम हो जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कई कारणों से हो सकता है। आमतौर पर शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की बढ़ी हुई मात्रा, इंसुलिन हार्मोन (Insulin hormone) की मात्रा घटना, हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure), अधिक धूम्रपान, कम शारीरिक मेहनत, अधिक उम्र और अनुवांशिक कारणों से हो सकता है।

 

 

जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart disease)

 

जन्मजात हृदय दोष वो परेशानियां होती हैं, जो गर्भावस्था में ही शिशु के दिल में पैदा हो जाती हैं, जिसे जन्मजात हृदय दोष कहा जाता है।

 

 

कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) या कोरोनरी धमनी रोग

 

(सीएडी) कोरोनरी धमनी रोग या कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) बहुत ही गंभीर अवस्‍था है। इस बीमारी में प्‍लाक (Plaque) के कारण कोरोनरी धमनियां सिकुड़ जाती हैं। जिस वजह से हृदय को कम मात्रा में रक्‍त प्राप्‍त होता है।

 

 

कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)

 

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण दिल की मांसपेशियां बड़ी और कठोर हो जाती हैं और जिस वजह से ये मांसपेशियां मोटी और कमजोर हो जाती हैं। कार्डियोमायोपैथी को लोग “ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम” (Broken heart syndrome) भी कहते हैं, क्योंकि अक्सर ज्यादा खुशी या ज्यादा गम होने पर व्यक्ति में इसके लक्षण देखे जा सकते हैं।

 

 

हार्ट की समस्या के लक्षण

 

 

  • अचानक सीने में दर्द दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है हार्ट की समस्या के लक्षण

 

  • हाथों, कमर, गर्दन, जबड़े या फिर पेट में दर्द और बेचैनी महसूस होना

 

 

  • पसीना आना

 

  • मतली या चक्कर आना

 

  • आपको व्यायाम या अन्य शारीरिक श्रम के दौरान सीने में दर्द हो सकता है जिसे एनजाइना कहते हैं। जो कि कोरोनरी धमनी की बीमारी (सी ए डी) के आम लक्षण हैं।

 

 

इन कारणों से होती है हार्ट की समस्या के कारण

 

 

  • थकान

 

  • सांस फूलना और जल्दी पसीना आना

 

  • गले, जबड़े, पीठ और हाथ का दर्द

 

  • छाती में दबाव

 

  • चक्कर आना और आंखों के आगे अंधेरा छाना

 

 

  • पैर, तलवे आदि में सूजन

 

  • दिल की धड़कन का तेज़ होना

 

 

हार्ट की समस्या किन लोगों को ज्यादा होती है

 

 

जानिए किन लोगों को सबसे ज्यादा हार्ट अटैक आने की आशंका होती है।

 

  • डायबिटीज के मरीजों (Diabetic patients) में हार्ट की समस्या अधिक होती है, क्योंकि उनकी नर्व्स में ब्लॉकेज (Blockage in nerves) होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसके कारण हार्ट की समस्या बढ़ जाती है।

 

  • हाई बीपी (High BP) की समस्या होने पर कोलेस्ट्राल (Cholesterol) की भी मात्रा अधिक बढ़ जाता है, जो की हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

 

  • अगर आप अत्यधिक मात्रा में धूम्रपान करते है, तो इससे परहेज करे, क्योंकि अधिक धूम्रपान करने के कारण हार्ट से ब्लड पहुंचाने वाली नर्व्स ब्लॉक हो जाती है और जिस वजह से हार्ट की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।

 

  • बढ़ती उम्र के साथ-साथ एक्सरसाइज (excercise) में न ध्यान देने से कोलेस्ट्राल बढ़ जाता है। जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

 

  • कुछ ऐसी गंभीर बीमारियां भी होती है, जो कि जेनेटिक होती है, उसी तरह हार्ट की समस्या भी जेनेटिक (Genetic) हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों में होती है, जिनके परिवार में पहले से ही किसी को हार्ट की बीमारी हो। इससे बचने के लिए आपको अपने डाइट (Diet) पर ध्यान देना बहुत जरुरी है, इसलिए हेल्दी डाइट (Healthy Diet) लें।

 

 

अपने हार्ट को स्वस्‍थ रखने के लिए क्या करें

 

 

  • नियमित रूप से साइकिलिंग (Cycling), वॉकिंग (Walking) और हो सके तो स्वीमिंग करें।

 

  • धूम्रपान से परहेज करे।

 

  • अधिक वसा वाले भोजन न करें।

 

  • अपने भोजन में नमक का प्रयोग कम करें।

 

  • कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।

 

  • कैफीन (Caffeine) के सेवन से परहेज करे।

 

 

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। रोजाना 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।

 

 

अगर आपको भी हार्ट की समस्या हो रही हो या ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे। 

 

 

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